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चीन में इन मुद्दों का सामना कर रहे हैं उइगर मुसलमान - separatism and Islamist militancy

मानवाधिकार समूहों का मानना ​​है कि चीन ने पिछले कुछ वर्षों में एक मिलियन से अधिक उइगर मुस्लिमों (muslim Uighurs) को हिरासत में लिया है और उन्हें शिक्षा शिविर में भेजा गया है. अमेरिका उन कई देशों में शामिल है, जिन्होंने चीन पर उइगरों के दमन के माध्यम से नरसंहार (genocide) और मानवता के खिलाफ अपराध (crimes against humanity ) करने का आरोप लगाया है. हालांकि, चीन ने इस तरह के आरोपों को नकार दिया है.

उइगर मुसलमान
उइगर मुसलमान
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Published : Jun 6, 2021, 9:51 PM IST

हैदराबाद : मानवाधिकार समूहों का मानना ​​है कि चीन ने पिछले कुछ वर्षों में एक मिलियन से अधिक उइगर मुस्लिमों (muslim Uighurs) को हिरासत में लिया है और उन्हें शिक्षा शिविर में भेजा गया है, जिसे चीन पुन: शिक्षा शिविर (re-education camps) के रूप में परिभाषित करता है.

उइगरों को जबरन मजदूर के रूप में इस्तेमाल किए जाने और महिलाओं की जबरन नसबंदी किए जाने के प्रमाण मिलते हैं.

अमेरिका उन कई देशों में शामिल है, जिन्होंने चीन पर उइगरों के दमन के माध्यम से नरसंहार (genocide) और मानवता के खिलाफ अपराध (crimes against humanity ) करने का आरोप लगाया है.

हालांकि, चीन ने इस तरह के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वह इस क्षेत्र में अलगाववाद और इस्लामी उग्रवाद (separatism and Islamist militancy) का मुकाबला कर रहा है.

उइगर ट्रिब्यूनल कथित बलात्कार और यातना

लंदन स्थित पीपुल्स ट्रिब्यूनल (people's tribunal) इस बात की जांच कर रहा है कि क्या चीन द्वारा अपने उइगर अल्पसंख्यकों (Uighur minority) का कथित उत्पीड़न नरसंहार है, जिसमें गवाहों की गवाही सामूहिक यातना, बलात्कार और कई अन्य दुर्व्यवहारों का विवरण देती है.

उइगुर ट्रिब्यूनल को किसी राज्य का समर्थन नहीं है और उसका कोई भी निर्णय किसी भी सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है, लेकिन इसने बीजिंग से एक उग्र प्रतिक्रिया प्राप्त की है.

इस मामले में पहली सुनवाई चार तारीख को शुरू हुई जो सात तारिख तक चलेगी. इस दर्जनों गवाहों के आने की उम्मीद है.

ट्रिब्यूनल के नौ यूनाइटेड किंगडम-आधारित ज्यूरर्स (United Kingdom-based jurors), जिनमें वकील और मानवाधिकार विशेषज्ञ शामिल हैं, दिसंबर में एक रिपोर्ट प्रकाशित करने का इरादा रखते हैं कि क्या चीन नरसंहार का दोषी है.

शुक्रवार को गवाही देने वाली पहली गवाह, शिनजियांग की राजधानी उरुमकी की एक जातीय उज़्बेक शिक्षिका केल्बिनुर सिदिक (Qelbinur Sidik) ने कहा कि उसे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party ) के आकाओं द्वारा दो भ्रूण और भीड़-भाड़ वाले पुनः शिक्षा शिविरों में मंदारिन-भाषा (Mandarin-language) कक्षाएं लेने का आदेश दिया गया था.

धर्म को चरमपंथ से जोड़ना

माना जाता है कि चीन ने उत्तर-पश्चिमी चीन के एक बड़े क्षेत्र शिनजियांग में एक लाख से अधिक उइगर और अन्य मुसलमानों को हिरासत में लिया है, जो विभिन्न तुर्क जातीय लोगों का घर है.

