नई दिल्ली : बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर अब अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से एक पाकिस्तानी पत्रकार ने इस पर सवाल पूछा था. अमेरिकी राजनयिक नेड प्राइस ने इसका जवाब दिया.
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें किसी भी डॉक्यूमेंट्री की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन उसे उन साझा मूल्यों की जानकारी अवश्य है, जो अमेरिका और भारत के बीच है. प्रवक्ता ने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र को जीवंत बनाता है. इस जवाब के बाद पाकिस्तानी पत्रकार हैरान रह गया. उसे उम्मीद थी कि अमेरिका मोदी की आलोचना करेगा और इस बहाने पर एक बार फिर से पीएम मोदी को कटघरे में खड़ा कर सकता है.
नेड प्राइस ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने वाले कई तत्व मौजूद हैं, जिनमें राजनीतिक, आर्थिक रिश्तों के साथ-साथ लोगों के बीच असाधारण रूप से गहरे संबंध शामिल हैं.
उन्होंने कहा, "मुझे इस डॉक्यूमेंटरी के बारे में नहीं जानना है, जिसकी बात आप कर रहे हैं, लेकिन मोटे तौर पर कह सकता हूं कि ऐसे कई तत्व हैं, जो उस वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करते हैं, जो हमारी भारतीय भागीदारों के साथ है."
पिछले सप्ताह, यूनाइडेट किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए बीबीसी की उस डॉक्यूमेंटरी से खुद को दूर कर लिया था. उन्होंने ब्रिटिश संसद में कहा था कि वह अपने भारतीय समकक्ष के चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं. ऋषि सुनक की यह टिप्पणी उस समय आई, जब पाकिस्तानी मूल के एक सांसद इमरान हुसैन ने विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को लेकर ब्रिटिश संसद में बात की थी. उनसे पहले ब्रिटेन के दूसरे सांसद भी इस डॉक्यूमेंट्री पर सवाल उठा चुके थे.
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