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खादी को राष्ट्रीय पोशाक के रूप में अपनाएं : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को लोगों से खादी को एक राष्ट्रीय पोशाक के रूप में अपनाने और इसके उपयोग को बढ़ावा देने का आग्रह किया. नायडू ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से आगे आने और खादी के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की. पढ़ें पूरी खबर...

VP Venkaiah Naidu
VP Venkaiah Naidu
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Published : Aug 31, 2021, 5:57 PM IST

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को लोगों से खादी को एक राष्ट्रीय पोशाक के रूप में अपनाने और इसके उपयोग को बढ़ावा देने का आग्रह किया. नायडू ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से आगे आने और खादी के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की.

नायडू ने बताया खादी के पर्यावरणीय लाभ

दरअसल, उपराष्ट्रपति 'खादी भारत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता' को शुरू किए जाने के अवसर पर बोल रहे थे जिसे 'आज़ादी अमृत महोत्स' के हिस्से के रूप में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission - KVIC) ने आयोजित किया है.

खादी के पर्यावरणीय लाभों का जिक्र करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि खादी में कार्बन की थोड़ी सी भी मात्रा नहीं होती है क्योंकि इसे बनाने के लिए बिजली की तनिक भी आवश्यकता नहीं पड़ती है या किसी भी प्रकार के ईंधन की आवश्यकता नहीं होती है.

एक सरकारी बयान के मुताबिक नायडू ने कहा, ऐसे समय में जब दुनिया कपड़ों में स्थायी विकल्प तलाश रही है, यह याद रखना चाहिए कि खादी पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ कपड़े के रूप में निश्चित रूप से जरूरतों को पूरा करता है.'

'खादी स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ने में मदद करेगा'

उन्होंने शिक्षण संस्थानों से वर्दी के तौर पर खादी के इस्तेमाल की संभावनाओं का पता लगाने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह न केवल छात्रों को खादी के कई लाभों का अनुभव करने का मौका देगा बल्कि उन्हें महान स्वतंत्रता सेनानियों और स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ने में भी मदद करेगा.

नायडू ने कहा कि इसकी बनावट नमी को सोखने में सहायक होती 'जो हमारी स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है.' उन्होंने युवाओं से खादी को फैशन बनाने और सभी को इसके इस्तेमाल के लिए आकर्षित करने की अपील की.

प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सभी से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि यह अपनी जड़ों की ओर वापस जाने का एक रोचक तरीका है क्योंकि यह स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक क्षणों और स्वाधीनता सेनानियों के अद्वितीय योगदान को याद कराता है.

पढ़ें : 'खादी' को तीन देशों में मिला ट्रेडमार्क पंजीकरण, अभी दुनिया के 40 मुल्कों में आवेदन लंबित

स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष को वीर गाथा का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि कैसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने औपनिवेशिक शासन के विरूद्ध देश भर के लोगों को प्रभावित किया.

खादी क्षेत्र में तेजी से विकास लाने की सराहना

नायडू ने पिछले सात वर्ष में खादी क्षेत्र में आये उल्लेखनीय बदलाव प्रसन्नता व्यक्त की और खादी क्षेत्र में तेजी से विकास के लिए सरकार, KVIC और सभी पक्षों की सराहना की.

इस समारोह में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा और अन्य भी शामिल हुए.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को लोगों से खादी को एक राष्ट्रीय पोशाक के रूप में अपनाने और इसके उपयोग को बढ़ावा देने का आग्रह किया. नायडू ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से आगे आने और खादी के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की.

नायडू ने बताया खादी के पर्यावरणीय लाभ

दरअसल, उपराष्ट्रपति 'खादी भारत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता' को शुरू किए जाने के अवसर पर बोल रहे थे जिसे 'आज़ादी अमृत महोत्स' के हिस्से के रूप में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission - KVIC) ने आयोजित किया है.

खादी के पर्यावरणीय लाभों का जिक्र करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि खादी में कार्बन की थोड़ी सी भी मात्रा नहीं होती है क्योंकि इसे बनाने के लिए बिजली की तनिक भी आवश्यकता नहीं पड़ती है या किसी भी प्रकार के ईंधन की आवश्यकता नहीं होती है.

एक सरकारी बयान के मुताबिक नायडू ने कहा, ऐसे समय में जब दुनिया कपड़ों में स्थायी विकल्प तलाश रही है, यह याद रखना चाहिए कि खादी पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ कपड़े के रूप में निश्चित रूप से जरूरतों को पूरा करता है.'

'खादी स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ने में मदद करेगा'

उन्होंने शिक्षण संस्थानों से वर्दी के तौर पर खादी के इस्तेमाल की संभावनाओं का पता लगाने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह न केवल छात्रों को खादी के कई लाभों का अनुभव करने का मौका देगा बल्कि उन्हें महान स्वतंत्रता सेनानियों और स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ने में भी मदद करेगा.

नायडू ने कहा कि इसकी बनावट नमी को सोखने में सहायक होती 'जो हमारी स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है.' उन्होंने युवाओं से खादी को फैशन बनाने और सभी को इसके इस्तेमाल के लिए आकर्षित करने की अपील की.

प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सभी से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि यह अपनी जड़ों की ओर वापस जाने का एक रोचक तरीका है क्योंकि यह स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक क्षणों और स्वाधीनता सेनानियों के अद्वितीय योगदान को याद कराता है.

पढ़ें : 'खादी' को तीन देशों में मिला ट्रेडमार्क पंजीकरण, अभी दुनिया के 40 मुल्कों में आवेदन लंबित

स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष को वीर गाथा का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि कैसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने औपनिवेशिक शासन के विरूद्ध देश भर के लोगों को प्रभावित किया.

खादी क्षेत्र में तेजी से विकास लाने की सराहना

नायडू ने पिछले सात वर्ष में खादी क्षेत्र में आये उल्लेखनीय बदलाव प्रसन्नता व्यक्त की और खादी क्षेत्र में तेजी से विकास के लिए सरकार, KVIC और सभी पक्षों की सराहना की.

इस समारोह में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा और अन्य भी शामिल हुए.

(पीटीआई-भाषा)

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