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Joshimath Sinking Update: जोशीमठ में आज ढहाए जाएंगे असुरक्षित भवन, एजेंसियां तैयार

एक ओर जोशीमठ के भवनों और इमारतों में दरारें चौड़ी होती जा रही हैं. दूसरी ओर इनको गिराने में प्रशासन की टीम को विरोध भी झेलना पड़ रहा है. मंगलवार को जिला प्रशासन की टीम लाव लश्कर के साथ भवन तोड़ने पहुंची तो प्रभावित लोग विरोध में उतर आए. ऐसे में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आज तक के लिए टाल दी गई थी. उधर सीएम धामी ने अपना एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है. राहत कोष के धन का उपयोग जोशीमठ आपदा पीड़ितों की मदद के लिए किया जाएगा. वहीं मलारी होटल के मालिक टी सिंह राणा व उनके परिजन मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठे हैं.

Joshimath Sinking Update
जोशीमठ में आज ढहाए जाएंगे असुरक्षित भवन
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Published : Jan 11, 2023, 9:16 AM IST

जोशीमठ: भू-धंसाव की चपेट में आए जोशीमठ में ध्वस्तीकरण (Demolition in Joshimath) की कार्रवाई आज यानी बुधवार को शुरू हो सकती है. शासन के आदेश के बावजूद मंगलवार को भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई थी. दरअसल इमारत और भवन स्वामी उनके आड़े आ गए. इस कारण मंगलवार को ध्वस्तीकरण का काम नहीं हो सका था.

मंगलवार को विरोध के कारण नहीं गिराए जा सके भवन: जोशीमठ में मंगलवार को होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त किया जाना था. जैसे ही प्रशासनिक अधिकारी अपनी टीम लेकर मौके पर पहुंचे, होटल स्वामियों ने कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया. होटल स्वामियों का कहना था कि होटल का आर्थिक मूल्यांकन नहीं किया गया है. साथ ही नोटिस तक नहीं दिए गए हैं. विरोध बढ़ने पर प्रशासन को कदम पीछे खींचने पड़े थे.

प्रशासन ने दिया अपना तर्क: दूसरी ओर अधिकारियों का कुछ और ही कहना है. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने कहा कि ऊंचे भवनों को तोड़ने के लिए क्रेन की आवश्यकता है. क्रेन इस समय यहां नहीं मिल पाई. इसलिए देहरादून से क्रेन भेजी गई है. देहरादून से चली क्रेन बुधवार को जोशीमठ पहुंच जाएगी.

उधर, सचिव मुख्यमंत्री मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सीबीआरआई की टीम देरी से मौके पर पहुंची. इसलिए पहले दिन भवन और इमारत ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई. वहीं देहरादून में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने मंगलवार को अधिकारियों की फिर से बैठक ली. मुख्य सचिव ने खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके भवनों को प्राथमिकता के आधार पर ढहाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि एक भी भवन ऐसा नहीं रहे, जिसमें रहने से जानमाल का नुकसान हो सकता है.

723 पहुंची दरार वाले भवनों की संख्या, 86 असुरक्षित: जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मंगलवार को प्रशासन द्वारा 45 भवन और चिन्हित किए गए. इस तरह से अब तक कुल 723 भवन असुरक्षित चिन्हित किए जा चुके हैं. इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं. जल्द ही इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी.

462 परिवार विस्थापित किये गये: चमोली जिला प्रशासन की ओर से अब तक 462 परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा चुका है. मंगलवार को 381 लोगों को उनके घरों से सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किया गया. जबकि इससे पहले 81 परिवारों को शिफ्ट किया गया था. प्रशासन की ओर से अब तक विभिन्न संस्थाओं-भवनों में कुल 344 कमरों का अधिग्रहण किया गया है. इनमें 1425 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है.

केंद्रीय एजेंसियों का जोशीमठ में जमावड़ा: मंगलवार को गृह मंत्रालय की टीम सचिव सीमा प्रबंधन की अध्यक्षता में जोशीमठ पहुंची और स्थिति का आकलन किया. इसके अलावा केंद्रीय एजेंसियां एनजीआरआई, एनआईएच, सीबीआरआई, एनआईडीएम की टीम पहले से ही जोशीमठ में डेरा जमाए हुए हैं. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि आईआईटी रुड़की की टीम को भी मौके पर भेजा रहा है.

चमोली के डीएम ने क्या कहा: चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि आपदा अधिनियम के तहत जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए होटलों को तत्काल ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है. यदि ऐसा नहीं किया जाता तो आसपास के आवासीय भवनों और हाईवे को क्षति पहुंच सकती है. साथ ही बिजली और पेयजल की लाइनों को भी नुकसान पहुंच सकता है.
ये भी पढ़ें: लोगों के विरोध के चलते नहीं हुआ होटलों का ध्वस्तीकरण, बुधवार को तोड़ी जाएंगी खतरनाक इमारतें

20 मकानों के बिजली कनेक्शन काटे: भू धंसाव से असुरक्षित क्षेत्र में प्रशासन की ओर से ऊर्जा निगम को बिजली लाइनें हटाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके तहत मंगलवार को 20 असुरक्षित भवनों के कनेक्शन काट दिए गए. आगे भी अन्य असुरक्षित भवनों की लाइट काटी जाएंगी.

सीएम धामी ने राहत कोष में दिया एक महीने का वेतन: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ आपदा के दृष्टिगत अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जोशीमठ के प्रभावित लोगों के साथ है और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है. मुख्यमंत्री राहत कोष की धनराशि का उपयोग जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए किया जाएगा.

