वाराणसी: काशी राजपरिवार में संपत्ति को लेकर राजकुमार और राजकुमारियों के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. राजकुमार अनंत नारायण सिंह की तरफ से राजकुमारी विष्णु प्रिया और छोटी राजकुमारी कृष्णप्रिया और उनके बेटों वरद नारायण सिंह, बल्लभ नारायण सिंह पर चोरी और साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. किले के सुरक्षा अधिकारी की तहरीर पर रामनगर थाने में धारा 380, 454 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया है.
किले के सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार शर्मा की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक, तहरीर में यह कहा गया है कि रविवार को ड्यूटी के दौरान किले के कर्मचारी कौशलेंद्र की तरफ से यह जानकारी दी गई थी कि कुंवर अनंत नारायण सिंह के कमरे का ताला तोड़कर जरूरी सामान चोरी किया गया है. राजेश ने कमरे से महत्वपूर्ण कागजात, फर्नीचर और बेड चोरी होने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है. इसमें दोनों राजकुमारियों की शह पर वरद नारायण और बल्लभ नारायण सिंह और उनके कर्मचारियों ने साजिश के तहत कमरे का ताला तोड़कर सामान उठा ले जाने की बात भी कही गई है.
इस संदर्भ में डीसीपी काशी जोन रामसेवक गौतम का कहना है कि जानकारी होने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी और किले की छानबीन करने के बाद दोनों राजकुमारी और कुंवर अनंत नारायण सिंह से मिलकर जानकारी ली गई है. राजकुमारी कृष्णप्रिया का कहना था कि किले के कुछ कर्मचारी हम भाई-बहन को लड़ाने का काम कर रहे हैं. सामान चोरी के बाबत हम सोच भी नहीं सकते. बेटों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है, जो शहर के बाहर थे. पुलिस को जांच कर मुकदमा पंजीकृत करना चाहिए था. बिना जांच के ही मुकदमा लिख लिया गया.
बता दें कि यह मामला बेहद पुराना और प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ है. इसके पहले भी अनंत नारायण सिंह की ओर से काशी स्टेट के राजकीय चिह्न के दुरुपयोग के आरोप में बहन हरी प्रिया के खिलाफ रामनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसके बाद बहन कृष्ण प्रिया ने अनंत नारायण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे.
दरअसल, काशी नरेश डॉक्टर विभूति नारायण सिंह की तरफ से तीनों बेटियों की शादी के साथ ही उन्हें बैराठ फॉर्म, कटेसर, नदेसर और बिहार के समस्तीपुर की अचल संपत्तिया दी गई थीं. काशी नरेश की मृत्यु के बाद बहनों ने 2005 से मुकदमेबाजी शुरू कर दी और तब से मुकदमेबाजी लगातार जारी है. कुंवर अनंत नारायण सिंह यह आरोप लगा चुके हैं कि पिता की मृत्यु के बाद मेरी बहनों की निगाह हमारी संपत्ति पर है. इसी वजह से हमें बार-बार परेशान किया जाता है, जबकि पिता जी की तरफ से तीनों की शादी के बाद उन्हें अलग-अलग रहने की व्यवस्था दी गई थी.
पूर्व काशी नरेश ने 2000 में वसीयतनामा भी लिखा है. जिसमें काशी स्टेट के राजकीय चिह्न का गद्दीनशीन उपयोग करने की बात कही गई है. इसके अलावा इस राजकीय चिह्न को ट्रेडमार्क के तौर पर रजिस्ट्रेशन भी कुंवर अनंत नारायण ने करवा रखा है. इसलिए अनंत नारायण का कहना है कि हमारी अनुमति के बिना इसका प्रयोग कोई नहीं कर सकता. बहनों के कारण वे परिवार की परंपरा के अनुसार अपने किले में निवास करता हैं और विजयदशमी के दिन दरबार नहीं कर रहे हैं. विजयादशमी और होली पर कुल देवी के दर्शन भी नहीं कर पा रहे हैं. फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस छानबीन कर रही है.
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