राज्य पर इस क्षेत्र में जबरन श्रम, नसबंदी और बलात्कार सहित मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है.

शिनजियांग में हिरासत में लिए गए अधिकांश लोगों को पुनः शिक्षा सुविधाओं - जेल जैसे शिविरों में भेजा जाता है, जहां उन्हें बिना किसी शुल्क के अनिश्चित अवधि के लिए रखा जाता है, लेकिन अन्य को औपचारिक जेल (formal prison sentences) की सजा दी गई है, जिनकी संख्या और गंभीरता 2017 के बाद से नाटकीय रूप से बढ़ी है.

सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हिरासत या चार्ज करने के दस्तावेज दुर्लभ (charging documents) हैं, लेकिन जो मौजूद हैं वे प्रदर्शित करते हैं कि राज्य ने शिनजियांग में सामान्य धार्मिक अभिव्यक्ति को अतिवाद या राजनीतिक अलगाववाद (political separatism) से जोड़ने के लिए कैसे काम किया है.

उइगर निर्वासितों का शिनजियांग में जबरन गर्भपात, यातना

चीनी सरकार ने उइगर समुदाय को जैविक रूप से नष्ट करने के लिए एक अच्छी तरह से प्रलेखित, राज्य द्वारा वित्त पोषित सामूहिक जन्म-निवारण रणनीति (state-funded mass birth-prevention strategy ) को भी नियोजित किया है.उइगर महिलाओं की नसबंदी की जाती है, गर्भपात कराया जाता है और बच्चे पैदा करने वाली उम्र के उइघुर पुरुषों को नजरबंदी शिविरों में भेजा जाता है.

चीन स्पष्ट रूप से स्वीकार करता है कि इन अभियानों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उइगर महिलाएं अब बच्चे पैदा करने वाली मशीन नहीं हैं.

एसोसिएटेड प्रेस (Associated Press) द्वारा दी गई रिपोर्ट के मुताबिक तीन गवाहों में एक महिला शामिल है, जिसने कहा कि उसे साढ़े छह महीने की गर्भवती होने पर गर्भपात के लिए मजबूर किया गया था, एक पूर्व डॉक्टर जिसने कठोर जन्म नियंत्रण नीतियों की बात की थी, और एक पूर्व बंदी जिसने आरोप लगाया था कि उसे चीनी सैनिकों द्वारा दिन रात प्रताड़ित किया गया था, जबकि वह सुदूर सीमावर्ती क्षेत्र में कैद था.

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जुआर में (Peoples War on Terror) शुरू किया, जहां उइगर आबादी का 90 प्रतिशत है. उच्च-स्तरीय अधिकारियों ने उन सभी को घेरने के आदेशों का पालन किया. अधिकारियों ने उइगरों को अमानवीय शब्दों के साथ वर्णित किया और बार-बार उइगरों के सामूहिक नजरबंदी की तुलना ट्यूमर को खत्म करने से की.

पारिवारिक बंधनों का टूटना

2014 के बाद से रिपोर्ट में कहा गया है, बीजिंग ने हान कैडरों को निगरानी करने के लिए उइगर घरों तैनात किया है. सरकार उइगर परिवार के बंधनों को तोड़ने के लिए हान-उइघुर विवाहों (Han-Uyghur marriages) को जबरदस्ती, प्रोत्साहन और सक्रिय रूप से बढ़ावा देती है.

सामूहिक नजरबंदी शिविर

2017 में डी-एक्सट्रीमिफिकेशन (De-Extremification) नियमों के तहत, उइगरों के सामूहिक नजरबंदी को वैध कर दिया गया था.

उइगरों को नजरबंदी शिविरों के निर्माण और विस्तार में तेजी लाने, शिविरों के भीतर अनुशासन और सजा बढ़ाने और अत्यधिक गोपनीयता बनाए रखने के आदेश के साथ एक मैनुअल जारी किया गया था.