होटल मालिक परिजनों के साथ धरने पर बैठे: जोशीमठ में प्रशासन आज भी असुरक्षित भवनों को गिराने तो जा रहा है, लेकिन उसे फिर विरोध का सामना करना पड़ेगा. दरअसल मलारी होटल के मालिक टी सिंह राणा व उनके परिजन मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठे हैं. होटल में दरारें आ चुकी हैं. होटल को गिराया जाना है. होटल मालिक का कहना है कि मेरा बेटा फ्रांस में रहता है. मैं कहीं भी जा सकता हूं. लेकिन जोशीमठ के लोगों के लिए यहां बैठा हूं.

जोशीमठ: भू-धंसाव की चपेट में आए जोशीमठ में ध्वस्तीकरण (Demolition in Joshimath) की कार्रवाई आज यानी बुधवार को शुरू हो सकती है. शासन के आदेश के बावजूद मंगलवार को भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई थी. दरअसल इमारत और भवन स्वामी उनके आड़े आ गए. इस कारण मंगलवार को ध्वस्तीकरण का काम नहीं हो सका था.

मंगलवार को विरोध के कारण नहीं गिराए जा सके भवन: जोशीमठ में मंगलवार को होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त किया जाना था. जैसे ही प्रशासनिक अधिकारी अपनी टीम लेकर मौके पर पहुंचे, होटल स्वामियों ने कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया. होटल स्वामियों का कहना था कि होटल का आर्थिक मूल्यांकन नहीं किया गया है. साथ ही नोटिस तक नहीं दिए गए हैं. विरोध बढ़ने पर प्रशासन को कदम पीछे खींचने पड़े थे.

प्रशासन ने दिया अपना तर्क: दूसरी ओर अधिकारियों का कुछ और ही कहना है. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने कहा कि ऊंचे भवनों को तोड़ने के लिए क्रेन की आवश्यकता है. क्रेन इस समय यहां नहीं मिल पाई. इसलिए देहरादून से क्रेन भेजी गई है. देहरादून से चली क्रेन बुधवार को जोशीमठ पहुंच जाएगी.

उधर, सचिव मुख्यमंत्री मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सीबीआरआई की टीम देरी से मौके पर पहुंची. इसलिए पहले दिन भवन और इमारत ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई. वहीं देहरादून में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने मंगलवार को अधिकारियों की फिर से बैठक ली. मुख्य सचिव ने खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके भवनों को प्राथमिकता के आधार पर ढहाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि एक भी भवन ऐसा नहीं रहे, जिसमें रहने से जानमाल का नुकसान हो सकता है.

723 पहुंची दरार वाले भवनों की संख्या, 86 असुरक्षित: जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मंगलवार को प्रशासन द्वारा 45 भवन और चिन्हित किए गए. इस तरह से अब तक कुल 723 भवन असुरक्षित चिन्हित किए जा चुके हैं. इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं. जल्द ही इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी.

462 परिवार विस्थापित किये गये: चमोली जिला प्रशासन की ओर से अब तक 462 परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा चुका है. मंगलवार को 381 लोगों को उनके घरों से सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किया गया. जबकि इससे पहले 81 परिवारों को शिफ्ट किया गया था. प्रशासन की ओर से अब तक विभिन्न संस्थाओं-भवनों में कुल 344 कमरों का अधिग्रहण किया गया है. इनमें 1425 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है.

केंद्रीय एजेंसियों का जोशीमठ में जमावड़ा: मंगलवार को गृह मंत्रालय की टीम सचिव सीमा प्रबंधन की अध्यक्षता में जोशीमठ पहुंची और स्थिति का आकलन किया. इसके अलावा केंद्रीय एजेंसियां एनजीआरआई, एनआईएच, सीबीआरआई, एनआईडीएम की टीम पहले से ही जोशीमठ में डेरा जमाए हुए हैं. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि आईआईटी रुड़की की टीम को भी मौके पर भेजा रहा है.

चमोली के डीएम ने क्या कहा: चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि आपदा अधिनियम के तहत जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए होटलों को तत्काल ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है. यदि ऐसा नहीं किया जाता तो आसपास के आवासीय भवनों और हाईवे को क्षति पहुंच सकती है. साथ ही बिजली और पेयजल की लाइनों को भी नुकसान पहुंच सकता है.
ये भी पढ़ें: लोगों के विरोध के चलते नहीं हुआ होटलों का ध्वस्तीकरण, बुधवार को तोड़ी जाएंगी खतरनाक इमारतें

20 मकानों के बिजली कनेक्शन काटे: भू धंसाव से असुरक्षित क्षेत्र में प्रशासन की ओर से ऊर्जा निगम को बिजली लाइनें हटाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके तहत मंगलवार को 20 असुरक्षित भवनों के कनेक्शन काट दिए गए. आगे भी अन्य असुरक्षित भवनों की लाइट काटी जाएंगी.

सीएम धामी ने राहत कोष में दिया एक महीने का वेतन: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ आपदा के दृष्टिगत अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जोशीमठ के प्रभावित लोगों के साथ है और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है. मुख्यमंत्री राहत कोष की धनराशि का उपयोग जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए किया जाएगा.

होटल मालिक परिजनों के साथ धरने पर बैठे: जोशीमठ में प्रशासन आज भी असुरक्षित भवनों को गिराने तो जा रहा है, लेकिन उसे फिर विरोध का सामना करना पड़ेगा. दरअसल मलारी होटल के मालिक टी सिंह राणा व उनके परिजन मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठे हैं. होटल में दरारें आ चुकी हैं. होटल को गिराया जाना है. होटल मालिक का कहना है कि मेरा बेटा फ्रांस में रहता है. मैं कहीं भी जा सकता हूं. लेकिन जोशीमठ के लोगों के लिए यहां बैठा हूं.

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