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G20 Summit में यूक्रेन और रूस विवाद रहा चर्चा का विषय, रूस के दूरी बनाने से जारी नहीं हो सका संयुक्त प्रपत्र - यू्केन रशिया विवाद

वाराणसी में G20 सम्मेलन के दूसरे दिन कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इसमें भारत ने भी कई प्रस्ताव रखे. इस पर लोगों ने सहमति जताई. हालांकि, G20 देशों के विकास मंत्रियों की बैठक में साझा घोषणा पत्र जारी नहीं हो पाया.

G20 Summit
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Published : Jun 13, 2023, 9:49 AM IST

वाराणसी: तीन दिवसीय G20 देशों की महत्वपूर्ण बैठक में सोमवार को सुबह से शाम तक चली मीटिंग में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इसके लिए भारत ने कई प्रस्ताव भी रखे, जिस पर लोगों ने सहमति बनाई. लेकिन, G20 देशों के मंत्रियों की इस बैठक में यूक्रेन विवाद भी छाया रहा. वाराणसी में G20 सदस्य देशों के विकास मंत्रियों की बैठक में साझा घोषणा पत्र जारी नहीं हो सका. संयुक्त घोषणापत्र की जगह जो प्रपत्र जारी किया गया, उसे आउटकम डॉक्यूमेंट यानी परिणाम प्रपत्र एंड चीयर्स समरी कहां जाएगा. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि इस प्रपत्र में यूक्रेन विवाद का जिक्र किया गया है और परोक्ष रूप से इसके लिए रूस को जिम्मेदार भी ठहराया गया है. इसकी वजह से रूस ने इस प्रपत्र में अपने आप को अलग करते हुए दूरी बना ली है. जबकि, चीन का कहना है कि इसमें यूक्रेन का जिक्र नहीं होना चाहिए था. यह बैठक विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में हुई थी.

बता दें कि इस बैठक से पहले G20 के वित्त मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की बैठक में भी यूक्रेन विवाद का जिक्र होने के कारण संयुक्त घोषणापत्र उस वक्त भी जारी नहीं किया जा सका था. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में पूछे जाने पर एस जयशंकर का कहना था कि किस देश ने समर्थन किया और किस देश ने विरोध में इसमें नहीं इंवॉल्व होना चाहता हूं. लेकिन, सभी ने अपने हितों की बातों को अपने हिसाब से रखा है.

G20 के विकास मंत्रियों की वाराणसी में हुई बैठक में सदस्य 20 देशों के अलावा भारत की तरफ से आमंत्रित अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया. कुछ देशों के वित्त मंत्रियों और कुछ देशों के सामाजिक विकास मंत्रियों ने भी बैठक में शिरकत की. बैठक के दौरान भारत की तरफ से निर्धारित किए गए लक्ष्यों को 7 सालों में पूरा करने की बात कही गई है. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण से लेकर अन्य मुद्दों पर भी सभी की सहमति बनी है.

सोमवार रात जारी किए गए प्रपत्र में कुल 11 पैराग्राफ हैं. इसमें दो पैराग्राफ 10 और 11 यूक्रेन विवाद से संबंधित हैं. इस अंतिम पैरा में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक इकोनामी को बहुत ही गहरा असर पड़ा है. इस पर बैठक में चर्चा हुई है. हमने अपने राष्ट्रीय पक्ष को यहां और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अलावा संयुक्त राष्ट्र महासभा जैसे मंच पर भी रखा है. 2 मार्च 2022 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की तरफ से पारित प्रस्ताव का भी जिक्र है. जिसमें यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की कड़ी शब्दों में निंदा की गई है. रूस से तत्काल बिना किसी शर्त के यूक्रेन से अपने सैनिकों को बुलाने की मांग की गई थी. अंत में यह भी लिखा है कि G20 सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को उठाने का मंच नहीं है. लेकिन, हमारा मानना है कि सुरक्षा से जुड़े मुद्दे वैश्विक आर्थिकी पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं.

यह भी पढ़ें: G20 Summit: विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, बड़ी समस्याओं से निपटने के लिए एकजुट होकर सोचने की जरूरत

वाराणसी: तीन दिवसीय G20 देशों की महत्वपूर्ण बैठक में सोमवार को सुबह से शाम तक चली मीटिंग में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इसके लिए भारत ने कई प्रस्ताव भी रखे, जिस पर लोगों ने सहमति बनाई. लेकिन, G20 देशों के मंत्रियों की इस बैठक में यूक्रेन विवाद भी छाया रहा. वाराणसी में G20 सदस्य देशों के विकास मंत्रियों की बैठक में साझा घोषणा पत्र जारी नहीं हो सका. संयुक्त घोषणापत्र की जगह जो प्रपत्र जारी किया गया, उसे आउटकम डॉक्यूमेंट यानी परिणाम प्रपत्र एंड चीयर्स समरी कहां जाएगा. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि इस प्रपत्र में यूक्रेन विवाद का जिक्र किया गया है और परोक्ष रूप से इसके लिए रूस को जिम्मेदार भी ठहराया गया है. इसकी वजह से रूस ने इस प्रपत्र में अपने आप को अलग करते हुए दूरी बना ली है. जबकि, चीन का कहना है कि इसमें यूक्रेन का जिक्र नहीं होना चाहिए था. यह बैठक विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में हुई थी.

बता दें कि इस बैठक से पहले G20 के वित्त मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की बैठक में भी यूक्रेन विवाद का जिक्र होने के कारण संयुक्त घोषणापत्र उस वक्त भी जारी नहीं किया जा सका था. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में पूछे जाने पर एस जयशंकर का कहना था कि किस देश ने समर्थन किया और किस देश ने विरोध में इसमें नहीं इंवॉल्व होना चाहता हूं. लेकिन, सभी ने अपने हितों की बातों को अपने हिसाब से रखा है.

G20 के विकास मंत्रियों की वाराणसी में हुई बैठक में सदस्य 20 देशों के अलावा भारत की तरफ से आमंत्रित अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया. कुछ देशों के वित्त मंत्रियों और कुछ देशों के सामाजिक विकास मंत्रियों ने भी बैठक में शिरकत की. बैठक के दौरान भारत की तरफ से निर्धारित किए गए लक्ष्यों को 7 सालों में पूरा करने की बात कही गई है. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण से लेकर अन्य मुद्दों पर भी सभी की सहमति बनी है.

सोमवार रात जारी किए गए प्रपत्र में कुल 11 पैराग्राफ हैं. इसमें दो पैराग्राफ 10 और 11 यूक्रेन विवाद से संबंधित हैं. इस अंतिम पैरा में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक इकोनामी को बहुत ही गहरा असर पड़ा है. इस पर बैठक में चर्चा हुई है. हमने अपने राष्ट्रीय पक्ष को यहां और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अलावा संयुक्त राष्ट्र महासभा जैसे मंच पर भी रखा है. 2 मार्च 2022 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की तरफ से पारित प्रस्ताव का भी जिक्र है. जिसमें यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की कड़ी शब्दों में निंदा की गई है. रूस से तत्काल बिना किसी शर्त के यूक्रेन से अपने सैनिकों को बुलाने की मांग की गई थी. अंत में यह भी लिखा है कि G20 सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को उठाने का मंच नहीं है. लेकिन, हमारा मानना है कि सुरक्षा से जुड़े मुद्दे वैश्विक आर्थिकी पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं.

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