माता-पिता से बिछड़े बच्चे

बच्चे, जिनमें शिशु भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को नजरबंदी या जबरन मजदूरी के कारण खो दिया है, बड़े पैमाने पर सरकारी, अत्यधिक सुरक्षित बोर्डिंग स्कूलों के विशाल नेटवर्क तक सीमित हैं.

सांस्कृतिक प्रतीकों का विनाश

रिपोर्ट में कहा गया है चीनी सरकार ने उइगर शिक्षा को समाप्त कर दिया है, उइघुर वास्तुकला और घरेलू सुविधाओं को नष्ट कर दिया है, और अन्य साइटों को बंद करते हुए या उन्हें व्यावसायिक स्थानों में परिवर्तित करते हुए क्षेत्र में मस्जिदों और पवित्र स्थलों के विशाल बहुमत को क्षतिग्रस्त या ध्वस्त कर दिया है.

समुदाय के नेताओं की हिरासत

रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां बुद्धिजीवियों और समुदाय के नेताओं को हिरासत या मौत की सजा दी जा रही है. इन नेताओं को फांसी की सजा दी गई है या विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए लंबी अवधि के कारावास की सजा दी गई है.

उइगर कौन हैं?

शिनजियांग के क्षेत्र में उत्तर-पश्चिमी चीन में रहने वाले लगभग 12 मिलियन उइगर, ज्यादातर मुस्लिम हैं, जिन्हें आधिकारिक तौर पर झिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र (Xinjiang Uyghur Autonomous Region ) के रूप में जाना जाता है.

उइगर तुर्की जैसी भाषा बोलते हैं, और खुद को सांस्कृतिक और जातीय रूप से मध्य एशियाई देशों (Central Asian nations) के करीब देखते हैं. वे शिनजियांग की आधी से भी कम हैं.

हाल के दशकों में हान चीनी (चीन के जातीय बहुमत) का शिनजियांग में बड़े पैमाने पर प्रवास देखा गया है, जिससे उइगरों को लगता है कि उनकी संस्कृति और आजीविका खतरे में है.

शिनजियांग कहां है?

शिनजियांग चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित है और देश का सबसे बड़ा क्षेत्र है.तिब्बत की तरह, यह स्वायत्त है, अर्थात् इसमें स्वशासन की कुछ शक्तियां (powers of self-governance) हैं, लेकिन व्यवहार में, दोनों को केंद्र सरकार द्वारा बड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है.

यह ज्यादातर रेगिस्तानी क्षेत्र है, जो दुनिया के कपास का लगभग पांचवां हिस्सा पैदा करता है.

यह तेल और प्राकृतिक गैस में भी समृद्ध (rich in oil and natural gas) है और मध्य एशिया और यूरोप से इसकी निकटता के कारण बीजिंग इसे एक महत्वपूर्ण व्यापार लिंक ( trade link) के रूप में देखता है.

20वीं शताब्दी की शुरुआत में, उइगरों ने कुछ समय के लिए स्वतंत्रता की घोषणा की, लेकिन 1949 में इस क्षेत्र को चीन की नई कम्युनिस्ट सरकार के पूर्ण नियंत्रण में लाया गया.

पढ़ें - जलवायु परिवर्तन : स्वास्थ्य जोखिमों से कैसे निपटा जा सकता है?

चीन पर क्या आरोप हैं?

अमेरिका, कनाडा और नीदरलैंड सहित कई देशों ने चीन पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है - जिसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा एक राष्ट्रीय, जातीय, नस्लीय या धार्मिक समूह को पूरी तरह से या आंशिक रूप से नष्ट करने के इरादे के रूप में परिभाषित किया गया है.

