देहरादून: अंतरराष्ट्रीय स्तर के किसी विशाल निर्माण ने शायद ही कभी इतनी जल्दी खुद को बदहाल होते हुए देखा होगा. अंधेरे में डूबते देहरादून के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम ने जितनी जल्दी अपनी लोकप्रियता का आसमान छुआ था, उतनी ही तेजी से ये अर्श से फर्श पर पहुंच चुका है. आज हाल यह है कि स्टेडियम की सुध लेने के लिए सरकार और खेल विभाग कुछ खास परवाह करता नहीं दिख रहा है, इसी का नतीजा है कि पिछले करीब 6 महीने से स्टेडियम की बिजली कटी हुई है और इतने महीनों बाद जाकर अब इसकी सुध लेने की तैयारी की जा रही है.
उत्तराखंडवासियों ने जिस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच होता देख खुद को गौरवान्वित महसूस किया, वहां अब अंतरराष्ट्रीय तो छोड़िए जिला स्तर के भी मैच कराने के हालात नहीं हैं. स्टेडियम के रखरखाव पर न तो किसी का ध्यान है और न ही इस स्टेडियम को बेहतर बनाए रखने में किसी को इंटरेस्ट. जाहिर है कि इस स्थिति में कभी हाथों हाथ लिये जाने वाला यह मैदान अब अनाथ सा हो गया है. इसके खेवनहार भी मुनाफाखोरी को इसकी जिम्मेदारी देकर अपना पिंड छुड़ा चुके हैं.
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ऐसा नहीं है कि एक लंबा अरसा बीतने के बाद सरकार, खेल विभाग या सिस्टम का इससे मोहभंग हो गया हो, बल्कि करीब 5 सालों में ही सरकार ने करीब 250 करोड़ रुपए खर्च कर इससे अपना ध्यान हटा दिया. सबसे पहले जानिए देहरादून के रायपुर में बने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की परेशानियां.
- स्टेडियम के निर्माण के साथ ही इसके रखरखाव को लेकर सरकार ने हाथ खड़े कर लिए थे.
- अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को चलाने की अनुभवहीनता ने बढ़ाई परेशानी.
- उत्तराखंड के खराब वित्तीय हालात से भी बढ़ी इस मैदान की मुसीबत.
- निजी कंपनी पर कंट्रोल नहीं होना भी स्टेडियम की बदहाली का कारण.
- स्टेडियम के निर्माण के बाद इसकी बेहतरी को लेकर सरकार के पास कोई कार्य योजना नहीं थी.
देहरादून में रायपुर क्षेत्र में बने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का पिछले 5 साल के दौरान का इतिहास भी कभी बेहतर दिखाई दिया तो कभी इसके भविष्य के रसातल में जाने की संभावना भी दिखाई देने लगी थी. अब यह भी जानिए कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बने पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का कब और कैसे बदला समय.
- साल 2016 में 6 दिसंबर को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्टेडियम का किया लोकार्पण.
- 23 एकड़ में फैला हुआ है देहरादून का रायपुर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम.
- करीब 250 करोड़ रुपए की लागत से स्टेडियम को दिया गया था भव्य रूप.
- इस मैदान में लोगों के बैठने की क्षमता 25000 है.
- इस मैदान में 3 जून 2018 को पहला मैच खेला गया.
- साल 2019 में मार्च महीने के दौरान पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर का मैच खेला गया.
- अफगानिस्तान आयरलैंड और बांग्लादेश की टीमें इस मैदान में दिखा चुकी है कमाल.
- लीजेंडरी मैच के दौरान दुनिया भर के बड़े खिलाड़ी भी इस मैदान पर खेल चुके है.
- देहरादून के इसी स्टेडियम में अफगानिस्तान ने बनाया था T20 में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड
बिजली कटने का कारण: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम कभी दूधिया रोशनी में नहाया करता था. डे नाइट मैच के दौरान यहां लगी एलइडी लाइट्स इस मैदान की खूबसूरती को और भी बढ़ा देती थी, लेकिन समय बदला और सितंबर 2022 में अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस स्टेडियम की लाइट बिजली विभाग ने काट दी. ऊर्जा विभाग की इस कार्रवाई के पीछे का कारण स्टेडियम पर 1.70 करोड़ के बिजली बिल का बकाया होना था.
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कभी अफगानिस्तान का होम ग्राउंड था ये मैदान: दरअसल, इसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को कभी अफगानिस्तान की टीम ने अपना होम ग्राउंड भी बनाया था, लेकिन अफगानिस्तान की टीम ने जैसे ही इस स्टेडियम को होम ग्राउंड नहीं रखने का फैसला लिया, स्टेडियम के खराब हालात की ओर इशारा मिलने लगा. साल 2020 के दौरान यहां कोविड सेंटर बनाया गया तो भविष्य में इसकी स्थिति खराब होने की संभावना और भी ज्यादा दिखने लगी.
निजी कंपनी के पास 30 सालों की लीज पर स्टेडियम: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम देहरादून को IL AND FS कंपनी को 30 साल की लीज पर दिया गया है, लेकिन कंपनी ने पिछले लंबे समय से स्टेडियम के बिल का भुगतान नहीं किया और इस की रकम बेहद ज्यादा बढ़ने के बाद बिजली विभाग ने इसका कनेक्शन ही काट दिया.
ऊर्जा निगम के अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं: वहीं, पिछले 6 महीने से बिजली कटे होने के बाद जब इस मामले के तूल पकड़ने की संभावना दिखने लगी तो अब कंपनी से बकाया रकम लेकर बिजली कनेक्शन जोड़ने की भी तैयारी की जा रही है. इस मामले में फिलहाल ऊर्जा विभाग में कैमरे के सामने आने को कोई तैयार नहीं है. हालांकि सवाल कनेक्शन जोड़ने या बकाया राशि भुगतान का नहीं है, बल्कि 6 महीने से अंधेरे में पड़े अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के भविष्य का है.
UPCL के डायरेक्टर प्रोजेक्ट एमएल प्रसाद ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का बिजली कनेक्शन काटा गया था, क्योंकि इसमें बिजली का बिल करीब 1.5 करोड़ हो गया था. क्रिकेट स्टेडियम की बिजली सितंबर महीने में काट दी गई थी.