वाराणसी: दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के देवनाथपुर स्थित काशी कैलाश भवन में बुधवार को आंध्र प्रदेश के रहने वाले कोंडा बाबू ने अपनी पत्नी और दो जवान बेटों के साथ सुसाइड कर लिया था. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. यह तीनों आंध्र प्रदेश के ही रहने वाले हैं और कोंडा बाबू बेटाक राजेश इन्हीं के यहां काम करता था. इन लोगों से ही राजेश ने 6 लाख रुपये उधार भी लिए थे.
पुलिस आंध्र प्रदेश जाने की कर रही तैयारीः पुलिस पूछताछ के लिए आंध्र प्रदेश जाने की तैयारी कर रही है. वहां से नामजद किए गए ईस्ट गोदावरी निवासी दिव्या ऑटो कंसलटेंसी के मालिक पेटगटला प्रसाद, वहां काम करने वाली महिला रामीरेड्डी वीर लक्ष्मी और मिठाई की दुकान चलाने वाले मल्ली बाबू से पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया जाएगा.
क्या चारों लोग जान देने के इरादे से ही वाराणसी आए थेः काशी कैलाश मठ में बुधवार को आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी इलाके के रहने वाले कोंडा बाबू 50 वर्ष उनकी पत्नी लावण्या 45 वर्ष बड़ा बेटा राजेश 25 वर्ष और छोटा बेटा जयराज 23 वर्ष ने एक साथ एक ही कमरे में आत्महत्या कर ली थी. मौके से कीटनाशक के अलावा पेट्रोल और हाथ में ब्लेड भी मिली थी. जिससे यह स्पष्ट है कि यह सभी जान देने की नियत से ही वाराणसी आए थे.
बहन ने काशी आने से किया इनकारः फिलहाल इन चारों का पोस्टमार्टम अभी नहीं हो पाया है, क्योंकि कोई भी परिवार का सदस्य नहीं आया है. माना जा रहा है कि शनिवार को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इस पूरे घटनाक्रम के बाद आश्रम ट्रस्ट की तरफ से कोंडा बाबू के परिवार के लोगों से संपर्क करने की कोशिश की गई. उनकी बहन पदमा से संपर्क करने पर उन्होंने इतनी बड़ी घटना पर पहले तो आश्चर्य किया और पूरे परिवार के इतने खतरनाक कदम पर बेहद नाराजगी भी जताई. लेकिन, उन्होंने अपनी किसी परेशानी की वजह से काशी आने से इनकार कर दिया.
बहन बोली, काशी में कर दे अंतिम संस्कारः बहन पदमा ने भाई और उनके पूरे परिवार का अंतिम संस्कार काशी में ही करने की अपील की. जिसके बाद अब इन चारों का अंतिम संस्कार कैलाश भवन और आंध्र आश्रम ट्रस्ट की तरफ से ही किया जाएगा. आश्रम संचालक बीवी सुंदर शास्त्री का कहना है कि विशाखापट्टनम में रहने वाले कोंडा बाबू की बहन के निवेदन पर इन चारों का अंतिम संस्कार पूरे रीति रिवाज से धर्मशाला ट्रस्ट की तरफ से करवाया जाएगा.
सेकेंड हैंड बाइक बेचने की एजेंसी में काम करता था राजेशः फिलहाल पुलिस पूछताछ में अभी तक जो चीज सामने आई है, उसमें यह स्पष्ट है कि राजेश अपने ही क्षेत्र की एक सेकेंड हैंड बाइक बेचने वाली एजेंसी में काम करता था. उसने एजेंसी के मालिक को बिना बताए 6 लाख रुपए का लोन एजेंसी से ले लिया था और रुपए खर्च भी कर दिए थे. इसी 6 लाख रुपये को वापस करने के लिए एजेंसी मालिक लगातार राजेश पर प्रेशर बना रहा था.
ढाई पन्ने का लिखा गया सुसाइड नोटः पुलिस के मुताबिक जो ढाई पन्ने का तेलुगु में लिखा सुसाइड नोट मिला है, उसे ट्रांसलेट करने के बाद बहुत सी चीजें स्पष्ट हो गई हैं. उस सुसाइड नोट में लिखा है कि राजेश ने घर के गहने बेचकर किसी तरह 5 लाख रुपये तो दे दिए थे, लेकिन एजेंसी मालिक और 6 लाख रुपये लेने के लिए पूरे परिवार को परेशान कर रहा था. उसने राजेश से पर्सनल बांड बनवाने के साथ ही ब्लैंक चेक भी लिया था और सादे कागज पर साइन भी करवा रखा था.
परिवार को बर्बाद करने की मिल रही थी धमकीः राजेश ने रुपए वापस करने की भरपूर कोशिश की लेकिन एजेंसी बचे हुए 1 लाख की जगह ब्याज के साथ 6 लाख रुपए मांग रही थी. बार-बार धमकी भी मिल रही थी कि पूरे परिवार को बर्बाद करवा दिया जाएगा. जिससे परिवार इतना परेशान था कि 2 महीने पहले ही पूरा परिवार आंध्र प्रदेश का अपना घर छोड़कर दर दर की ठोकरे खा रहा था.
पुलिस सामूहिक आत्महत्या मान रहीः एक ही परिवार के चार लोगों की मौत को पुलिस सामूहिक आत्महत्या ही मान रही है. पुलिस का कहना है कि जांच अन्य पहलुओं के आधार पर भी आगे बढ़ाई जाएगी. घटना की प्रारंभिक जांच के दौरान पुलिस के सामने कई सवाल भी हैं. जिससे इस घटना में किसी साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसा भी माना जा रहा है कि अपने ही परिवार के तीन लोगों की जान राजेश ने खुद ली हो और बाद में उसने अपने आप को भी फांसी पर लटका लिया हो.
आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्जः पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला है, उसके आधार पर देवनाथपुर चौकी प्रभारी संजय कुमार यादव ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. जिसके बाद पुलिस ने तीन लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस इन तीनों को हिरासत में लेने के लिए आंध्र प्रदेश जाएगी.
सुसाइड नोट में क्या लिखाः सुसाइड नोट में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि 5 लाख रुपये देने के बाद भी 1 लाख रुपये की जगह 6 लाख रुपए के लिए पूरे परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा था. बार-बार पैसे देने का दबाव बनाया जा रहा था और यह कहा जाता था कि सरकार उनकी कोई मदद करने वाली नहीं है. पूरे परिवार को जान से मार देंगे और लाश भी गायब हो जाएगी. राजेश के साइन भी जबरदस्ती 10 सादे कागज पर लिए गए और 20 ब्लैंक चेक लिए गए थे. साथ ही मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी जा रही थी.