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उपहार अग्निकांड : सुशील अंसल ने पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए किया फर्जीवाड़ा

दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया है कि 59 लोगों की जान लेने वाले 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड में दोषी ठहराए गए सुशील अंसल ने अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए फर्जीवाड़ा किया. साथ ही अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई

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Published : Jun 22, 2021, 3:46 PM IST

नई दिल्ली : मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा की अदालत में दायर आठ पृष्ठों के आरोपपत्र दाखिल किया है. जिसमें पुलिस ने दावा किया है कि अंसल ने शपथपत्र में यह कहकर सरकारी अधिकारियों को गुमराह किया कि उसे किसी भी अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है.

अंसल को 2013 में ‘तत्काल’ आवेदन पर जारी पासपोर्ट के संबंध में पुलिस ने कहा कि यह पाया गया है कि तत्काल पासपोर्ट योजना के तहत दिए गए शपथपत्र में अंसल ने कहा कि उसके खिलाफ किसी भी अदालत में कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है. उसे किसी भी अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है.

पुलिस ने यह आरोपपत्र इस साल फरवरी में दायर किया था. लेकिन लोगों के संज्ञान में यह अब आया है. आरोपपत्र में कहा गया है कि 2013 में आरोपी सुशील अंसल ने अपने आवेदन के साथ शपथपत्र दायर किया और उसने शपथ के माध्यम से सरकारी प्राधिकरण (पासपोर्ट कार्यालय) को यह कहकर गुमराह किया कि उसे अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है.

यह भी पढ़ें-संसद पहुंचा नुसरत जहां की शादी का विवाद, BJP ने की सदस्यता रद्द करने की मांग

मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी 2022 को होगी. संबंधित मामला उपहार हादसे के पीड़ितों के संगठन की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर दायर किया गया था. याचिका में कहा गया था कि अंसल ने अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए सूचनाएं छिपाईं या गलत सूचना दी. दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान भीषण आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा की अदालत में दायर आठ पृष्ठों के आरोपपत्र दाखिल किया है. जिसमें पुलिस ने दावा किया है कि अंसल ने शपथपत्र में यह कहकर सरकारी अधिकारियों को गुमराह किया कि उसे किसी भी अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है.

अंसल को 2013 में ‘तत्काल’ आवेदन पर जारी पासपोर्ट के संबंध में पुलिस ने कहा कि यह पाया गया है कि तत्काल पासपोर्ट योजना के तहत दिए गए शपथपत्र में अंसल ने कहा कि उसके खिलाफ किसी भी अदालत में कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है. उसे किसी भी अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है.

पुलिस ने यह आरोपपत्र इस साल फरवरी में दायर किया था. लेकिन लोगों के संज्ञान में यह अब आया है. आरोपपत्र में कहा गया है कि 2013 में आरोपी सुशील अंसल ने अपने आवेदन के साथ शपथपत्र दायर किया और उसने शपथ के माध्यम से सरकारी प्राधिकरण (पासपोर्ट कार्यालय) को यह कहकर गुमराह किया कि उसे अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है.

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मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी 2022 को होगी. संबंधित मामला उपहार हादसे के पीड़ितों के संगठन की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर दायर किया गया था. याचिका में कहा गया था कि अंसल ने अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए सूचनाएं छिपाईं या गलत सूचना दी. दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान भीषण आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

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