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धर्म नगरी में 'भगवान' को अब नहीं चुकाना होगा कर

वाराणसी के धार्मिक स्थलों को अब गृह कर (House Tax Free) नहीं देना पड़ेगा. इसके लिए नगर निगम ने कार्य शुरू कर दिया है. इस फैसले से पुजारी और ज्योतिषाचार्य खुश हैं.

House Tax Free
धर्म नगरी में 'भगवान' को अब नहीं चुकाना होगा कर
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Published : Apr 16, 2022, 9:10 AM IST

Updated : Apr 16, 2022, 1:26 PM IST

वाराणसीः भगवान को अब नहीं चुकाना होगा कर. जी हां धर्म नगरी काशी में अब भगवान के मंदिरों को गृह कर (House Tax Free) से मुक्त रखा गया है. नगर निगम द्वारा पहल करते हुए काशी के सभी मंदिर व धार्मिक स्थानों को गृह कर के दायरे से दूर रखा जा रहा है. इसके लिए बकायदा क्षेत्रवाद टीमों का भी गठन कर दिया गया, है जो सूचनाएं एकत्रित कर 30 अप्रैल तक इस कार्य को संपन्न कर लेंगे. नगर निगम के इस फैसले से जहां एक ओर आमजन को राहत है तो वही ज्योतिषाचार्य व विद्वान भी इससे काफी हर्षित हैं.

धर्म नगरी काशी में मंदिर व धार्मिक स्थलों को लेकर टैक्स के दायरे में रखा जाता था. बीते कई सालों से इसे कर मुक्त किए जाने की मांग चल रही थी. जिसे प्रदेश सरकार की मंशा के अनुसार वाराणसी नगर निगम ने पूरा करने का निर्णय लिया है. अब नगर निगम के द्वारा काशी में मौजूद सभी धार्मिक स्थलों को कर मुक्त रखा जाएगा, इसके लिए बकायदा टीमों का गठन कर दिया गया है, जो सभी क्षेत्र के मंदिर व पुजारियों की सूची तैयार कर रहे हैं.

पढ़ें-मन्नतें पूरी करने के लिए काशी के इस मंदिर में श्रद्धालु लगाते हैं 'ताला'

नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया कि लगातार मिल रही शिकायतों के बाद निर्णय लिया गया है कि सभी मंदिरों को साथ ही धार्मिक कार्य में सम्मिलित स्थलों को गृह कर से मुक्त रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि नगर निगम अधिनियम 1959 के तहत मुक्त करने का प्रावधान किया गया है. लेकिन काफी समय से कुछ मंदिरों को गृह कर के दायरे में रखा जा रहा था. बीते काफी समय से शिकायतें मिल रही थीं, जिनका निस्तारण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके लिए टीमों का गठन कर दिया गया है. समिति 30 अप्रैल तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लेगी.

उन्होंने कहा कि यदि किसी को लगता है कि उनका संपत्ति धार्मिक स्थल में है और इस कार्य क्षेत्र में आता है तो अपने जोनल अधिकारी से संपर्क कर उसे कर मुक्त करा सकते हैं. बहरहाल मन्दिरों के गृह कर से मुक्त होने पर जहां आमजन ने राहत की सांस ली है तो वहीं इससे जुड़े हुए काशी के विद्वान जन व ज्योतिषाचार्य में खुशी की लहर है. उनका कहना है कि यह फैसला स्वागत योग्य है. जो सबके दाता है, सब के दुखों को दूर करते हैं. उन पर भला किस तरीके का कर लगाना कहा उचित है.

वाराणसीः भगवान को अब नहीं चुकाना होगा कर. जी हां धर्म नगरी काशी में अब भगवान के मंदिरों को गृह कर (House Tax Free) से मुक्त रखा गया है. नगर निगम द्वारा पहल करते हुए काशी के सभी मंदिर व धार्मिक स्थानों को गृह कर के दायरे से दूर रखा जा रहा है. इसके लिए बकायदा क्षेत्रवाद टीमों का भी गठन कर दिया गया, है जो सूचनाएं एकत्रित कर 30 अप्रैल तक इस कार्य को संपन्न कर लेंगे. नगर निगम के इस फैसले से जहां एक ओर आमजन को राहत है तो वही ज्योतिषाचार्य व विद्वान भी इससे काफी हर्षित हैं.

धर्म नगरी काशी में मंदिर व धार्मिक स्थलों को लेकर टैक्स के दायरे में रखा जाता था. बीते कई सालों से इसे कर मुक्त किए जाने की मांग चल रही थी. जिसे प्रदेश सरकार की मंशा के अनुसार वाराणसी नगर निगम ने पूरा करने का निर्णय लिया है. अब नगर निगम के द्वारा काशी में मौजूद सभी धार्मिक स्थलों को कर मुक्त रखा जाएगा, इसके लिए बकायदा टीमों का गठन कर दिया गया है, जो सभी क्षेत्र के मंदिर व पुजारियों की सूची तैयार कर रहे हैं.

पढ़ें-मन्नतें पूरी करने के लिए काशी के इस मंदिर में श्रद्धालु लगाते हैं 'ताला'

नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया कि लगातार मिल रही शिकायतों के बाद निर्णय लिया गया है कि सभी मंदिरों को साथ ही धार्मिक कार्य में सम्मिलित स्थलों को गृह कर से मुक्त रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि नगर निगम अधिनियम 1959 के तहत मुक्त करने का प्रावधान किया गया है. लेकिन काफी समय से कुछ मंदिरों को गृह कर के दायरे में रखा जा रहा था. बीते काफी समय से शिकायतें मिल रही थीं, जिनका निस्तारण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके लिए टीमों का गठन कर दिया गया है. समिति 30 अप्रैल तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लेगी.

उन्होंने कहा कि यदि किसी को लगता है कि उनका संपत्ति धार्मिक स्थल में है और इस कार्य क्षेत्र में आता है तो अपने जोनल अधिकारी से संपर्क कर उसे कर मुक्त करा सकते हैं. बहरहाल मन्दिरों के गृह कर से मुक्त होने पर जहां आमजन ने राहत की सांस ली है तो वहीं इससे जुड़े हुए काशी के विद्वान जन व ज्योतिषाचार्य में खुशी की लहर है. उनका कहना है कि यह फैसला स्वागत योग्य है. जो सबके दाता है, सब के दुखों को दूर करते हैं. उन पर भला किस तरीके का कर लगाना कहा उचित है.

Last Updated : Apr 16, 2022, 1:26 PM IST
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