साथ ही साथ उइगरों को शिविरों में नजरबंद करने के लिए, चीन उइगर महिलाओं को आबादी और उइगर बच्चों को उनके परिवारों से अलग करने के लिए जबरन सामूहिक नसबंदी कर रहा है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने कहा है कि चीन नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध कर रहा है.

ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक राब (Dominic Raab ) ने कहा है कि उइगरों के साथ व्यवहार बुनियादी मानवाधिकारों का भयावह उल्लंघन है.

2018 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति (UN human rights committee ) ने कहा कि उसके पास विश्वसनीय रिपोर्ट है कि चीन शिनजियांग में चरमपंथ विरोधी केंद्रों में एक मिलियन लोगों को पकड़ रखा था.

ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट ( Australian Strategic Policy Institute ) ने 2020 में शिनजियांग में इन शिक्षा शिविरों के 380 से अधिक के साक्ष्य पाए, जो पिछले अनुमानों से 40 प्रतिशत अधिक हैं. इससे पहले, लीक हुए दस्तावेजों को चाइना केबल्स (China Cables ) के नाम से जाना जाता था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि शिविरों को सख्त अनुशासन और दंड के साथ उच्च सुरक्षा जेल के रूप में चलाने का इरादा था. जो लोग शिविरों से बचने में कामयाब रहे हैं, उन्होंने शारीरिक, मानसिक और यौन उत्पीड़न की सूचना दी है - महिलाओं ने सामूहिक बलात्कार और यौन शोषण की बात कही है.

दिसंबर 2020 में एक मीडिया संस्थान द्वारा किए गए शोध से पता चला कि आधे मिलियन लोगों को कपास लेने के लिए मजबूर किया जा रहा था. यह इस बात के प्रमाण हैं कि पुनर्शिक्षा शिविरों के आधार पर नए कारखाने बनाए गए हैं.

कार्रवाई के लिए बिल्ड-अप क्या था?

1990 के दशक से शिनजियांग में हान-विरोधी और अलगाववादी भावनाएं उठीं, जो कभी-कभी हिंसा में बदल जाती थीं. 2009 में शिनजियांग में हुई झड़पों में लगभग 200 लोग मारे गए, जिसके लिए चीन ने उइगरों को दोषी ठहराया जो अपना राज्य चाहते है, लेकिन हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर सुरक्षा कार्रवाई ने असंतोष को कुचल दिया है.

शिनजियांग अब निगरानी के व्यापक नेटवर्क से आच्छादित है, जिसमें पुलिस, चौकियां और कैमरे शामिल हैं, जो नंबर प्लेट से लेकर व्यक्तिगत चेहरों तक सब कुछ स्कैन करते हैं.

ह्यूमन राइट्स वॉच (Human Rights Watch) के अनुसार, पुलिस लोगों के व्यवहार की निगरानी के लिए एक मोबाइल एप का भी उपयोग कर रही है, जैसे कि वे कितनी बिजली का उपयोग कर रहे हैं और कितनी बार वे अपने सामने के दरवाजे का उपयोग करते हैं.

2017 के बाद से जब राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया था कि चीन में सभी धर्मों को ओरियंटेशन (orientation) चीनी होना चाहिए. प्रचारकों का कहना है कि चीन उइगर संस्कृति को मिटाने की कोशिश कर रहा है.

क्या कहता है चीन?

चीन ने कहा है कि उइगरों को हिरासत में लेने की खबरें पूरी तरह से गलत हैं. उसने कहा है कि आतंकवाद को रोकने और इस्लामी चरमपंथ (Islamist extremism ) को जड़ से खत्म करने के लिए कार्रवाई आवश्यक है और शिविर आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कैदियों को फिर से शिक्षित करने के लिए एक प्रभावी उपकरण हैं.

चीन जोर देकर कहता है कि उइगर आतंकवादी बमबारी, तोड़फोड़ और नागरिक अशांति की साजिश रचकर एक स्वतंत्र राज्य के लिए हिंसक अभियान चला रहे हैं, लेकिन उस पर उइगरों के दमन को सही ठहराने के लिए खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप है.

