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यूपी और वहां के नेताओं का कितना हुआ विकास !

चुनाव के दौरान हाथ जोड़कर घर-घर घूमने वाले नेता चुनाव जीतते ही गूलर के फूल हो जाते हैं. यानी विकास तो दूर, उनके दर्शन भी दुर्लभ होते हैं. लेकिन दोबारा चुनाव आते ही अपने पहले रूप में फिर से हाथ जोड़े सीधे क्षेत्रवासी से संपर्क करने चले आते हैं. खैर, चुनाव के दौरान आम खास होता है और चुनाव परिणाम के आते ही वो गुठली में तब्दील हो जाता है. जनता बाट जोहती रहती है और विधायक की संपत्ति दिन-दूनी रात-चौगुनी की रफ्तार से बढ़ती रहती है.

चुनाव के दौरान हाथ जोड़कर घर-
चुनाव के दौरान हाथ जोड़कर घर-
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Published : Nov 1, 2021, 9:11 PM IST

लखनऊ: चुनाव आते ही नेताओं के लिए उनके क्षेत्रवासी अजीज हो जाते हैं, लेकिन चुनाव बाद बामुश्किल नेताजी दर्शन देते हैं. यानी मतदान से पहले आम की अहम भूमिका में होती है, लेकिन परिणाम के बाद आम गुठली में तब्दील हो जाता है. खैर, जनता का समय तो विकास की ताक में ही गुजर रहा है, लेकिन विधायक जी की संपत्ति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है. खैर, यूपी में कितना विकास हुआ है, इसके बारे में जनता से भला बेहतर कौन बता सकता है. लेकिन अगर विधायकों के विकास की बात करें तो एडीआर के विश्लेषण रिपोर्ट में इसका विस्तृत्व स्वरुप देखने को मिल जाएगा. साथ ही इस रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि इस समयावधि में विधायकों की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई है. रिपोर्ट की मानें तो किसी की संपत्ति में 525 फीसद की बढ़ोतरी हुई तो ज्यादातर की चल-अचल संपत्ति में औसत बढ़ोतरी करीब दो गुना हो गई है.

चुनाव
चुनाव

दरअसल, सूबे के 311 विधायकों की वर्ष 2012 व 2017 में सौंपे गए हलफनामा के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है. रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होता है कि ज्यादातर सियासी नेता पैसे बनाने के लिए ही इस क्षेत्र में आते हैं. वर्ष 2012 में 311 विधायकों की औसत संपत्ति तीन करोड़ 49 लाख 8 हजार 73 रुपये थी. जबकि वर्ष 2017 में उनकी औसत संपत्ति बढ़कर 6 करोड़ 33 लाख 64 हजार 781 रुपये हो गई.एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों की औसत संपत्ति में करीब दो करोड़ 84 लाख 59 हजार 709 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, यानी कुल करीब 82 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

सपा के विधायकों की संपत्ति

वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी के 162 विधायकों की औसत संपत्ति 2 करोड़ 83 लाख 3 हजार 741 रुपये थी, जो 2017 में बढ़कर चार करोड़ 43 लाख 92 हजार 710 रुपये हो गई. यानी इस समयावधि में इन विधायकों की संपत्ति में करीब 99 फीसद की उछाल आ गई.

बसपा के विधायकों की संपत्ति

वर्ष 2012 में बसपा के 57 विधायकों की औसत संपति पांच करोड़ 23 लाख 80 हजार 117 रुपये थी, जो 2017 में 10 करोड़ 3 लाख 33 हजार 37 रुपये हो गई. यानी बसपा के विधायकों की संपत्ति में इस समयावधि में करीब 92 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.

कमाई में भाजपा विधायक भी पीछे नहीं

वर्ष 2017 में भाजपा के 55 विधायकों की औसत संपत्ति 6 करोड़ 11 लाख 13 हजार 25 रुपये थी, लेकिन अगर इससे पहले यानी कि 2012 में इन 55 विधायकों की संपत्ति को देखे तो औसतन 3 करोड़ 76 लाख 82 हजार 56 रुपये थी. यदि बढ़ोतरी की बात की जाए तो इनकी संपत्ति में भी औसतन 62 फीसद की वृद्धि हुई है.

