बागेश्वर (उत्तराखंड): फुटबॉलर रोहित दानू का चयन भारतीय फुटबॉल टीम में 19वें एशियाई खेलों के लिए हुआ है. वह चाइना के हांग्जो शहर में आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे. कपकोट तहसील के बघर गांव निवासी रोहित की शिक्षा कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल से हुई. उनका 19वीं पुरुष एशियन गेम्स के लिए चयन हुआ है. वह भारतीय टीम का हिस्सा बने हैं. टीम में तीन सीनियर खिलाड़ी भी रहेंगे. 22 खिलाड़ियों में उत्तराखंड से एकमात्र खिलाड़ी होंगे. उत्तराखंड से एकमात्र खिलाड़ी और एशियन गेम्स में बागेश्वर के पहले खिलाड़ी होने पर खेल प्रेमियों में खुशी दौड़ गई है.
रोहित दानू की इस उपलब्धि पर पिता प्रताप सिंह, माता गंगा दानू और कोच नीरज पांडेय ने खुशी व्यक्त की है. बागेश्वर की धरती से फुटबॉल खेलने की शुरुआत करने वाले रोहित दानू ने कोच नीरज पांडेय से फुटबॉल की बारीकियां सीखी. रोहित भारतीय अंडर 14, 15, 16, 17 व 19, 23 टीम से खेल चुके हैं. सेंटर फॉरवर्ड प्लेयर के तौर पर खेलते हैं. अब उन्हें भारतीय फुटबॉल टीम के लिए सेलेक्ट किया गया है. जहां वह भारत के महान फुटबॉलर सुनील छेत्री के साथ खेलेंगे. रोहित की सफलता पर कंट्रीवाइड के चेयरमैन जगदीश पांडे, मोहन पांडे, एनबी भट्ट, शंकर पांडे, कवि जोशी, मोहनी पांडेय आदि ने खुशी व्यक्त की है. उन्होंने रोहित को सम्मानित करने का निर्णय लिया है.
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सबसे पहले भारतीय अंडर 14 टीम में चयन: उनके कोच नीरज पांडे ने बताया कि रोहित 8 साल से फुटबॉल खेल रहे हैं. वह काफी प्रतिभाशाली हैं. बचपन से ही सीनियर खिलाड़ियों के साथ प्रतिभाग करते रहे हैं. रोहित ने उत्तराखंड अंडर 14 फुटबॉल टीम से खेलते हुए राष्टीय प्रतियोगिता (हिमाचल) में प्रतिभाग किया. वहीं से उनका चयन भारतीय अंडर 14 प्रतियोगिता में हुआ. जिसमे उन्होंने भारतीय टीम के साथ कजाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया. इसके बाद वह कभी पीछे नहीं मुड़े. आज उनका चयन भारतीय एशियाई टीम के लिए हुआ है, जो काफी बड़ी उपलब्धि है.
रोहित का फुटबॉल के प्रति जुनून: नीरज पांडे ने बताया कि रोहित फुटबॉल के प्रति जुनूनी स्वभाव का था. उनकी लगन, मेहनत और तैयारी देखकर ही लगता था कि वह एक दिन बुलंदियों को जरूर छुएगा. रोहित ने अपनी प्रतिभा दिखा कर इसकी शुरुआत भी कर दी है. नीरज ने बताया कि रोहित की तरह अन्य युवा भी मेहनत और लगन से खेल पर ध्यान दें तो सफलता जरूर मिलेगी. रोहित दानू ने बताया कि मेरे बड़े भाई नवीन दानू ने मुझे बचपन से ही हर मुकाम पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. आज मैं जो भी हूं, जहां भी हूं, वह इन्हीं लोगों के प्रयासों से ही हूं. कोच नीरज पांडे का विशेष प्रयास मुझे हमेशा याद रहेगा.
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