नई दिल्ली : विश्व हिंदू परिषद ने बांग्लादेश में मंदिरों और हिंदू आराध्य देवों की प्रतिमाओं पर हमले की घटनाओं की घोर निंदा की है. विहिप ने आक्रमणकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के साथ ही हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की है.
विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि 'चिटगांव डिवीज़न के कोमिल्ला क्षेत्र में दुर्गा पूजा मंडप के बाहर हनुमानजी की प्रतिमा पर रात के अंधेरे में षड्यंत्रपूर्वक धर्मविशेष की किताब रखे जाने और सुनियोजित ढंग से जगह-जगह दुर्गा पूजा मंडपों की प्रतिमाओं को तोड़ने से हिंदू समाज बेहद आहत है.'
परांडे ने कहा कि 'बांग्लादेश में हिंदुओं को यातनाएं दी जा रही हैं. मंदिरों, पूजा मंडपों पर हुए हमलों में हिंदू अल्पसंख्यकों की जान जा चुकी है, 500 से अधिक घायल हुए हैं. दुर्गा पूजा त्यौहार के दौरान प्रतिमाओं के निरादर की घटनाएं बांग्लादेश में और भी कई स्थानों पर हुई हैं.'
'नुकसान की भरपाई करे बांग्लादेश सरकार'
उन्होंने कहा कि 'स्थानीय उग्रवादी व आतंकी संगठनों के कथित आह्वान के कारण हिंदुओं पर हमले बढ़ने से हालात और बिगड़ सकते हैं. बांग्लादेश का अल्पसंख्यक समाज भयभीत है. बांग्लादेश सरकार अपने अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जिहादियों पर अंकुश लगाए तथा पीड़ित हिंदुओं के नुकसान की भरपाई और मृतकों व घायलों को उचित मुआवजे की व्यवस्था करे.'
विहिप महामंत्री ने कहा कि 'भारत सरकार के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं के जान-माल और उनकी धार्मिक मान्यताओं की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश सरकार पर उचित कार्रवाई के लिए दबाव बनाना चाहिए.'
संयुक्त राष्ट्र और उसकी संबंधित एजेंसियों के इस विषय पर मौन पर भी चिंता व्यक्त करते हुए परांडे ने कहा कि 'हिंदुओं के मानवाधिकारों की रक्षा की जब बात आती है तो ये कार्रवाई से पीछे क्यों हट जाते है? बांग्लादेश सरकार जिहादियों की अबिलंब गिरफ़्तारी व कड़ी सजा के साथ भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम सुनिश्चित करे.'
मिलिंद परांडे ने भरोसा दिलाया कि विश्व हिंदू परिषद समेत समस्त हिंदू समाज बांग्लादेश के पीड़ित हिंदुओं के साथ खड़ा है और उनकी हर-संभव मदद की जाएगी.
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