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अयोध्या की 5 विधानसभा सीटों पर कड़ा मुकाबला, किस पर बरसेगी श्रीराम की कृपा ? - 5th phase election in up

अयोध्या की पांच विधानसभा सीट रुदौली, मिल्कीपुर (सु), बीकापुर, अयोध्या सदर और गोसाईगंज के लिए कुल 46 दावेदार चुनाव मैदान में है. एक्सपर्ट के अनुसार, इन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है. 27 फरवरी को 18.45 लाख वोटर इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. यहां मुकाबला इतना कड़ा है कि विहिप और आरएसएस के पदाधिकारी भी बीजेपी के लिए प्रचार मैदान में उतर चुके हैं.

ayodhya assembly election
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Published : Feb 25, 2022, 1:52 PM IST

नई दिल्ली : यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में अवध और पूर्वांचल के 12 जिलों में वोटिंग होनी है. इन जिलों की 61 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, मगर इनमें दो जिलों की सीटों पर सभी की निगाहें टिकी हैं. पहली सीट है अमेठी और दूसरी अयोध्या. इनमें भी अयोध्या जिले की 5 सीटें सबसे ज्यादा हॉट बन गई है क्योंकि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. इन सीटों पर बीजेपी राम मंदिर के सहारे चुनाव मैदान में उतरी है, जबकि समाजवादी पार्टी और बीएसपी ने अपने टिकाऊ कैंडिडेट पर दांव लगाया है.

पांचवें फेज की शेड्यूल वोटिंग के तहत अयोध्या में 27 फरवरी को मतदान होना है. पांचवे चरण में मतदान के दौरान बहने वाली चुनावी बयार का असर छठे और सातवें चरण में दिखेगा, इसलिए सभी राजनीतिक दलों ने अयोध्या में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. हर चरण के मतदान के बाद मुकाबला कड़ा होता जा रहा है, इसलिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और आरएसएस प्रचारक भी बीजेपी के समर्थन के लिए प्रचार में कूद पड़े हैं. विहिप ने राम मंदिर की मिट्टी के साथ प्रसाद बांटना शुरू कर दिया है. साथ ही विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता 'राम राज', 'ईमानदार' नेतृत्व वाली 'राष्ट्रवादी' सरकार चुनने की अपील कर रहे हैं. वे प्रसाद के साथ जनसंपर्क के दौरान ऐसी सरकार चुनने की अपील कर रहे हैं, जो अयोध्या के विकास और राम मंदिर के निर्बाध निर्माण के लिए काम करे.

ayodhya assembly election
राममंदिर का मुद्दा बीजेपी के लिए खास रहा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर की नींव खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी.

विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के अनुसार, कार्यकर्ता लोगों को बता रहे हैं कि हमारे सामने एक 'महायज्ञ' (चुनाव) है और इस समय 'आहुति' और संकल्प देने की जरूरत है. राज्य में एक 'राष्ट्रवादी' (राष्ट्रवादी) सरकार की जरूरत है, जो राम लला, 'गौ, गंगा और गायत्री' की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो.

अयोध्या में विधानसभा की पांच सीटें हैं. रुदौली, मिल्कीपुर (सु), बीकापुर, अयोध्या सदर और गोसाईगंज. जिले की इन पांच सीटों पर कुल 46 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. इनकी भाग्य का फैसला 18.45 लाख मतदाताओं को करना है. इनमें 4 लाख 10 हजार युवा मतदाता है. 2017 की लहर में बीजेपी ने अयोध्या की पांच विधानसभा सीटों पर कब्जा किया था. इस बार इन सीटों पर कड़ा मुकाबला है. पंयाचत चुनावों में समाजवादी पार्टी ने बीजेपी को बड़ी शिकस्त दी थी.

अयोध्या सदर सीट पर बीजेपी के वेद प्रकाश गुप्ता विधायक हैं. 2012 में इस सीट से सपा के पवन पांडेय विधानसभा चुनाव जीते थे. इस बार भी दोनों के बीच मुकाबला है. सपा प्रत्याशी पवन पांडे अयोध्या में जमीन खरीद-बिक्री का मामला उठाकर काफी सुर्खियां बटोरी थीं. बीजेपी प्रत्याशी वेद प्रकाश गुप्ता को अयोध्या में हो रहे निर्माण कार्य और राम मंदिर पर भरोसा हैं. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के नेता लल्लू सिंह लगातार पांच बार 1991 से 2007 तक लगातार विधायक चुने गए थे.

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यूपी की बीजेपी सरकार अयोध्या में दिवाली मनाती रही है. पार्टी को उम्मीद है कि इसका फायदा उसे इस चुनाव में मिलेगा.

गोसाईगंज सीट पर भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतने वाले इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी को टिकट दिया है. समाजवादी पार्टी ने खब्बू तिवारी के पुराने प्रतिद्वंद्वी पूर्व विधायक अभय सिंह को मैदान में उतारा है. चुनाव प्रचार के दौरान दोनों प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झड़प हो चुकी है

बीकापुर विधानसभा सीट से भाजपा के कैंडिडेट पूर्व मंत्री मुन्ना सिंह चौहान के बेटे डॉ. अमित सिंह हैं. अभी इस सीट से मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी शोभा चौहान विधायक हैं. समाजवादी पार्टी ने फिरोज खां उर्फ गब्बर को प्रत्याशी बनाया है. बीकापुर सीट से बीजेपी से सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक बलराम मौर्या ने भी नामांकन दाखिल किया था, मगर पार्टी ने उन्हें अधिकृत उम्मीदवार नहीं बनाया.

रुदौली विधानसभा से समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री आनंद सेन यादव को मैदान में उतारा है. भाजपा ने दो बार लगातार इस सीट से जीत दर्ज करने वाले रामचंद्र यादव का टिकट बरकरार रखा है. बीएसपी ने सपा के बागी अब्बास अली उर्फ रूश्दी मियां को मुकाबले में उतारा है.

मिल्कीपुर सुरक्षित से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद मैदान में हैं. भाजपा ने वर्तमान विधायक गोरखनाथ पर ही भरोसा जताया है.

(आईएएनएस इनपुट)

नई दिल्ली : यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में अवध और पूर्वांचल के 12 जिलों में वोटिंग होनी है. इन जिलों की 61 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, मगर इनमें दो जिलों की सीटों पर सभी की निगाहें टिकी हैं. पहली सीट है अमेठी और दूसरी अयोध्या. इनमें भी अयोध्या जिले की 5 सीटें सबसे ज्यादा हॉट बन गई है क्योंकि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. इन सीटों पर बीजेपी राम मंदिर के सहारे चुनाव मैदान में उतरी है, जबकि समाजवादी पार्टी और बीएसपी ने अपने टिकाऊ कैंडिडेट पर दांव लगाया है.

पांचवें फेज की शेड्यूल वोटिंग के तहत अयोध्या में 27 फरवरी को मतदान होना है. पांचवे चरण में मतदान के दौरान बहने वाली चुनावी बयार का असर छठे और सातवें चरण में दिखेगा, इसलिए सभी राजनीतिक दलों ने अयोध्या में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. हर चरण के मतदान के बाद मुकाबला कड़ा होता जा रहा है, इसलिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और आरएसएस प्रचारक भी बीजेपी के समर्थन के लिए प्रचार में कूद पड़े हैं. विहिप ने राम मंदिर की मिट्टी के साथ प्रसाद बांटना शुरू कर दिया है. साथ ही विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता 'राम राज', 'ईमानदार' नेतृत्व वाली 'राष्ट्रवादी' सरकार चुनने की अपील कर रहे हैं. वे प्रसाद के साथ जनसंपर्क के दौरान ऐसी सरकार चुनने की अपील कर रहे हैं, जो अयोध्या के विकास और राम मंदिर के निर्बाध निर्माण के लिए काम करे.

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राममंदिर का मुद्दा बीजेपी के लिए खास रहा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर की नींव खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी.

विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के अनुसार, कार्यकर्ता लोगों को बता रहे हैं कि हमारे सामने एक 'महायज्ञ' (चुनाव) है और इस समय 'आहुति' और संकल्प देने की जरूरत है. राज्य में एक 'राष्ट्रवादी' (राष्ट्रवादी) सरकार की जरूरत है, जो राम लला, 'गौ, गंगा और गायत्री' की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो.

अयोध्या में विधानसभा की पांच सीटें हैं. रुदौली, मिल्कीपुर (सु), बीकापुर, अयोध्या सदर और गोसाईगंज. जिले की इन पांच सीटों पर कुल 46 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. इनकी भाग्य का फैसला 18.45 लाख मतदाताओं को करना है. इनमें 4 लाख 10 हजार युवा मतदाता है. 2017 की लहर में बीजेपी ने अयोध्या की पांच विधानसभा सीटों पर कब्जा किया था. इस बार इन सीटों पर कड़ा मुकाबला है. पंयाचत चुनावों में समाजवादी पार्टी ने बीजेपी को बड़ी शिकस्त दी थी.

अयोध्या सदर सीट पर बीजेपी के वेद प्रकाश गुप्ता विधायक हैं. 2012 में इस सीट से सपा के पवन पांडेय विधानसभा चुनाव जीते थे. इस बार भी दोनों के बीच मुकाबला है. सपा प्रत्याशी पवन पांडे अयोध्या में जमीन खरीद-बिक्री का मामला उठाकर काफी सुर्खियां बटोरी थीं. बीजेपी प्रत्याशी वेद प्रकाश गुप्ता को अयोध्या में हो रहे निर्माण कार्य और राम मंदिर पर भरोसा हैं. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के नेता लल्लू सिंह लगातार पांच बार 1991 से 2007 तक लगातार विधायक चुने गए थे.

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यूपी की बीजेपी सरकार अयोध्या में दिवाली मनाती रही है. पार्टी को उम्मीद है कि इसका फायदा उसे इस चुनाव में मिलेगा.

गोसाईगंज सीट पर भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतने वाले इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी को टिकट दिया है. समाजवादी पार्टी ने खब्बू तिवारी के पुराने प्रतिद्वंद्वी पूर्व विधायक अभय सिंह को मैदान में उतारा है. चुनाव प्रचार के दौरान दोनों प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झड़प हो चुकी है

बीकापुर विधानसभा सीट से भाजपा के कैंडिडेट पूर्व मंत्री मुन्ना सिंह चौहान के बेटे डॉ. अमित सिंह हैं. अभी इस सीट से मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी शोभा चौहान विधायक हैं. समाजवादी पार्टी ने फिरोज खां उर्फ गब्बर को प्रत्याशी बनाया है. बीकापुर सीट से बीजेपी से सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक बलराम मौर्या ने भी नामांकन दाखिल किया था, मगर पार्टी ने उन्हें अधिकृत उम्मीदवार नहीं बनाया.

रुदौली विधानसभा से समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री आनंद सेन यादव को मैदान में उतारा है. भाजपा ने दो बार लगातार इस सीट से जीत दर्ज करने वाले रामचंद्र यादव का टिकट बरकरार रखा है. बीएसपी ने सपा के बागी अब्बास अली उर्फ रूश्दी मियां को मुकाबले में उतारा है.

मिल्कीपुर सुरक्षित से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद मैदान में हैं. भाजपा ने वर्तमान विधायक गोरखनाथ पर ही भरोसा जताया है.

(आईएएनएस इनपुट)

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