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कर्नाटक : हिंदू-मुस्लिम सद्भाव का गवाह है वीरभद्रस्वामी मंदिर - सद्भाव का गवाह है वीरभद्रस्वामी मंदिर

कर्नाटक के रामनगर स्थित वीरभद्रस्वामी हिंदू-मुस्लिम सद्भाव की मिसाल है. इस मंदिर को एक मुस्लिम व्यक्ति सैय्यद सादात द्वारा बनवाया गया है.शिवकुमार स्वामी, जिन्हें पैदल देवता कहा जाता है ने मंदिर का उद्घाटन किया. खास बात यह है कि मंदिर परिसर में एक मस्जिद भी बनवाई गई है.

वीरभद्रस्वामी मंदिर
वीरभद्रस्वामी मंदिर
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Published : Apr 15, 2021, 2:55 AM IST

बेंगलुरु : हमारे देश की भूमि में विविधता और धार्मिक सद्भाव कई वर्षों से एक परंपरा रही है, जिसकी मिसाल है कर्नाटक के रामनगर स्थित वीरभद्रस्वामी मंदिर. इस मंदिर का निर्माण एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा करवाया गया है.

यह हिंदू मंदिर धार्मिक सद्भाव का एक ताजा उदाहरण है. रामनगर जिले के चन्नपटना जिले के सैंटे मोघनहल्ली गांव में रहने वाले मुस्लिम व्यक्ति सैय्यद सादात ने अपने खर्चे पर इस मंदिर को बनवाया है.

सादत का मानना है कि जीने के लिए पैसा महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आपसी सद्धभावना ज्यादा जरूरी है.

उन्होंने चन्नापट्टनम तालुक के सैंटे मोगेनाहल्ली गांव में वीरभद्रस्वामी मंदिर का निर्माण कर दूसरों को प्रेरणा दी है. उल्लेखनीय है कि मंदिर के परिसर के अंदर एक मस्जिद भी है, जो शांति का प्रतीक है.

हिंदू-मुस्लिम सद्भाव का गवाह है वीरभद्रस्वामी मंदिर

2010 से इस मंदिर के निर्माण करने में जुटे सैयद ने कहा कि मंदिर बनाने का विचार भगवान शिव ने दिया था.

इसके अलावा उन्होंने कोरोना के मुश्किल समय में हजारों लोगों को मुफ्त भोजन किट वितरित किए.

शिवकुमार स्वामी, जिन्हें पैदल देवता कहा जाता है ने मंदिर का उद्घाटन किया. सैयद का हिंदू त्योहारों के लिए बहुत सम्मान है और सामंजस्यपूर्ण सामाजिक जीवन के लिए जिले में दिन-रात काम कर रहे हैंय

इतना ही नहीं उन्होंने चन्नापटना शहर में बसवेश्वरा मंदिर का निर्माण भी शुरू कर दिया है. इस गांव की एक और खासियत यह है कि हिन्दू-मुस्लिम एक दूसरे के त्योहार में शामिल होते हैं.

सैयद सादत जैसे लोग ही सांप्रदायिक दंगों के इस युग में एक आगर्श के रूप लोगों के सामने मौजूद हैं. वह जो निस्वार्थ सेवा कर रहा है वह वास्तव में सराहनीय है.

इस मौके पर सादत ने कहा कि शांति और प्रेम के साथ त्योहार मनाएं. कोरोना दिशानिर्देशों का पालन करें. कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए भगवान से प्रार्थना करें. सभी को भाइयों की तरह रहना चाहिए और भगवान शिव हमारी रक्षा करेंगे.

पढ़ें - बिहार : रमजान और नवरात्र के कारण फलों कीमतों में इजाफा

उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने मुझे वीरभद्र मंदिर बनाने का विचार दिया. मैंने वहां एक मस्जिद का भी निर्माण करवाया. अब मैं बसवेश्वरा मंदिर बना रहा हूं. इससे पहले इस क्षेत्र में सांप्रदायिक दंगे हुए थे. मैं चाहता था कि हिंदू और मुसलमान भाइयों की तरह रहें.

