देहरादून : उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से दो बार भाजपा विधायक पुष्कर सिंह धामी (PUSHKAR SINGH DHAM) उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे. बता दें नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज अपने मंत्रिमंडल के साथ शाम 5 बजे शपथ लेंगे.
एक प्रश्न के उत्तर में धामी ने कहा कि पार्टी में अधिकतर नेताओं के उनसे उम्र और अनुभव में बड़े होने के बावजूद उनके साथ काम करने में कोई परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा पार्टी में सभी नेता आदरणीय हैं और मैं सम्मान के साथ उनसे मार्गदर्शन लेकर सभी के सहयोग से काम करूंगा, उन्होंने कहा कि समय कम होने तथा कोविड-19 की विकट परिस्थिति के बावजूद अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की चुनौती आसानी से पार हो जाएगी, उन्होंने कहा कि अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों द्वारा किए गए जनहित के कार्यों को वह आगे बढाएंगे और जनता की सेवा का प्रयास करेंगे जिससे पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के रास्ते में कोई चुनौती नहीं आएगी.
जमीन पर काम करने वाले हैं बीजेपी कार्यकर्ता
प्रदेश में कांग्रेस से मिलने वाली टक्कर के बारे में पूछे जाने पर धामी ने कहा हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जमीन पर काम करने वाले लोग हैं जो जनता की सेवा करते हैं और उनसे सीधा संपर्क रखते हैं. हमें टक्कर देने की स्थिति में कोई नहीं है.
पुष्कर सिंह धामी का बयान
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मैं संकल्प लेता हूं कि उत्तराखंड के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक हमारी सरकार और सेवाएं पहुंचेंगी. जहां दुनिया के दूसरे देश अपनी प्रयोगशालाओं में कोरोना का निर्माण कर रहे हैं और वहीं हम विश्व बंधुत्व की भावना से दुनिया के दूसरे देशों को भी वैक्सीन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरा ये लक्ष्य होगा कि हमारे जो हज़ारों-लाखों भाई बेरोजगार हैं, उनको रोजगार से जोड़ने का काम हो.
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चार माह से कम सीएम रहे तीरथ सिंह रावत
बता दें उत्तराखंड में पैदा हुए संवैधानिक संकट के बीच पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चार माह से भी कम समय तक पद पर रहने के बाद शुक्रवार देर रात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया.राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा देने के बाद रावत ने संवाददाताओं को बताया कि उनका इस्तीफा देने की मुख्य वजह संवैधानिक संकट था जिसमें निर्वाचन आयोग के लिए उपचुनाव कराना मुश्किल था.उन्होंने कहा कि संवैधानिक संकट की परिस्थितियों को देखते हुए मैंने अपना इस्तीफा देना उचित समझा.
पौड़ी से लोकसभा सदस्य रावत ने इस वर्ष 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद संभाला था और संवैधानिक बाध्यता के तहत उन्हें छह माह के भीतर यानी 10 सितंबर से पहले विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना था. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151ए के मुताबिक निर्वाचन आयोग संसद के दोनों सदनों और राज्यों के विधायी सदनों में खाली सीटों को रिक्ति होने की तिथि से छह माह के भीतर उपचुनावों के द्वारा भरने के लिए अधिकृत है, बशर्ते किसी रिक्ति से जुड़े किसी सदस्य का शेष कार्यकाल एक वर्ष अथवा उससे अधिक हो.
पीटीआई-भाषा