नैनीताल: अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में नाबालिग से रेप का प्रयास और छेड़छाड़ के मामले दिल्ली सरकार द्वारा बर्खास्त किए गए तत्कालीन संयुक्त सचिव अकिम वेंकट प्रेमनाथ उर्फ एवी प्रेमनाथ को उत्तराखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई. अल्मोड़ा जिला प्रशासन की दखल के बाद एवी प्रेमनाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट ने आरोपी एवी प्रेमनाथ को इस आधार पर जमानत दी है कि उसके दोनों हाथ नहीं है.
एवी प्रेमनाथ के वकील ने कोर्ट में दलील दी है कि पीड़िता की मां और आरोपी के बीच पहले से ही झगड़ा चल रहा था. ऐसे में उसे फंसाने के लिए लड़की की मां ने ऐसे आरोप लगाए हैं. पीड़िता की मां ने इससे पहले अपनी बिटिया के साथ दुराचार होने की बात कहीं नहीं कही. वहीं, आरोप लगने के बाद दिल्ली सरकार ने एवी प्रेमनाथ को बर्खास्त कर दिया था.
मामले के अनुसार नाबालिग ने एवी प्रेमनाथ पर आरोप लगाया था कि साल 2019 में लॉकडाउन के दौरान उसे लेकर दिल्ली से रानीखेत लेकर आया था, जहां उसने रेप का प्रयास किया था. आरोप है कि इससे पहले प्रेमनाथ ने पीड़िता की मां को पहले जेल पहुंचाया और बाद में उसे छुड़वाने के नाम पर उसके साथ रेप का प्रयास किया. जब इसकी शिकायत पटवारी से की तो पटवारी ने उनकी प्राथमिकी नहीं दर्ज की.
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इसके बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की, तब जाकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. शिकायत में कहा गया कि आरोपी दिल्ली सरकार के सचिवालय में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत है. आरोपी और उसकी पत्नी का रानीखेत के डाडाकांडा गांव में प्लीजेंट वैली फाउंडेशन के नाम से स्कूल है. आरोपी पहले से ही उस पर गलत नियत रखता था. चार माह पूर्व उसने उसके साथ दुर्व्यवहार और शोषण किया था.