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क्या है लक्षद्वीप के सियासी तूफान की वजह, जानें विशेषज्ञ की राय

इन दिनों देश के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक लक्षद्वीप में सियासी तूफान आया हुआ है. पेश है लक्षद्वीप (Lakshadweep) में चल रहे विवाद पर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक (Political analyst) शेखर अय्यर से बातचीत के अंश..

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Published : Jun 1, 2021, 6:35 PM IST

लक्षद्वीप
लक्षद्वीप

नई दिल्ली : लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा संघ राज्य क्षेत्र यानी केंद्र शासित प्रदेश है. भारत के मालदीव (Maldives )के तौर पर विख्यात लक्षद्वीप एक द्वीपसमूह है, जिसमें 36 द्वीप (आइलैंड) हैं. इन दिनों देश के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक लक्षद्वीप में सियासी तूफान आया हुआ है.

दरअसल, गुजरात के पूर्व मंत्री और वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल (Administrator Praful Patel) द्वारा हाल ही में लक्षद्वीप के लिए पेश किए गए नियमों के कारण वे सुर्खियां में बने हुए हैं.

इस बात पर लाेगाें में है नाराजगी

लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण (LDA) के निर्माण के लिये जारी नवीनतम लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन मसौदा, 2021 के प्रति लक्षद्वीप के लोगों द्वारा व्यापक रूप से नाराजगी व्यक्त की गई है.

इसके तहत गोमांस पर प्रतिबंध और शराब (alcohol) की बिक्री को मंजूरी जैसे प्रस्तावों की आलोचना हाे रही है और इस द्वीप की स्थानीय आबादी के बीच चिंता बढ़ा दी है, जिसमें ज्यादातर मुस्लिम रहते हैं.

लक्षद्वीप में चल रहे विवाद के बीच, ईटीवी भारत से बात करते हुए, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शेखर अय्यर (Shekhar Iyer) ने कहा, जो नियम प्रसारित किए गए हैं, वे मसौदा नियम हैं और अभी तक अंतिम रूप नहीं दिए गए हैं.

लक्षदीप काे लेकर यह है याेजना

विचार यह है कि वर्तमान सरकार चाहती है कि लक्षद्वीप (Lakshadweep) को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और मालदीव की तरह इसका लाभ उठाया जाए.

साथ ही उन्होंने कहा कि दो बच्चाें से संबंधित नीति देश में पहले से ही है और जहां तक ​​लक्षद्वीप में पर्यटन केंद्र बनाने का संबंध है विदेशी मेहमानों के लिए शराब परोसने काे विनियमित करने की आवश्यकता है.

लाेगाें की सुविधा का रखा जाएगा ख्याल

इसका मतलब यह नहीं है कि द्वीप में शराब की बिक्री में वृद्धि हुई है. ऐसा नहीं है कि पूरे द्वीप में तत्काल शराब की दुकानें खुलेंगी और इससे यहां की स्थानीय आबादी को परेशानी हाे.

अय्यर ने रेखांकित किया कि लक्षद्वीप (Lakshadweep) में संभावनाएं हैं और इसे विकसित करने की जरूरत है, लेकिन विकास पारिस्थितिकी की कीमत पर नहीं होना चाहिए, पर कुछ चीजों को समझने की जरूरत है.

यह पूछे जाने पर कि क्या नए नियम लक्षद्वीप में तटीय या समुद्री सुरक्षा (maritime security) को नुकसान पहुंचाएंगे, अय्यर ने कहा कि सरकार तटीय राज्यों की अखंडता काे लेकर चिंतित है, चाहे वह लक्षद्वीप हो या अंडमान (Andaman) और ये क्षेत्र स्वाभाविक रूप से हमारे प्राधिकरण की सुरक्षा जांच के दायरे में हैं.

इसे भी पढ़ें : लक्षद्वीप प्रशासक से जुड़े विवाद ने बढ़ाई भाजपा की चिंता

लेकिन साथ ही हमें इस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा देने की जरूरत है, क्योंकि इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

नई दिल्ली : लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा संघ राज्य क्षेत्र यानी केंद्र शासित प्रदेश है. भारत के मालदीव (Maldives )के तौर पर विख्यात लक्षद्वीप एक द्वीपसमूह है, जिसमें 36 द्वीप (आइलैंड) हैं. इन दिनों देश के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक लक्षद्वीप में सियासी तूफान आया हुआ है.

दरअसल, गुजरात के पूर्व मंत्री और वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल (Administrator Praful Patel) द्वारा हाल ही में लक्षद्वीप के लिए पेश किए गए नियमों के कारण वे सुर्खियां में बने हुए हैं.

इस बात पर लाेगाें में है नाराजगी

लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण (LDA) के निर्माण के लिये जारी नवीनतम लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन मसौदा, 2021 के प्रति लक्षद्वीप के लोगों द्वारा व्यापक रूप से नाराजगी व्यक्त की गई है.

इसके तहत गोमांस पर प्रतिबंध और शराब (alcohol) की बिक्री को मंजूरी जैसे प्रस्तावों की आलोचना हाे रही है और इस द्वीप की स्थानीय आबादी के बीच चिंता बढ़ा दी है, जिसमें ज्यादातर मुस्लिम रहते हैं.

लक्षद्वीप में चल रहे विवाद के बीच, ईटीवी भारत से बात करते हुए, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शेखर अय्यर (Shekhar Iyer) ने कहा, जो नियम प्रसारित किए गए हैं, वे मसौदा नियम हैं और अभी तक अंतिम रूप नहीं दिए गए हैं.

लक्षदीप काे लेकर यह है याेजना

विचार यह है कि वर्तमान सरकार चाहती है कि लक्षद्वीप (Lakshadweep) को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और मालदीव की तरह इसका लाभ उठाया जाए.

साथ ही उन्होंने कहा कि दो बच्चाें से संबंधित नीति देश में पहले से ही है और जहां तक ​​लक्षद्वीप में पर्यटन केंद्र बनाने का संबंध है विदेशी मेहमानों के लिए शराब परोसने काे विनियमित करने की आवश्यकता है.

लाेगाें की सुविधा का रखा जाएगा ख्याल

इसका मतलब यह नहीं है कि द्वीप में शराब की बिक्री में वृद्धि हुई है. ऐसा नहीं है कि पूरे द्वीप में तत्काल शराब की दुकानें खुलेंगी और इससे यहां की स्थानीय आबादी को परेशानी हाे.

अय्यर ने रेखांकित किया कि लक्षद्वीप (Lakshadweep) में संभावनाएं हैं और इसे विकसित करने की जरूरत है, लेकिन विकास पारिस्थितिकी की कीमत पर नहीं होना चाहिए, पर कुछ चीजों को समझने की जरूरत है.

यह पूछे जाने पर कि क्या नए नियम लक्षद्वीप में तटीय या समुद्री सुरक्षा (maritime security) को नुकसान पहुंचाएंगे, अय्यर ने कहा कि सरकार तटीय राज्यों की अखंडता काे लेकर चिंतित है, चाहे वह लक्षद्वीप हो या अंडमान (Andaman) और ये क्षेत्र स्वाभाविक रूप से हमारे प्राधिकरण की सुरक्षा जांच के दायरे में हैं.

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लेकिन साथ ही हमें इस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा देने की जरूरत है, क्योंकि इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

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