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धर्म संसद हेट स्पीच मामला : HC ने खारिज की आरोपी वसीम रिजवी की जमानत याचिका - उत्तराखंड हाईकोर्ट

उत्तराखंड में धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोपी वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को हाई कोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है.

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उत्तराखंड हाईकोर्ट
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Published : Mar 8, 2022, 7:47 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई की. न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

इस मामले में नदीम अली निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि हिंदू साधु-संतों ने हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन किया, जिसमें मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान करते हुए उनके पवित्र ग्रंथ कुरान व पैगम्बर साहब के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी किया गया.

आरोप है कि जितेंद्र नारायण त्यागी, यति नरसिंहानन्द व अन्य ने इन भड़काऊ भाषणों के विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए. जिसके बाद जिले में अशांति का माहौल बना रहा और भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी भी हुई. आरोप है कि प्रबोधानंद गिरी ने हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगों के खिलाफ हिंसा का प्रयास भी किया.

पढ़ें- धर्म संसद मामला : जज ने जितेंद्र त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

वहीं, नदीम की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 A, 295 तहत वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी, नरसिंहानंद गिरी, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरी के खिलाफ धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज किया था.

इस मामले में गिरफ्तारी के बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. वहीं, आज इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने वसीम रिजवी की जमानत याचिका को खारीज कर दिया.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई की. न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

इस मामले में नदीम अली निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि हिंदू साधु-संतों ने हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन किया, जिसमें मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान करते हुए उनके पवित्र ग्रंथ कुरान व पैगम्बर साहब के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी किया गया.

आरोप है कि जितेंद्र नारायण त्यागी, यति नरसिंहानन्द व अन्य ने इन भड़काऊ भाषणों के विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए. जिसके बाद जिले में अशांति का माहौल बना रहा और भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी भी हुई. आरोप है कि प्रबोधानंद गिरी ने हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगों के खिलाफ हिंसा का प्रयास भी किया.

पढ़ें- धर्म संसद मामला : जज ने जितेंद्र त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

वहीं, नदीम की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 A, 295 तहत वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी, नरसिंहानंद गिरी, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरी के खिलाफ धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज किया था.

इस मामले में गिरफ्तारी के बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. वहीं, आज इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने वसीम रिजवी की जमानत याचिका को खारीज कर दिया.

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