चीन ने उन दावों को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया है कि वह बड़े पैमाने पर नसबंदी के माध्यम से उइगर आबादी को निराधार के रूप में कम करने की कोशिश कर रहा है. साथ ही जबरन मजदूरी के आरोप भी पूरी तरह से झूठे हैं.

हैदराबाद : मानवाधिकार समूहों का मानना ​​है कि चीन ने पिछले कुछ वर्षों में एक मिलियन से अधिक उइगर मुस्लिमों (muslim Uighurs) को हिरासत में लिया है और उन्हें शिक्षा शिविर में भेजा गया है, जिसे चीन पुन: शिक्षा शिविर (re-education camps) के रूप में परिभाषित करता है.

उइगरों को जबरन मजदूर के रूप में इस्तेमाल किए जाने और महिलाओं की जबरन नसबंदी किए जाने के प्रमाण मिलते हैं.

अमेरिका उन कई देशों में शामिल है, जिन्होंने चीन पर उइगरों के दमन के माध्यम से नरसंहार (genocide) और मानवता के खिलाफ अपराध (crimes against humanity ) करने का आरोप लगाया है.

हालांकि, चीन ने इस तरह के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वह इस क्षेत्र में अलगाववाद और इस्लामी उग्रवाद (separatism and Islamist militancy) का मुकाबला कर रहा है.

उइगर ट्रिब्यूनल कथित बलात्कार और यातना

लंदन स्थित पीपुल्स ट्रिब्यूनल (people's tribunal) इस बात की जांच कर रहा है कि क्या चीन द्वारा अपने उइगर अल्पसंख्यकों (Uighur minority) का कथित उत्पीड़न नरसंहार है, जिसमें गवाहों की गवाही सामूहिक यातना, बलात्कार और कई अन्य दुर्व्यवहारों का विवरण देती है.

उइगुर ट्रिब्यूनल को किसी राज्य का समर्थन नहीं है और उसका कोई भी निर्णय किसी भी सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है, लेकिन इसने बीजिंग से एक उग्र प्रतिक्रिया प्राप्त की है.

इस मामले में पहली सुनवाई चार तारीख को शुरू हुई जो सात तारिख तक चलेगी. इस दर्जनों गवाहों के आने की उम्मीद है.

ट्रिब्यूनल के नौ यूनाइटेड किंगडम-आधारित ज्यूरर्स (United Kingdom-based jurors), जिनमें वकील और मानवाधिकार विशेषज्ञ शामिल हैं, दिसंबर में एक रिपोर्ट प्रकाशित करने का इरादा रखते हैं कि क्या चीन नरसंहार का दोषी है.

शुक्रवार को गवाही देने वाली पहली गवाह, शिनजियांग की राजधानी उरुमकी की एक जातीय उज़्बेक शिक्षिका केल्बिनुर सिदिक (Qelbinur Sidik) ने कहा कि उसे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party ) के आकाओं द्वारा दो भ्रूण और भीड़-भाड़ वाले पुनः शिक्षा शिविरों में मंदारिन-भाषा (Mandarin-language) कक्षाएं लेने का आदेश दिया गया था.

धर्म को चरमपंथ से जोड़ना

माना जाता है कि चीन ने उत्तर-पश्चिमी चीन के एक बड़े क्षेत्र शिनजियांग में एक लाख से अधिक उइगर और अन्य मुसलमानों को हिरासत में लिया है, जो विभिन्न तुर्क जातीय लोगों का घर है.

राज्य पर इस क्षेत्र में जबरन श्रम, नसबंदी और बलात्कार सहित मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है.

