बेंगलुरु: कश्मीरी की एक महिला उद्यमी ने बेंगलुरु में एक कश्मीरी वजवान नामक आउटलेट खोला है. यह कश्मीरी स्वाद और परंपराओं को महत्व देने वाले लोगों के लिए एक पसंदीदा जगह बन गया है. अजमत अली मीर श्रीनगर से हैं. उन्होंने एक गैर-कश्मीरी परिवार में शादी की है. एक कंप्यूटर इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षित अजमत बेंगलुरु में कश्मीर डिशों का एक वजवान नामक रेस्टोरेंट खोला है.
बेंगलुरु के पॉश इंदिरा नगर इलाके में स्थित इस रेस्टोरेंट में कश्मीरी डिश मिलता है. उनके रेस्टोरेंट में बेकरी आइटम और चाय भी मिलती है. अजमत ने कश्मीरी व्यंजनों की तैयारी के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा, हम अपने सभी भोजन को पारंपरिक शैली में तैयार करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं. स्वाद और गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं करते हैं. जायके को लेकर कई सामान कश्मीर से मंगवाते हैं. उन्होंने कहा मीट भी कश्मीर में स्टाइल में बनवाते हैं.
सरपोश वास्तव में एक तांबे का ढक्कन है जो बड़े तांबे की थाली को ढकता है जिसमें कश्मीर में पारंपरिक तरीके से वजवान परोसा जाता है. चावल के टीले से भरी थाली और विभिन्न व्यंजनों से सजी थाली को चार व्यक्तियों के बीच संयुक्त रूप से खाने के लिए रखा जाता है. अजमत ने कश्मीरी जायका बनाने रखने के लिए छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखती हैं.
अजमत कहती हैं, 'मैं अपनी संस्कृति के प्रति बेहद भावुक हूं. यह जीवित रहे और आगे बढ़े इसके लिए मैं अपनी शक्ति से सब कुछ करना चाहती हूं.' अजमत अली मीर ने कहा, सरपोश के ग्राहक अलग-अलग संस्कृतियों से हैं. हिंदू समुदाय के अलावा, कश्मीरी पंडित अक्सर ग्राहक होते हैं जो कश्मीर से दूर बेंगलुरु में कश्मीरी भोजन का आनंद लेते हैं.
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अजमत का कहना है कि यहां सात पकवान वाली कश्मीरी वजवान मुख्य आकर्षण है. ग्राहक कश्मीरी केहवा और नन-चाय (नमक की चाय) का भी स्वाद लेते हैं. हमने प्रामाणिक कश्मीरी व्यंजनों के लिए बेंगलुरु में एक जगह बनाई है. यह आसान काम नहीं था, लेकिन हमने इसे किया. वह गर्व से कहती हैं. दिलचस्प बात यह है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान उनके रेस्तरां को कई पुरस्करों ने नवाजा गया.