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बिल्कीस बानो के दोषियों की रिहाई पर भड़के ओवैसी, तो विहिप ने दी चेतावनी - Bilkis convict released

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गुजरात सरकार ने कुछ दोषियों को सजा में छूट देने के फैसले को AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जिस प्रकार मुसलमानों को भड़काने के लिए उपयोग किया है, वह घोर निंदनीय है. ये बात विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डा सुरेन्द्र जैन ने मंगलवार को कही. उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ही यह निर्णय लिया है. उन्होंने आगे क्या कहा, जानने के लिए पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अभिजीत ठाकुर की ये रिपोर्ट

विहिप
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Published : Aug 16, 2022, 7:11 PM IST

नई दिल्ली : गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगे में गैंग रेप की शिकार बिलकिस बानो के 20 साल बाद जख्म फिर ताजे हो गए. मार्च 2002 में दंगाइयों ने बिल्कीस बानो के परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी और फिर बिल्कीस के साथ गैंगरेप किया था. वह भी उस हालत में जब बानो पांच महीने की गर्भवती थी. लंबी लड़ाई के बाद बिल्कीस बानो को इंसाफ मिला और 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा मिली, लेकिन सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने माफी दे दी. अब इस मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है.

बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के बाद AIMIM के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर हमला बोला है. उन्होंने बिल्कीस के दोषियों की रिहाई के फैसले की निंदा की और सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए लिखा, 'भाजपा का यही आजादी का अमृत है, जो लोग इतने गंभीर मामले में सजा काट रहे हैं, उन्हें आजादी दी जा रही है.' वहीं, विश्व हिन्दू परिषद ने गुजरात सरकार के निर्णय का बचाव करते हुए उल्टे ओवैसी पर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश का आरोप लगाया है.

कट्टरपंथी मुस्लिम नेताओं और मौलवियों के इरादों का पर्दाफाश इसी बात से हो जाता है जब वे हिंदुओं के बर्बर हत्या कांड उनकी हल्के-फुल्के शब्दों में निंदा तो करते हैं, लेकिन हत्याओं को गैर इस्लामी कहने वाले इन लोगों में से किसी ने इन बर्बर हत्यारों के विरुद्ध फतवा जारी करके इन्हें इस्लाम से बाहर नहीं किया. इसके विपरित कई मुस्लिम संस्थाएं इनको आर्थिक और कानूनी सहायता देने के तुरंत तत्पर हो जाते हैं. इसका अर्थ यही है कि इनकी निंदा करके वे देश को केवल धोखा देते हैं. वास्तविकता यही है कि देश में निर्मित इस नफरत भरी बर्बर हिंसा के लिए ये नेता और मौलवी ही जिम्मेदार हैं.

विहिप नेता ने चेतावनी दी कि ये 1946 से पूर्व की स्थिति निर्माण करना चाहते हैं और हिंसा का वातावरण बनाकर देश के विकास को अवरुद्ध करना चाहते हैं. इनको समर्थन देने वाले वामपंथी, कांग्रेसी व सैकुलर गैंग को समझना चाहिए कि जिहादी दानव को भड़काना तो आसान है, लेकिन वे इन पर नियंत्रण नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि विहिप इन नेताओं से अपील करती है कि चंद तत्कालिक राजनीतिक स्वार्थों के कारण वे देश में इस सांप्रदायिक हिंसा की आग को भड़काने का अक्षम्य अपराध ना करें. मुस्लिम समाज को ध्यान रखना चाहिए कि वे भारत में जो सम्मान, अधिकार और सुविधा प्राप्त कर रहे हैं, वो किसी मुस्लिम देश के मुस्लिम नागरिकों को भी उपलब्ध नहीं है.

डा. जैन ने पूछा कि वे जन्नत को 'गजवा ए हिंद' के असंभव सपने के माध्यम से जहन्नुम बनाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? ओवैसी जैसे जिन्ना के नए अवतारों की जगह राष्ट्रभक्त नेतृत्व को स्थापित क्यों कर रहे हैं? मुस्लिमों को राष्ट्रभक्त नेतृत्व को स्थापित करना चाहिए और देश के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने में सहयोग करना चाहिए. देश का विकास होगा तो उनका भी विकास होगा. नफरत व हिंसा फैलाने वाले लोग विकास के नहीं अपने विनाश के मार्ग पर ही चलते हैं.