शिनजियांग में हिरासत में लिए गए अधिकांश लोगों को पुनः शिक्षा सुविधाओं - जेल जैसे शिविरों में भेजा जाता है, जहां उन्हें बिना किसी शुल्क के अनिश्चित अवधि के लिए रखा जाता है, लेकिन अन्य को औपचारिक जेल (formal prison sentences) की सजा दी गई है, जिनकी संख्या और गंभीरता 2017 के बाद से नाटकीय रूप से बढ़ी है.

सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हिरासत या चार्ज करने के दस्तावेज दुर्लभ (charging documents) हैं, लेकिन जो मौजूद हैं वे प्रदर्शित करते हैं कि राज्य ने शिनजियांग में सामान्य धार्मिक अभिव्यक्ति को अतिवाद या राजनीतिक अलगाववाद (political separatism) से जोड़ने के लिए कैसे काम किया है.

उइगर निर्वासितों का शिनजियांग में जबरन गर्भपात, यातना

चीनी सरकार ने उइगर समुदाय को जैविक रूप से नष्ट करने के लिए एक अच्छी तरह से प्रलेखित, राज्य द्वारा वित्त पोषित सामूहिक जन्म-निवारण रणनीति (state-funded mass birth-prevention strategy ) को भी नियोजित किया है.उइगर महिलाओं की नसबंदी की जाती है, गर्भपात कराया जाता है और बच्चे पैदा करने वाली उम्र के उइघुर पुरुषों को नजरबंदी शिविरों में भेजा जाता है.

चीन स्पष्ट रूप से स्वीकार करता है कि इन अभियानों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उइगर महिलाएं अब बच्चे पैदा करने वाली मशीन नहीं हैं.

एसोसिएटेड प्रेस (Associated Press) द्वारा दी गई रिपोर्ट के मुताबिक तीन गवाहों में एक महिला शामिल है, जिसने कहा कि उसे साढ़े छह महीने की गर्भवती होने पर गर्भपात के लिए मजबूर किया गया था, एक पूर्व डॉक्टर जिसने कठोर जन्म नियंत्रण नीतियों की बात की थी, और एक पूर्व बंदी जिसने आरोप लगाया था कि उसे चीनी सैनिकों द्वारा दिन रात प्रताड़ित किया गया था, जबकि वह सुदूर सीमावर्ती क्षेत्र में कैद था.

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जुआर में (Peoples War on Terror) शुरू किया, जहां उइगर आबादी का 90 प्रतिशत है. उच्च-स्तरीय अधिकारियों ने उन सभी को घेरने के आदेशों का पालन किया. अधिकारियों ने उइगरों को अमानवीय शब्दों के साथ वर्णित किया और बार-बार उइगरों के सामूहिक नजरबंदी की तुलना ट्यूमर को खत्म करने से की.

पारिवारिक बंधनों का टूटना

2014 के बाद से रिपोर्ट में कहा गया है, बीजिंग ने हान कैडरों को निगरानी करने के लिए उइगर घरों तैनात किया है. सरकार उइगर परिवार के बंधनों को तोड़ने के लिए हान-उइघुर विवाहों (Han-Uyghur marriages) को जबरदस्ती, प्रोत्साहन और सक्रिय रूप से बढ़ावा देती है.

सामूहिक नजरबंदी शिविर

2017 में डी-एक्सट्रीमिफिकेशन (De-Extremification) नियमों के तहत, उइगरों के सामूहिक नजरबंदी को वैध कर दिया गया था.

उइगरों को नजरबंदी शिविरों के निर्माण और विस्तार में तेजी लाने, शिविरों के भीतर अनुशासन और सजा बढ़ाने और अत्यधिक गोपनीयता बनाए रखने के आदेश के साथ एक मैनुअल जारी किया गया था.

माता-पिता से बिछड़े बच्चे

बच्चे, जिनमें शिशु भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को नजरबंदी या जबरन मजदूरी के कारण खो दिया है, बड़े पैमाने पर सरकारी, अत्यधिक सुरक्षित बोर्डिंग स्कूलों के विशाल नेटवर्क तक सीमित हैं.

