देहरादून (उत्तराखंड): प्रदेश में धोखाधड़ी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) के खाते से देहरादून के शराब कारोबारियों ने ₹10.13 करोड़ रुपए बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से ट्रांसफर कर लिए. पंजाब नेशनल बैंक की गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार शाखा के प्रबंधक ने सीबीआई को शिकायत दर्ज कराई है. सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं, शाखा प्रबंधक द्वारा आरोपी से 3.65 करोड़ रुपए रिकवर किए जा चुके हैं और 6.66 करोड़ रुपए ब्याज सहित अभी भी बकाया है.
सीबीआई कर रही मामले की जांच: बता दें कि यूपीसीएल के खाते से रकम चीफ अकाउंट अफसर के खाते में जाती है. चीफ अकाउंट अधिकारी का यह खाता पलटन बाजार देहरादून की ब्रांच में चल रहा है. यह पैसा भी चीफ अकाउंट अधिकारी के खाते में जाना था, लेकिन आरोपियों ने यूपीसीएल का यह खाता ही खाली कर दिया. शाखा प्रबंधक विकास कुमार ने बताया कि राम सागर जायसवाल (निवासी नेहरू कॉलोनी देहरादून) की रेसकोर्स में द लिकर शॉप के नाम से शराब की दुकान है. इसका करंट अकाउंट बैंक की शाखा में चल रहा है. 12 मार्च 2021 से 29 मार्च 2021 के बीच उनके खाते में यूपीसीएल के करंट अकाउंट से 10.13 करोड़ ट्रांसफर कर दिए गए.
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बैंक ने की रिकवरी: यूपीसीएल का खाता पीएनबी की भेल स्थित शाखा में है. जब इस बारे में अधिकारियों को जानकारी मिली तो मामले की जांच कराई. जांच में पता चला कि यह पैसा बैंक के कर्मचारियों मोहित कुमार और मनीष शर्मा की मदद से ट्रांसफर किया गया है. बैंक ने रिकवरी शुरू की तो कुल ₹3.65 करोड़ ही रिकवर किए जा सके हैं, लेकिन अब भी राम सागर जायसवाल के पास ब्याज मिलाकर करीब ₹6.66 करोड़ बकाया है.
शाखा प्रबंधक विकास कुमार द्वारा सीबीआई में दी गई तहरीर के आधार पर सीबीआई ने प्राथमिक जांच की और मुकदमा दर्ज कर लिया. मुकदमे में राम सागर जायसवाल, अनिता जायसवाल, राजकुमार जयसवाल और कुलदीप के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है. सीबीआई ने राम सागर जायसवाल सहित अन्य लोगों के घर और ऑफिस पर छापे भी मारे, जहां से कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं.