लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Govt) का आज मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) हो गया है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने सात नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. सबसे पहले हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद को शपथ (Jitin Prasada Swearing In) दिलाई गई.
जितिन के अलावा पलटू राम, संजय गौड़, धर्मवीर प्रजापति, संगीता बिंद, छत्रपाल गंगवार और दिनेश खटीक को भी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
कांग्रेस के कद्दावर नेता रह चुके हैं जितिन प्रसाद
योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले जितिन प्रसाद हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं. माना जा रहा है कि जितिन प्रसाद को ब्राह्मण वोटरों को अपने पक्ष में लाने के लिए भाजपा ने यह दांव चला है. बता दें कि 29 नवंबर 1973 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में पैदा हुए जितिन प्रसाद राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनके पिता जितेंद्र प्रसाद शाहजहांपुर से लगातार सांसद रहे थे. वह संगठन में भी बड़े पदों पर रहे. जितिन प्रसाद ने अपना राजनीतिक करियर साल 2001 में कांग्रेस के युवा संगठन यूथ कांग्रेस के साथ शुरू किया. उन्हें यूथ कांग्रेस में महासचिव बनाया गया. साल 2004 में उन्होंने अपने जिला शाहजहांपुर से अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता. इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में भारी मतो से जीत हासिल की थी. जितिन प्रसाद पारंपरिक तौर से कांग्रेस के ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जाने जाते रहे हैं.
दूसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं छत्रपाल सिंह गंगवार
योगी मंत्रिमंडल में छत्रपाल सिंह गंगवार भी शामिल हुए हैं. छत्रपाल सिंह गंगवार बरेली के बरहेड़ी विधानसभा से विधायक हैं. दमखोदा निवासी छत्रपाल सिंह गंगवार इससे पहले 2007 में भी भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर बहेड़ी विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि छत्रपाल सिंह को योगी मंत्रि मंडल में शामिल करके आगामी विधानसभा में कुर्मी वोटरों को साधने का प्रयास किया जा रहा है. बता दें कि छत्रपाल आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं. छत्रपाल सिंह अपने गृह क्षेत्र के धनी राम इंटर कॉलेज में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे. यहीं पर वह प्रिंसिपल बनकर 2018 में सेवानिृत्त हो गए थे. छत्रपाल को 2002 में भाजपा ने सियासत में उतारा था, लेकिन वह हार गए थे. इसके बाद 2017 में पहली बार विधायक बने. वहीं, 2012 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. वहीं, 2017 में एक बार फिर छत्रपाल ने बसपा प्रत्याशी नसीम अहमद को हराकर विधानसभा पहुंचे.
बलरामपुर सदर से विधायक हैं पलटू राम
योगी कैबिनेट विस्तार में जगह पाने वाले पलटू राम वर्तमान में बलरामपुर सदर की सुरक्षित विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं. गोंडा जिले के परेड सरकार गांव निवासी पलटूराम को राजनीति विरासत में नहीं मिली है, बल्कि वह खुद इस मुकाम को हासिल किया है. पलटू राम अवध विश्वविद्यालय से एमए तक की शिक्षा ग्रहण की. बता दें कि पलटू राम 2007 विधानसभा चुनाव में बसपा की टिकटपर मनकापुर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. इसके बाद 2015 में पलटू राम ने गिर्द गोंडा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता. 2017 विधानसभा चुनाव में पलटूराम को भाजपा ने बलरामपुर सदर सुरक्षित सीट से अपना उम्मीदवार बनाया. पलटू राम इस चुनाव में भारी मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. पलटूराम राजनीति के अलावा खेती भी करते हैं.
माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं धर्मवीर प्रजापति
योगी कैबिनेट विस्तार में जगह पाने वाले धर्मवीर प्रजापति वर्तमान में आगरा के एमलएसी हैं. हाथरस जिले के बहरदोई गांव रहने वाले धर्मवीर विधान परिषद के सदस्य के साथ ही माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. धर्मवीर इससे पहले भी भाजपा में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके हैं. माना जा रहा है कि कुम्हार समाज के चेहरे के रूप में धर्मवीर प्रजापति को कैबिनेट में जगह दी जा रही है. जिससे आने वाले विधानसभा में इसका लाभ भाजपा को मिल सके. बता दें कि धर्मवीर प्रजापति ने आरएसएस के स्वंयसेवक रह चुके हैं. उन्होंने भाजपा से अपनी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी. धर्मवीर को 2002 में भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के महामंत्री बनाए गए थे. 2019 में धर्मवीर को माटी कला बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया.
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पहली बार विधायक बनीं हैं संगीता बिंद
योगी मंत्रिमंडल में गाजीपुर सदर से विधायक संगीता बिंद का नाम भी शामिल है. संगीता बिंद का जन्म गाजीपुर शहर में हुआ. इनके पिता स्व. रामसूरत बिंद रिटायर्ड पोस्टमैन थे. संगीता के पति पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक हैं. बीजेपी विधायक संगीता बिंद का पूरा नाम संगीता बलवंत बिंद है. इन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय तौर से जुड़ गईं थी. गाजीपुर के पीजी कॉलेज में छात्रसंघ की उपाध्यक्ष भी रही हैं. साथ ही जमानियां क्षेत्र से निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य भी चुनी गईं थी. अपने क्षेत्र में यह काफी लोकप्रिय भी हैं. संगीता ने बहुजन समाज पार्टी के साथ जुड़ कर राजनीति में कदम रखा. 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान संगीता बिंद बीजेपी में शामिल हो गईं. 2017 में इनको बीजेपी ने टिकट दिया.
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दिनेश कुमार खटीक के घर पर खुशी का माहौल
योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले दिनेश कुमार खटीक वर्तमान में मेरठ के हस्तिनापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. बताया जाता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में दिनेश कुमार खटीक की मजबूत पकड़ है. इसके अलावा दिनेश कुमार खटीक पिछड़े समाज से ताल्लुक रखते हैं. इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में पिछड़ी जातियों से संबंध रखने वाले चेहरों को जगह दिए जाने की चर्चा है. बता दें कि मेरठ में दिनेश कुमार खटीक के आवास पर सन्नाटा पसरा हुआ है, लेकिन आसपास के लोगों में खुशी का माहौल है. कई पड़ोसियों ने दिनेश के के घर पर आकर अग्रिम बधाई दी है. वहीं, दिनेश कुमार कल से ही लखनऊ में है. दिनेश कुमार खटीक के घर में घर में पूजा-अर्चना का दौर जारी है. हालांकि घर में मौजूद लोग मीडिया के सामने आने से बच रहे हैं. उनका साफ तौर पर कहना है कि मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद ही बात होगी.
1978 में जनसंघ से विधायक रह चुके हैं संजय
मंत्री पद ओबरा विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक संजीव कुमार गौड़ उर्फ संजय को भी मिला है. संजय गौड़ 1978 में जनसंघ से विधायक रहे हैं. तत्कालीन जनता दल गठबंधन की सरकार में संजय गौड़ को उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. विधायक ने ओबरा कॉलेज से स्नातक किया है. 2017 के विधानसभा चुनाव में ओबरा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर वह विधायक बने. ओबरा के बिल्ली गांव के रहने वाले विधायक संजय गौड़ के दादा रघुनाथ प्रसाद लगातार 35 साल तक प्रधान रहे हैं. विधायक संजय गौड़ का अपने क्षेत्र में आदिवासियों के बीच अच्छी पकड़ है.