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अमृतसर के दुर्गियाना मंदिर पहुंचे उपराष्ट्रपति धनखड़, कपाट बंद होने से हुए नाराज

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice-President Jagdeep Dhankhar) अमृतसर (Amritsar) के दुर्गियाना मंदिर (Durgiana Temple) में काफी नाराज दिखे. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पहुंचने के बाद उन्हें मंदिर के कपाट बंद मिले. इससे पहले उन्होंने स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका.

उपराष्ट्रपति धनखड़
उपराष्ट्रपति धनखड़
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Published : Oct 26, 2022, 8:14 PM IST

Updated : Oct 26, 2022, 9:47 PM IST

अमृतसर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को यहां स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में मत्था टेका. धनखड़ ने लंगर में भी हिस्सा लिया और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) (Shiromani Gurdwara Prabandhak Committee) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. धामी ने पहले मीडिया से कहा था कि एसजीपीसी सिख कैदियों की रिहायी को लेकर उपराष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपेगी.

उन्होंने कहा था कि यह मुद्दा समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि सिख कैदियों को उनकी सजा पूरी होने के बाद भी रिहा नहीं किया गया है. पिछले महीने एसजीपीसी ने सिख कैदियों की रिहाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा था. इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अमृतसर (Amritsar) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने विश्व प्रसिद्ध श्री हरमंदिर साहिब पर सिर झुकाया.

उसके बाद वह दुर्गियाना मंदिर (Durgiana Temple) में नतमस्तक होने के लिए मंदिर पहुंचे, लेकिन वहां मंदिर के कपाट बंद होने से वे नाराज दिखाई दिए. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के प्रवक्ता मलविंदर कांग ने कहा कि 'उप-राष्ट्रपति का मंदिर में कार्यक्रम दोपहर 2:50 बजे था, लेकिन मंदिर खुलने का समय 3 बजे है. कांग ने कहा कि उप-राष्ट्रपति वहां दोपहर 2:20 बजे पहुंचे.'

पढ़ें: कांग्रेस में बदलाव की शुरुआत, सीडब्ल्यूसी, एआईसीसी और राज्य टीमों में सुधार करेंगे खड़गे

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, जब तक दरबार साहिब (स्वर्ण मंदिर) के कपाट नहीं खुलते, तब तक सभी भक्त वहीं इंतजार करते हैं. चाहे कोई वीआईपी आए, कोई बड़ा नेता आए या राज्यपाल आए, मंदिर के दरवाजे समय से पहले नहीं खोले जाते हैं. उन्होंने कहा कि गुरुघर या मंदिर के नियम किसी के लिए नहीं बदलते हैं.

(एक्स्ट्रा इनपुट-भाषा)

अमृतसर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को यहां स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में मत्था टेका. धनखड़ ने लंगर में भी हिस्सा लिया और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) (Shiromani Gurdwara Prabandhak Committee) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. धामी ने पहले मीडिया से कहा था कि एसजीपीसी सिख कैदियों की रिहायी को लेकर उपराष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपेगी.

उन्होंने कहा था कि यह मुद्दा समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि सिख कैदियों को उनकी सजा पूरी होने के बाद भी रिहा नहीं किया गया है. पिछले महीने एसजीपीसी ने सिख कैदियों की रिहाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा था. इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अमृतसर (Amritsar) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने विश्व प्रसिद्ध श्री हरमंदिर साहिब पर सिर झुकाया.

उसके बाद वह दुर्गियाना मंदिर (Durgiana Temple) में नतमस्तक होने के लिए मंदिर पहुंचे, लेकिन वहां मंदिर के कपाट बंद होने से वे नाराज दिखाई दिए. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के प्रवक्ता मलविंदर कांग ने कहा कि 'उप-राष्ट्रपति का मंदिर में कार्यक्रम दोपहर 2:50 बजे था, लेकिन मंदिर खुलने का समय 3 बजे है. कांग ने कहा कि उप-राष्ट्रपति वहां दोपहर 2:20 बजे पहुंचे.'

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उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, जब तक दरबार साहिब (स्वर्ण मंदिर) के कपाट नहीं खुलते, तब तक सभी भक्त वहीं इंतजार करते हैं. चाहे कोई वीआईपी आए, कोई बड़ा नेता आए या राज्यपाल आए, मंदिर के दरवाजे समय से पहले नहीं खोले जाते हैं. उन्होंने कहा कि गुरुघर या मंदिर के नियम किसी के लिए नहीं बदलते हैं.

(एक्स्ट्रा इनपुट-भाषा)

Last Updated : Oct 26, 2022, 9:47 PM IST
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