नई दिल्ली : अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर जारी है. बाइडेन सरकार चीन के प्रति सख्त रवैया अख्तियार कर रहा है. आने वाले वर्षों में अमेरिका का प्रमुख प्रतिद्वंदी चीन होगा. जिसके चलते अमेरिकी रक्षा विभाग (US Department of Defense (DoD)) चीन सैन्य आधुनिकीकरण अभियान के साथ तालमेल बिठाने के लिए रिकॉर्ड मात्रा में धन की मांग कर रहा है.
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन (US Secretary of Defense Lloyd J Austins ) ने मंगलवार को 2022 के रक्षा बजट अनुरोध के लिए हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी (House Armed Services Committee) की सुनवाई में कहा कि परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण के लिए 28 बिलियन डॉलर और अनुसंधान, विकास, परीक्षण और मूल्यांकन (ईवैल्यूऐशन) के लिए 112 बिलियन डॉलर की जरूरत है. अमेरिका के इतिहास में रक्षा विभाग द्वारा अब तक का सबसे बड़ा बजट अनुरोध है.
यह (बजट अनुरोध) हाइपरसोनिक हथियारों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स, 5G प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष-आधारित प्रणालियों, जहाज निर्माण और परमाणु आधुनिकीकरण के संबंधित है.
आस्टिन ने कहा कि हमें प्रणालियों और प्लेटफार्मों को सेना से अलग कर देना चाहिए, जो हथियार अब हमारी जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं. जैसे कि पुराने जहाजों, विमानों और आई-एस-आर प्लेटफॉर्म को. इन सभी को मेंटेनेंस और रखरखाव की जरूरत है.
हालांकि, चीन ने 1978 के बाद से अपनी सेना का आधुनिकीकरण करना शुरू कर दिया था, लेकिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 'चाइना ड्रीम' प्रोजेक्ट के तहत इस प्रयास को एक बड़ा प्रोत्साहन मिला है. 2017 में, शी ने पीएलए के लिए तीन समय-सीमा निर्धारित की थी. चीनी राष्ट्रपति ने 2020 तक, चीन सेना को 'नेटवर्क' बल बनाने का, 2035 तक सैन्य आधुनिकीकरण को पूरा करने का और 2049 तक 'विश्व स्तरीय' सेना बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
इसमें किसी प्रकार है संदेह नहीं कि चीन की पीएलए ने दुर्जेय सैन्य कद हासिल किया है. बदलते अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक वैश्विक मुद्रा समीक्षा और एक नई राष्ट्रीय रक्षा रणनीति भी शुरू की है.
ऑस्टिन ने कहा कि बजट में जोर चीन केंद्रित है. यह बजट चीन की ओर से बढ़ती चुनौतियों के प्रति अमेरिका की सजगता को दिखाता है, जिसमें पैसिफिक डिटरेंस इनिशिएटिव के लिए पांच बिलियन डॉलर से अधिक शामिल हैं.
साइबर डोमेन में रूस के कौशल को परोक्ष रूप से स्वीकार करते हुए, ऑस्टिन ने साइबर सुरक्षा, साइबरस्पेस संचालन और साइबर अनुसंधान और विकास के लिए 10 बिलियन डॉलर से अधिक की मांग की. यह हमें विशेष रूप से साइबर क्षेत्र में रूस से मुकाबला करने में मदद करेगा.
ऑस्टिन के बयान में ईरान और उत्तर कोरिया द्वारा दी गई धमकियां का जिक्र किया. इसके अलवा उन्होंने पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया आतंक फैलाने वाले आतंकी संगठन आईएसआईएस, अल कायदा और अल शबाब का भी जिक्र किया.