सांस्कृतिक प्रतीकों का विनाश

रिपोर्ट में कहा गया है चीनी सरकार ने उइगर शिक्षा को समाप्त कर दिया है, उइघुर वास्तुकला और घरेलू सुविधाओं को नष्ट कर दिया है, और अन्य साइटों को बंद करते हुए या उन्हें व्यावसायिक स्थानों में परिवर्तित करते हुए क्षेत्र में मस्जिदों और पवित्र स्थलों के विशाल बहुमत को क्षतिग्रस्त या ध्वस्त कर दिया है.

समुदाय के नेताओं की हिरासत

रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां बुद्धिजीवियों और समुदाय के नेताओं को हिरासत या मौत की सजा दी जा रही है. इन नेताओं को फांसी की सजा दी गई है या विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए लंबी अवधि के कारावास की सजा दी गई है.

उइगर कौन हैं?

शिनजियांग के क्षेत्र में उत्तर-पश्चिमी चीन में रहने वाले लगभग 12 मिलियन उइगर, ज्यादातर मुस्लिम हैं, जिन्हें आधिकारिक तौर पर झिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र (Xinjiang Uyghur Autonomous Region ) के रूप में जाना जाता है.

उइगर तुर्की जैसी भाषा बोलते हैं, और खुद को सांस्कृतिक और जातीय रूप से मध्य एशियाई देशों (Central Asian nations) के करीब देखते हैं. वे शिनजियांग की आधी से भी कम हैं.

हाल के दशकों में हान चीनी (चीन के जातीय बहुमत) का शिनजियांग में बड़े पैमाने पर प्रवास देखा गया है, जिससे उइगरों को लगता है कि उनकी संस्कृति और आजीविका खतरे में है.

शिनजियांग कहां है?

शिनजियांग चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित है और देश का सबसे बड़ा क्षेत्र है.तिब्बत की तरह, यह स्वायत्त है, अर्थात् इसमें स्वशासन की कुछ शक्तियां (powers of self-governance) हैं, लेकिन व्यवहार में, दोनों को केंद्र सरकार द्वारा बड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है.

यह ज्यादातर रेगिस्तानी क्षेत्र है, जो दुनिया के कपास का लगभग पांचवां हिस्सा पैदा करता है.

यह तेल और प्राकृतिक गैस में भी समृद्ध (rich in oil and natural gas) है और मध्य एशिया और यूरोप से इसकी निकटता के कारण बीजिंग इसे एक महत्वपूर्ण व्यापार लिंक ( trade link) के रूप में देखता है.

20वीं शताब्दी की शुरुआत में, उइगरों ने कुछ समय के लिए स्वतंत्रता की घोषणा की, लेकिन 1949 में इस क्षेत्र को चीन की नई कम्युनिस्ट सरकार के पूर्ण नियंत्रण में लाया गया.

पढ़ें - जलवायु परिवर्तन : स्वास्थ्य जोखिमों से कैसे निपटा जा सकता है?

चीन पर क्या आरोप हैं?

अमेरिका, कनाडा और नीदरलैंड सहित कई देशों ने चीन पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है - जिसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा एक राष्ट्रीय, जातीय, नस्लीय या धार्मिक समूह को पूरी तरह से या आंशिक रूप से नष्ट करने के इरादे के रूप में परिभाषित किया गया है.

साथ ही साथ उइगरों को शिविरों में नजरबंद करने के लिए, चीन उइगर महिलाओं को आबादी और उइगर बच्चों को उनके परिवारों से अलग करने के लिए जबरन सामूहिक नसबंदी कर रहा है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने कहा है कि चीन नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध कर रहा है.

ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक राब (Dominic Raab ) ने कहा है कि उइगरों के साथ व्यवहार बुनियादी मानवाधिकारों का भयावह उल्लंघन है.