कांग्रेस विधायकों की कमाई

वर्ष 2012 में कांग्रेस के 19 विधायकों की औसत संपत्ति 4 करोड़ 56 लाख 40 हजार 204 रुपये थी, जो वर्ष 2017 में बढ़कर 7 करोड़ 54 लाख 30 हजार 110 रुपये हो गई. यानी इन विधायकों की संपत्ति में 65 फीसद की बढ़ोतरी हुई.

इन विधायकों की संपत्ति में हुई रिकॉर्ड वृद्धि

वहीं, आजमगढ़ के मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र के बसपा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की संपत्ति की बात करें तो 2012 में इनकी संपत्ति 54 करोड़ 44 लाख 23 हजार 98 रुपये थी, जो 2017 में बढ़कर एक अरब 18 करोड़ 76 लाख 21 हजार 354 रुपये हो गई. यानी इनकी संपत्ति में करीब 118 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.

इसके अलावा इस सूची में अगला नाम नवाब काजीम अली खान का है, जो बसपा के रामपुर के स्वार-टांडा से प्रत्याशी रहे. उनकी 2012 में कुल संपत्ति 56 करोड़ 89 लाख 33 हजार 381 रुपये थी, जो 2017 में बढ़कर 97 करोड 23 लाख 60 हजार 731 हो गई. यानी विधायक की संपत्ति में 74 फीसद की बढ़ोतरी हो गई.

सूची में टॉप पर हैं सपा के ये पूर्व विधायक

भले ही 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के शशांक त्रिवेदी ने माहोली के पूर्व विधायक व सपा प्रत्याशी अनूप गुप्ता को पराजित कर सीट पर कब्जा कर लिया हो, लेकिन कमाई व संपत्ति के मामले में अनूप गुप्ता अब भी पूरे यूपी में शीर्ष पर हैं. एडीआर रिपोर्ट की मानें तो 2012 में इनकी कुल संपत्ति 6 करोड़ 73 लाख 44 हजार 580 थी, जो 2017 में बढ़कर 42 करोड़ 7 लाख 84 हजार 842 रुपये हो गई. यानी कि इनकी संपत्ति में 525 फीसद की चौंकाने वाली वृद्धि देखने को मिली.

लखनऊ: चुनाव आते ही नेताओं के लिए उनके क्षेत्रवासी अजीज हो जाते हैं, लेकिन चुनाव बाद बामुश्किल नेताजी दर्शन देते हैं. यानी मतदान से पहले आम की अहम भूमिका में होती है, लेकिन परिणाम के बाद आम गुठली में तब्दील हो जाता है. खैर, जनता का समय तो विकास की ताक में ही गुजर रहा है, लेकिन विधायक जी की संपत्ति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है. खैर, यूपी में कितना विकास हुआ है, इसके बारे में जनता से भला बेहतर कौन बता सकता है. लेकिन अगर विधायकों के विकास की बात करें तो एडीआर के विश्लेषण रिपोर्ट में इसका विस्तृत्व स्वरुप देखने को मिल जाएगा. साथ ही इस रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि इस समयावधि में विधायकों की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई है. रिपोर्ट की मानें तो किसी की संपत्ति में 525 फीसद की बढ़ोतरी हुई तो ज्यादातर की चल-अचल संपत्ति में औसत बढ़ोतरी करीब दो गुना हो गई है.