पढ़ें : बिल्कीस बानो के परिवार ने 11 दोषियों की रिहाई पर हैरानी जताई

नई दिल्ली : गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगे में गैंग रेप की शिकार बिलकिस बानो के 20 साल बाद जख्म फिर ताजे हो गए. मार्च 2002 में दंगाइयों ने बिल्कीस बानो के परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी और फिर बिल्कीस के साथ गैंगरेप किया था. वह भी उस हालत में जब बानो पांच महीने की गर्भवती थी. लंबी लड़ाई के बाद बिल्कीस बानो को इंसाफ मिला और 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा मिली, लेकिन सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने माफी दे दी. अब इस मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है.

बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के बाद AIMIM के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर हमला बोला है. उन्होंने बिल्कीस के दोषियों की रिहाई के फैसले की निंदा की और सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए लिखा, 'भाजपा का यही आजादी का अमृत है, जो लोग इतने गंभीर मामले में सजा काट रहे हैं, उन्हें आजादी दी जा रही है.' वहीं, विश्व हिन्दू परिषद ने गुजरात सरकार के निर्णय का बचाव करते हुए उल्टे ओवैसी पर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश का आरोप लगाया है.

कट्टरपंथी मुस्लिम नेताओं और मौलवियों के इरादों का पर्दाफाश इसी बात से हो जाता है जब वे हिंदुओं के बर्बर हत्या कांड उनकी हल्के-फुल्के शब्दों में निंदा तो करते हैं, लेकिन हत्याओं को गैर इस्लामी कहने वाले इन लोगों में से किसी ने इन बर्बर हत्यारों के विरुद्ध फतवा जारी करके इन्हें इस्लाम से बाहर नहीं किया. इसके विपरित कई मुस्लिम संस्थाएं इनको आर्थिक और कानूनी सहायता देने के तुरंत तत्पर हो जाते हैं. इसका अर्थ यही है कि इनकी निंदा करके वे देश को केवल धोखा देते हैं. वास्तविकता यही है कि देश में निर्मित इस नफरत भरी बर्बर हिंसा के लिए ये नेता और मौलवी ही जिम्मेदार हैं.

विहिप नेता ने चेतावनी दी कि ये 1946 से पूर्व की स्थिति निर्माण करना चाहते हैं और हिंसा का वातावरण बनाकर देश के विकास को अवरुद्ध करना चाहते हैं. इनको समर्थन देने वाले वामपंथी, कांग्रेसी व सैकुलर गैंग को समझना चाहिए कि जिहादी दानव को भड़काना तो आसान है, लेकिन वे इन पर नियंत्रण नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि विहिप इन नेताओं से अपील करती है कि चंद तत्कालिक राजनीतिक स्वार्थों के कारण वे देश में इस सांप्रदायिक हिंसा की आग को भड़काने का अक्षम्य अपराध ना करें. मुस्लिम समाज को ध्यान रखना चाहिए कि वे भारत में जो सम्मान, अधिकार और सुविधा प्राप्त कर रहे हैं, वो किसी मुस्लिम देश के मुस्लिम नागरिकों को भी उपलब्ध नहीं है.

डा. जैन ने पूछा कि वे जन्नत को 'गजवा ए हिंद' के असंभव सपने के माध्यम से जहन्नुम बनाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? ओवैसी जैसे जिन्ना के नए अवतारों की जगह राष्ट्रभक्त नेतृत्व को स्थापित क्यों कर रहे हैं? मुस्लिमों को राष्ट्रभक्त नेतृत्व को स्थापित करना चाहिए और देश के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने में सहयोग करना चाहिए. देश का विकास होगा तो उनका भी विकास होगा. नफरत व हिंसा फैलाने वाले लोग विकास के नहीं अपने विनाश के मार्ग पर ही चलते हैं.

पढ़ें : बिल्कीस बानो के परिवार ने 11 दोषियों की रिहाई पर हैरानी जताई

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