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नायडू ने भारत की रक्षा को मजबूत करने के लिए स्वदेशी तकनीक विकसित करने पर दिया जोर

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारत के रक्षा को मजबूत करने के लिए स्वदेशी रूप से अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा है कि मुझे खुशी है कि भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस का बड़ी संख्या में उत्पादन किया जाएगा और सरकार ने भारतीय रक्षा उद्योग को मजबूत करने के लिए पहल की है.

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Published : Aug 20, 2021, 6:33 PM IST

वेंकैया नायडू
वेंकैया नायडू

बेंगलुरु : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि जटिल भू-राजनीति के मद्दनेजर भारत के रक्षा को मजबूत करने के लिए स्वदेशी रूप से अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए.

नायडू ने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के साथ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इकाई का अपना पहला दौरा किया.

नायडू ने एचएएल और एयरोनॉटिकल डेवलप्मेंट एजेंसी (एडीए) के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, 'एयरोस्पेस और रक्षा में इस प्रभावशाली बुनियादी ढांचे को देखने के बाद, मैं अपने देश की रक्षा को लेकर आश्वस्त हूं.'

विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने एचएएल की विभिन्न रक्षा परियोजनाओं में चल रही सार्वजनिक-निजी भागीदारी की सराहना की और कहा कि जटिल भू-राजनीति की पृष्ठभूमि में भारत के रक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए स्वदेशी रूप से अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए.

उन्होंने कहा कि वह भविष्य में एयरोस्पेस और रक्षा में भारत के आत्मनिर्भरता के सपने को साकार करने में एचएएल द्वारा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद करते हैं. उपराष्ट्रपति ने कहा, 'कंपनी ने अपनी स्थापना के बाद पिछले 80 वर्षों में जो भूमिका निभायी है उस पर मुझे गर्व है.'

उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस का बड़ी संख्या में उत्पादन किया जाएगा और सरकार ने भारतीय रक्षा उद्योग को मजबूत करने के लिए पहल की है.'

पढ़ें - हरियाणा : स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को दिया गया ऑक्सीजन सपोर्ट

उपराष्ट्रपति और राज्यपाल ने एलसीएच, एएलएच हैंगर और एलसीए तेजस डिवीजन का दौरा किया.

राज्यपाल गहलोत ने कंपनी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि एचएएल एक अनूठी एयरोस्पेस कंपनी है जिसके उत्पादों की एक विविध रेंज है. उन्होंने कहा, 'कंपनी के भविष्य के कदम को लेकर काफी उम्मीदें हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि जटिल भू-राजनीति के मद्दनेजर भारत के रक्षा को मजबूत करने के लिए स्वदेशी रूप से अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए.

नायडू ने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के साथ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इकाई का अपना पहला दौरा किया.

नायडू ने एचएएल और एयरोनॉटिकल डेवलप्मेंट एजेंसी (एडीए) के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, 'एयरोस्पेस और रक्षा में इस प्रभावशाली बुनियादी ढांचे को देखने के बाद, मैं अपने देश की रक्षा को लेकर आश्वस्त हूं.'

विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने एचएएल की विभिन्न रक्षा परियोजनाओं में चल रही सार्वजनिक-निजी भागीदारी की सराहना की और कहा कि जटिल भू-राजनीति की पृष्ठभूमि में भारत के रक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए स्वदेशी रूप से अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए.

उन्होंने कहा कि वह भविष्य में एयरोस्पेस और रक्षा में भारत के आत्मनिर्भरता के सपने को साकार करने में एचएएल द्वारा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद करते हैं. उपराष्ट्रपति ने कहा, 'कंपनी ने अपनी स्थापना के बाद पिछले 80 वर्षों में जो भूमिका निभायी है उस पर मुझे गर्व है.'

उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस का बड़ी संख्या में उत्पादन किया जाएगा और सरकार ने भारतीय रक्षा उद्योग को मजबूत करने के लिए पहल की है.'

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उपराष्ट्रपति और राज्यपाल ने एलसीएच, एएलएच हैंगर और एलसीए तेजस डिवीजन का दौरा किया.

राज्यपाल गहलोत ने कंपनी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि एचएएल एक अनूठी एयरोस्पेस कंपनी है जिसके उत्पादों की एक विविध रेंज है. उन्होंने कहा, 'कंपनी के भविष्य के कदम को लेकर काफी उम्मीदें हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

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