चुनाव
चुनाव

दरअसल, सूबे के 311 विधायकों की वर्ष 2012 व 2017 में सौंपे गए हलफनामा के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है. रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होता है कि ज्यादातर सियासी नेता पैसे बनाने के लिए ही इस क्षेत्र में आते हैं. वर्ष 2012 में 311 विधायकों की औसत संपत्ति तीन करोड़ 49 लाख 8 हजार 73 रुपये थी. जबकि वर्ष 2017 में उनकी औसत संपत्ति बढ़कर 6 करोड़ 33 लाख 64 हजार 781 रुपये हो गई.एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों की औसत संपत्ति में करीब दो करोड़ 84 लाख 59 हजार 709 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, यानी कुल करीब 82 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

सपा के विधायकों की संपत्ति

वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी के 162 विधायकों की औसत संपत्ति 2 करोड़ 83 लाख 3 हजार 741 रुपये थी, जो 2017 में बढ़कर चार करोड़ 43 लाख 92 हजार 710 रुपये हो गई. यानी इस समयावधि में इन विधायकों की संपत्ति में करीब 99 फीसद की उछाल आ गई.

बसपा के विधायकों की संपत्ति

वर्ष 2012 में बसपा के 57 विधायकों की औसत संपति पांच करोड़ 23 लाख 80 हजार 117 रुपये थी, जो 2017 में 10 करोड़ 3 लाख 33 हजार 37 रुपये हो गई. यानी बसपा के विधायकों की संपत्ति में इस समयावधि में करीब 92 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.

कमाई में भाजपा विधायक भी पीछे नहीं

वर्ष 2017 में भाजपा के 55 विधायकों की औसत संपत्ति 6 करोड़ 11 लाख 13 हजार 25 रुपये थी, लेकिन अगर इससे पहले यानी कि 2012 में इन 55 विधायकों की संपत्ति को देखे तो औसतन 3 करोड़ 76 लाख 82 हजार 56 रुपये थी. यदि बढ़ोतरी की बात की जाए तो इनकी संपत्ति में भी औसतन 62 फीसद की वृद्धि हुई है.

कांग्रेस विधायकों की कमाई

वर्ष 2012 में कांग्रेस के 19 विधायकों की औसत संपत्ति 4 करोड़ 56 लाख 40 हजार 204 रुपये थी, जो वर्ष 2017 में बढ़कर 7 करोड़ 54 लाख 30 हजार 110 रुपये हो गई. यानी इन विधायकों की संपत्ति में 65 फीसद की बढ़ोतरी हुई.

इन विधायकों की संपत्ति में हुई रिकॉर्ड वृद्धि

वहीं, आजमगढ़ के मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र के बसपा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की संपत्ति की बात करें तो 2012 में इनकी संपत्ति 54 करोड़ 44 लाख 23 हजार 98 रुपये थी, जो 2017 में बढ़कर एक अरब 18 करोड़ 76 लाख 21 हजार 354 रुपये हो गई. यानी इनकी संपत्ति में करीब 118 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.

इसके अलावा इस सूची में अगला नाम नवाब काजीम अली खान का है, जो बसपा के रामपुर के स्वार-टांडा से प्रत्याशी रहे. उनकी 2012 में कुल संपत्ति 56 करोड़ 89 लाख 33 हजार 381 रुपये थी, जो 2017 में बढ़कर 97 करोड 23 लाख 60 हजार 731 हो गई. यानी विधायक की संपत्ति में 74 फीसद की बढ़ोतरी हो गई.

सूची में टॉप पर हैं सपा के ये पूर्व विधायक

भले ही 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के शशांक त्रिवेदी ने माहोली के पूर्व विधायक व सपा प्रत्याशी अनूप गुप्ता को पराजित कर सीट पर कब्जा कर लिया हो, लेकिन कमाई व संपत्ति के मामले में अनूप गुप्ता अब भी पूरे यूपी में शीर्ष पर हैं. एडीआर रिपोर्ट की मानें तो 2012 में इनकी कुल संपत्ति 6 करोड़ 73 लाख 44 हजार 580 थी, जो 2017 में बढ़कर 42 करोड़ 7 लाख 84 हजार 842 रुपये हो गई. यानी कि इनकी संपत्ति में 525 फीसद की चौंकाने वाली वृद्धि देखने को मिली.

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