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डिजिटल पोस्टमार्टम संबंधी अर्जी पर उत्तराखंड HC ने केंद्र एवं राज्य सरकारों से मांगा जवाब

उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court ) ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकारों को डिजिटल तरीके से पोस्टमार्टम करने से जुड़ी एक याचिका पर जवाब मांगा है.

उत्तराखंड हाई कोर्ट
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Published : Sep 16, 2021, 8:39 AM IST

नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand High Court ) ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकारों को डिजिटल तरीके से पोस्टमार्टम करने से जुड़ी एक याचिका पर चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

इस अर्जी पर न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई. जनहित याचिका में कहा गया है कि फिलहाल शवों का पोस्टमार्टम करने के लिए अपनायी जा रही प्रक्रिया गलत एवं अमानवीय है.

ये भी पढ़ें - केंद्र दो सप्ताह में देशभर के ट्रिब्युनल में नियुक्ति करे : सुप्रीम कोर्ट

उसमें कहा गया है कि यदि वर्तमान कोविड महामारी के दौरान एमआरआई और सीटी स्कैन डिजिटल तरीके से किये जा सकते हैं तो यह भी मुमकिन है कि पोस्टमार्टम भी इसी तरह डिजिटल तरीके से किए जाएं.

याचिका में यह भी कहा गया है कि उपलब्ध साधनों से पोस्टमार्टम डिजिटल तरीके से आसानी से किया जा सकता है तथा इस प्रक्रिया से समय एवं पैसे की बचत भी होगी. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय कानून मंत्रालय को प्रतिवेदन भेजा था लेकिन उसका संतोषजनक जवाब नहीं आया. संबंधित पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने केंद्र एवं राज्य सरकारों से चार हफ्ते में जवाब मांगा.

(पीटीआई-भाषा)

नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand High Court ) ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकारों को डिजिटल तरीके से पोस्टमार्टम करने से जुड़ी एक याचिका पर चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

इस अर्जी पर न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई. जनहित याचिका में कहा गया है कि फिलहाल शवों का पोस्टमार्टम करने के लिए अपनायी जा रही प्रक्रिया गलत एवं अमानवीय है.

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उसमें कहा गया है कि यदि वर्तमान कोविड महामारी के दौरान एमआरआई और सीटी स्कैन डिजिटल तरीके से किये जा सकते हैं तो यह भी मुमकिन है कि पोस्टमार्टम भी इसी तरह डिजिटल तरीके से किए जाएं.

याचिका में यह भी कहा गया है कि उपलब्ध साधनों से पोस्टमार्टम डिजिटल तरीके से आसानी से किया जा सकता है तथा इस प्रक्रिया से समय एवं पैसे की बचत भी होगी. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय कानून मंत्रालय को प्रतिवेदन भेजा था लेकिन उसका संतोषजनक जवाब नहीं आया. संबंधित पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने केंद्र एवं राज्य सरकारों से चार हफ्ते में जवाब मांगा.

(पीटीआई-भाषा)

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