2018 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति (UN human rights committee ) ने कहा कि उसके पास विश्वसनीय रिपोर्ट है कि चीन शिनजियांग में चरमपंथ विरोधी केंद्रों में एक मिलियन लोगों को पकड़ रखा था.

ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट ( Australian Strategic Policy Institute ) ने 2020 में शिनजियांग में इन शिक्षा शिविरों के 380 से अधिक के साक्ष्य पाए, जो पिछले अनुमानों से 40 प्रतिशत अधिक हैं. इससे पहले, लीक हुए दस्तावेजों को चाइना केबल्स (China Cables ) के नाम से जाना जाता था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि शिविरों को सख्त अनुशासन और दंड के साथ उच्च सुरक्षा जेल के रूप में चलाने का इरादा था. जो लोग शिविरों से बचने में कामयाब रहे हैं, उन्होंने शारीरिक, मानसिक और यौन उत्पीड़न की सूचना दी है - महिलाओं ने सामूहिक बलात्कार और यौन शोषण की बात कही है.

दिसंबर 2020 में एक मीडिया संस्थान द्वारा किए गए शोध से पता चला कि आधे मिलियन लोगों को कपास लेने के लिए मजबूर किया जा रहा था. यह इस बात के प्रमाण हैं कि पुनर्शिक्षा शिविरों के आधार पर नए कारखाने बनाए गए हैं.

कार्रवाई के लिए बिल्ड-अप क्या था?

1990 के दशक से शिनजियांग में हान-विरोधी और अलगाववादी भावनाएं उठीं, जो कभी-कभी हिंसा में बदल जाती थीं. 2009 में शिनजियांग में हुई झड़पों में लगभग 200 लोग मारे गए, जिसके लिए चीन ने उइगरों को दोषी ठहराया जो अपना राज्य चाहते है, लेकिन हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर सुरक्षा कार्रवाई ने असंतोष को कुचल दिया है.

शिनजियांग अब निगरानी के व्यापक नेटवर्क से आच्छादित है, जिसमें पुलिस, चौकियां और कैमरे शामिल हैं, जो नंबर प्लेट से लेकर व्यक्तिगत चेहरों तक सब कुछ स्कैन करते हैं.

ह्यूमन राइट्स वॉच (Human Rights Watch) के अनुसार, पुलिस लोगों के व्यवहार की निगरानी के लिए एक मोबाइल एप का भी उपयोग कर रही है, जैसे कि वे कितनी बिजली का उपयोग कर रहे हैं और कितनी बार वे अपने सामने के दरवाजे का उपयोग करते हैं.

2017 के बाद से जब राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया था कि चीन में सभी धर्मों को ओरियंटेशन (orientation) चीनी होना चाहिए. प्रचारकों का कहना है कि चीन उइगर संस्कृति को मिटाने की कोशिश कर रहा है.

क्या कहता है चीन?

चीन ने कहा है कि उइगरों को हिरासत में लेने की खबरें पूरी तरह से गलत हैं. उसने कहा है कि आतंकवाद को रोकने और इस्लामी चरमपंथ (Islamist extremism ) को जड़ से खत्म करने के लिए कार्रवाई आवश्यक है और शिविर आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कैदियों को फिर से शिक्षित करने के लिए एक प्रभावी उपकरण हैं.

चीन जोर देकर कहता है कि उइगर आतंकवादी बमबारी, तोड़फोड़ और नागरिक अशांति की साजिश रचकर एक स्वतंत्र राज्य के लिए हिंसक अभियान चला रहे हैं, लेकिन उस पर उइगरों के दमन को सही ठहराने के लिए खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप है.

चीन ने उन दावों को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया है कि वह बड़े पैमाने पर नसबंदी के माध्यम से उइगर आबादी को निराधार के रूप में कम करने की कोशिश कर रहा है. साथ ही जबरन मजदूरी के आरोप भी पूरी तरह से झूठे हैं.

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