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नायडू की तीन देशों की यात्रा में कारोबार, ऊर्जा सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर होगा जोर

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu) 30 मई से 7 जून तक गेबन, सेनेगल और कतर की नौ दिवसीय यात्रा पर जाएंगे. इस दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा. उक्त जानाकारी विदेश मंत्रालय में सचिव दामू रवि ने दी.

Vice President M Venkaiah Naidu
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)
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Published : May 27, 2022, 6:43 PM IST

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu) 30 मई से गेबन, सेनेगल और कतर की नौ दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जहां इन देशों के साथ कारोबार, निवेश, ऊर्जा, विकास सहयोग सहित संबंधों को और मजबूत बनाने के रास्तों पर चर्चा होगी तथा कई द्विपक्षीय समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए जा सकते हैं. विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) दामू रवि ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि भारत से उपराष्ट्रपति के स्तर पर इन तीन देशों की यह पहली यात्रा होगी. गेबन और सेनेगल के लिए भारत से यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी.

उन्होंने कहा 'अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को भारत बहुत महत्व देता है और यह हमारी प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है. यह इस बात से भी स्पष्ट होता है कि वर्ष 2014 के बाद से हमारी ओर से इस क्षेत्र में 34 यात्राएं हुईं और आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा.' रवि ने बताया कि गेबन और सेनेगल पश्चिमी अफ्रीकी देश हैं जहां प्राकृतिक संसाधनों की बहुतायत है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी अफ्रीकी देशों में प्राकृतिक संसाधनों का उचित दोहन नहीं हुआ है और ऐसे में इस क्षेत्र में संयुक्त गठजोड़ सहित अन्य माध्यमों से भारतीय कंपनियों के लिए काफी संभावनाएं हैं.

उपराष्ट्रपति 30 मई से एक जून तक गेबन की यात्रा पर रहेंगे. वह, गेबन की प्रधानमंत्री रोज क्रिश्चियन ओसोउका रापोंडा के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता करेंगे. नायडू गेबन के राष्ट्रपति अली बोंगो ओंदिम्बा एवं अन्य गणमान्य लोगों से भी भेंट करेंगे. वह गेबन में कारोबारी समुदाय से बातचीत करेंगे और वहां भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे. गेबन, भारत का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है. भारत और गेबन अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य हैं.

गेबन की यात्रा पूरी करने के बाद उपराष्ट्रपति 1 से 3 जून तक सेनेगल जाएंगे. इस दौरान वह सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी साल के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता करेंगे. उपराष्ट्रपति वहां कारोबारियों एवं भारतीय समुदाय के लोगों से भी चर्चा करेंगे. सेनेगल अभी अफ्रीकी यूनियन का अध्यक्ष है. विदेश मंत्रालय में सचिव रवि ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत ऊर्जा सुरक्षा हितों एवं दीर्घकालीन हितों को ध्यान में रखते हुए निवेश की संभावना पर विचार करेगा.

ये भी पढ़ें - उपराष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों से सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा

उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में गेबन के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार 44 करोड़ डालर से बढ़कर 1.12 अरब डालर हो गया है तथा वहां अभी 54 भारतीय कंपनियां सक्रिय हैं. उन्होंने बताया कि सेनेगल के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार 1.65 अरब डालर का है और यह तेजी से बढ़ रहा है. भारत की रिण सुविधा के तहत 35 करोड़ डालर की 16 परियोजनाएं वहां चल रही हैं तथा क्षमता निर्माण का कार्य जारी है.

वहीं, विदेश मंत्रालय में सचिव (सीपीवी) डॉ. औसफ सईद ने बताया कि उपराष्ट्रपति 4 से 7 जून तक कतर की यात्रा पर जाएंगे जहां वह कतर के नायब अमीर शेख अब्दुल्ला बिन हमाद अल थानी के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता करेंगे और द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे. उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति यात्रा के दौरान कतर के कई गणमान्य लोगों से मुलाकात करेंगे और कारोबारियों को भी संबोधित करेंगे. उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति 'भारत कतर स्टार्टअप ब्रिज' का शुभारंभ भी कर सकते हैं. सईद ने बताया कि छह जून को उपराष्ट्रपति कतर फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे.