वहीं एक स्थानीय निवासी ने कहा कि सैय्यद सादात मुस्लिम हैं और वे हिंदू देवताओं का सम्मान करते हैं. हम मंदिर बनाना चाहते थे और उन्होंने कहा कि वह इसका निर्माण करेंगे.

बेंगलुरु : हमारे देश की भूमि में विविधता और धार्मिक सद्भाव कई वर्षों से एक परंपरा रही है, जिसकी मिसाल है कर्नाटक के रामनगर स्थित वीरभद्रस्वामी मंदिर. इस मंदिर का निर्माण एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा करवाया गया है.

यह हिंदू मंदिर धार्मिक सद्भाव का एक ताजा उदाहरण है. रामनगर जिले के चन्नपटना जिले के सैंटे मोघनहल्ली गांव में रहने वाले मुस्लिम व्यक्ति सैय्यद सादात ने अपने खर्चे पर इस मंदिर को बनवाया है.

सादत का मानना है कि जीने के लिए पैसा महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आपसी सद्धभावना ज्यादा जरूरी है.

उन्होंने चन्नापट्टनम तालुक के सैंटे मोगेनाहल्ली गांव में वीरभद्रस्वामी मंदिर का निर्माण कर दूसरों को प्रेरणा दी है. उल्लेखनीय है कि मंदिर के परिसर के अंदर एक मस्जिद भी है, जो शांति का प्रतीक है.

हिंदू-मुस्लिम सद्भाव का गवाह है वीरभद्रस्वामी मंदिर

2010 से इस मंदिर के निर्माण करने में जुटे सैयद ने कहा कि मंदिर बनाने का विचार भगवान शिव ने दिया था.

इसके अलावा उन्होंने कोरोना के मुश्किल समय में हजारों लोगों को मुफ्त भोजन किट वितरित किए.

शिवकुमार स्वामी, जिन्हें पैदल देवता कहा जाता है ने मंदिर का उद्घाटन किया. सैयद का हिंदू त्योहारों के लिए बहुत सम्मान है और सामंजस्यपूर्ण सामाजिक जीवन के लिए जिले में दिन-रात काम कर रहे हैंय

इतना ही नहीं उन्होंने चन्नापटना शहर में बसवेश्वरा मंदिर का निर्माण भी शुरू कर दिया है. इस गांव की एक और खासियत यह है कि हिन्दू-मुस्लिम एक दूसरे के त्योहार में शामिल होते हैं.

सैयद सादत जैसे लोग ही सांप्रदायिक दंगों के इस युग में एक आगर्श के रूप लोगों के सामने मौजूद हैं. वह जो निस्वार्थ सेवा कर रहा है वह वास्तव में सराहनीय है.

इस मौके पर सादत ने कहा कि शांति और प्रेम के साथ त्योहार मनाएं. कोरोना दिशानिर्देशों का पालन करें. कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए भगवान से प्रार्थना करें. सभी को भाइयों की तरह रहना चाहिए और भगवान शिव हमारी रक्षा करेंगे.

पढ़ें - बिहार : रमजान और नवरात्र के कारण फलों कीमतों में इजाफा

उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने मुझे वीरभद्र मंदिर बनाने का विचार दिया. मैंने वहां एक मस्जिद का भी निर्माण करवाया. अब मैं बसवेश्वरा मंदिर बना रहा हूं. इससे पहले इस क्षेत्र में सांप्रदायिक दंगे हुए थे. मैं चाहता था कि हिंदू और मुसलमान भाइयों की तरह रहें.

वहीं एक स्थानीय निवासी ने कहा कि सैय्यद सादात मुस्लिम हैं और वे हिंदू देवताओं का सम्मान करते हैं. हम मंदिर बनाना चाहते थे और उन्होंने कहा कि वह इसका निर्माण करेंगे.

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