नई दिल्ली : तिरुनेलवेली से चेन्नई तक जो वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई गई है वह सीसीटीवी, चौड़ी सीटें और उनके झुकाव एंगल और बहुत कुछ से सुसज्जित है (New Vande Bharat Train). लगभग 530 यात्रियों की बैठने की क्षमता के साथ तिरुनेलवेली से चेन्नई तक नई लॉन्च की गई वंदे भारत एक्सप्रेस यात्रियों को सुरक्षित रखने के सभी उपायों से सुसज्जित है.
नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी से बात करने वाले रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 'इस विशिष्ट वंदे भारत ट्रेन में कुछ नई विशेषताएं हैं. नई डिज़ाइन की गई सीटों को पहले की तुलना में अधिक चौड़ा किया गया है और उनके झुकाव के एंगल को बढ़ाया गया है.'
उन्होंने बताया कि 'यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, हमने सभी कोच और वेस्टिब्यूल क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे से लैस किया है. इसके अलावा, पहले पायलट और गार्ड वॉकी टॉकी के माध्यम से संचार करते थे लेकिन अब इसे बदल दिया गया है. अब वे अपने स्क्रीन क्षेत्र पर स्थापित डायरेक्ट माइक के माध्यम से संवाद कर सकते हैं.'
चलती ट्रेन के अंदर धूम्रपान करने और उसके बाद ट्रेन रुकने की कई घटनाओं पर अधिकारी ने कहा कि, 'हाल के इतिहास में एक घटना हुई थी कि एक यात्री ट्रेन के अंदर धूम्रपान करने के बाद बचने के लिए शौचालय के अंदर छिप गया और इससे काफी समस्या पैदा हुई. अब हर चीज पर नजर रखी जा रही है और अगर कोई नकारात्मक हरकत करता पाया गया तो उसे दंडित किया जाएगा.'
उन्होंने कहा कि 'ट्रेन तभी चलेगी जब सभी दरवाजे बंद हो जाएंगे.' ट्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए सुरक्षा उपायों पर उन्होंने कहा कि 'हम निरंतर आधार पर निगरानी करते हैं. उदाहरण के लिए- हम नियमित रूप से तेल और ग्रीसिंग, अन्य मुद्दों और सबसे महत्वपूर्ण ब्रेकिंग सिस्टम की जांच करते हैं. तो, चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.'
8 कोच पर 60 करोड़ खर्च: बताया जाता है कि आठ कोचों पर लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च करने के साथ, तिरुनेलवेली से चेन्नई तक नई लॉन्च की गई वंदे भारत एक्सप्रेस यात्रियों को सुरक्षित रखने के सभी उपायों से सुसज्जित है. एक अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी ने इस संवाददाता को बताया कि 'इस ट्रेन की अधिकतम गति 160 किमी/घंटा है और हमने इसे सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की पूरी कोशिश की है. लेग स्पेस को चौड़ा किया गया है, खिड़कियां बड़ी हैं, वॉशिंग बेसिन में वृद्धि की गई है.'
शौचालयों में पानी के छींटों से बचने के लिए गहराई, व्हील चेयर, दिव्यांग यात्रियों और अन्य लोगों के लिए प्वाइंट सुरक्षित करने का प्रावधान है. पहले ट्रेनों को रोकने के लिए चेन से लैस किया जाता था लेकिन इस ट्रेन में एक इमरजेंसी टॉक बैक यूनिटी लगाई है जो एक बटन से लैस है.