सचिव ने कहा कि इस यात्रा से वहां कारोबारी समुदाय एवं राजनीतिक नेतृत्व तक पहुंच बनाने के अलावा कतर के साथ बेहद पुराने ऐतिहासिक संबंधों एवं विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा 'हम अपने गठजोड़ को दीर्घकालीन ऊर्जा गठजोड़ में बदलने को आशान्वित हैं.' विदेश मंत्रालय के अनुसार, लोगों के बीच सम्पर्क भारत और कतर के ऐतिहासिक संबंधों के केंद्र में हैं. कतर में करीब 7,50,000 भारतीय रहते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu) 30 मई से गेबन, सेनेगल और कतर की नौ दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जहां इन देशों के साथ कारोबार, निवेश, ऊर्जा, विकास सहयोग सहित संबंधों को और मजबूत बनाने के रास्तों पर चर्चा होगी तथा कई द्विपक्षीय समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए जा सकते हैं. विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) दामू रवि ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि भारत से उपराष्ट्रपति के स्तर पर इन तीन देशों की यह पहली यात्रा होगी. गेबन और सेनेगल के लिए भारत से यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी.

उन्होंने कहा 'अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को भारत बहुत महत्व देता है और यह हमारी प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है. यह इस बात से भी स्पष्ट होता है कि वर्ष 2014 के बाद से हमारी ओर से इस क्षेत्र में 34 यात्राएं हुईं और आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा.' रवि ने बताया कि गेबन और सेनेगल पश्चिमी अफ्रीकी देश हैं जहां प्राकृतिक संसाधनों की बहुतायत है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी अफ्रीकी देशों में प्राकृतिक संसाधनों का उचित दोहन नहीं हुआ है और ऐसे में इस क्षेत्र में संयुक्त गठजोड़ सहित अन्य माध्यमों से भारतीय कंपनियों के लिए काफी संभावनाएं हैं.

उपराष्ट्रपति 30 मई से एक जून तक गेबन की यात्रा पर रहेंगे. वह, गेबन की प्रधानमंत्री रोज क्रिश्चियन ओसोउका रापोंडा के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता करेंगे. नायडू गेबन के राष्ट्रपति अली बोंगो ओंदिम्बा एवं अन्य गणमान्य लोगों से भी भेंट करेंगे. वह गेबन में कारोबारी समुदाय से बातचीत करेंगे और वहां भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे. गेबन, भारत का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है. भारत और गेबन अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य हैं.

गेबन की यात्रा पूरी करने के बाद उपराष्ट्रपति 1 से 3 जून तक सेनेगल जाएंगे. इस दौरान वह सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी साल के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता करेंगे. उपराष्ट्रपति वहां कारोबारियों एवं भारतीय समुदाय के लोगों से भी चर्चा करेंगे. सेनेगल अभी अफ्रीकी यूनियन का अध्यक्ष है. विदेश मंत्रालय में सचिव रवि ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत ऊर्जा सुरक्षा हितों एवं दीर्घकालीन हितों को ध्यान में रखते हुए निवेश की संभावना पर विचार करेगा.

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उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में गेबन के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार 44 करोड़ डालर से बढ़कर 1.12 अरब डालर हो गया है तथा वहां अभी 54 भारतीय कंपनियां सक्रिय हैं. उन्होंने बताया कि सेनेगल के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार 1.65 अरब डालर का है और यह तेजी से बढ़ रहा है. भारत की रिण सुविधा के तहत 35 करोड़ डालर की 16 परियोजनाएं वहां चल रही हैं तथा क्षमता निर्माण का कार्य जारी है.

वहीं, विदेश मंत्रालय में सचिव (सीपीवी) डॉ. औसफ सईद ने बताया कि उपराष्ट्रपति 4 से 7 जून तक कतर की यात्रा पर जाएंगे जहां वह कतर के नायब अमीर शेख अब्दुल्ला बिन हमाद अल थानी के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता करेंगे और द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे. उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति यात्रा के दौरान कतर के कई गणमान्य लोगों से मुलाकात करेंगे और कारोबारियों को भी संबोधित करेंगे. उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति 'भारत कतर स्टार्टअप ब्रिज' का शुभारंभ भी कर सकते हैं. सईद ने बताया कि छह जून को उपराष्ट्रपति कतर फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे.

सचिव ने कहा कि इस यात्रा से वहां कारोबारी समुदाय एवं राजनीतिक नेतृत्व तक पहुंच बनाने के अलावा कतर के साथ बेहद पुराने ऐतिहासिक संबंधों एवं विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा 'हम अपने गठजोड़ को दीर्घकालीन ऊर्जा गठजोड़ में बदलने को आशान्वित हैं.' विदेश मंत्रालय के अनुसार, लोगों के बीच सम्पर्क भारत और कतर के ऐतिहासिक संबंधों के केंद्र में हैं. कतर में करीब 7,50,000 भारतीय रहते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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