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यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे : दुनिया की बड़ी आबादी आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजार में

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 11, 2023, 11:01 PM IST

Updated : Dec 12, 2023, 6:19 AM IST

आज के समय में दुनिया में हर बड़े पैमाने पर लोगों की असमय मौत विभिन्न बीमारियों के कारण होती है. मरने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी होते हैं जिनके पास या तो इलाज के लिए पैसा नहीं होता है या उनके पास इलाज की सुविधाएं नहीं होती है. स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित ऐसे ही लोगों की वकालत करने के लिए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे /अंतरराष्ट्रीय सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस मनाया जाता है. पढ़ें पूरी खबर... Universal Health Coverage Day, UHC 2023, International Universal Health Coverage Day, Sustainable Development GOALS.

International Health Coverage Day
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य कवरेज दिवस

हैदराबाद : आज भी दुनिया की बड़ी आबादी को समय पर समुचित मात्रा में स्वास्थ सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. आर्थिक कारणों व घर के आसपास बेहतर आधारभूत संरचना के अभाव में बड़ी संख्या में लोग इलाज के बिना मर जा रहे हैं. राज्य सरकार, केंद्र सरकार व कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के प्रयास के बाद सबों के लिए स्तरीय आधारभूत स्वास्थ आधारभूत संरचनाएं उपलब्ध नहीं है. स्वास्थ के क्षेत्र में आधारभूत संरचाना और नीतियों की कमी को दूर करने के लिए वैश्विक स्तर पर नीति निर्मातओं का ध्यान आकृष्ट करने के लिए हर साल 12 दिसंबर को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस के रूप में मनाया जाता है.

International Health Coverage Day
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य कवरेज दिवस

12 दिसंबर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सदस्य देशों से सार्वभौमिक (यूनिवर्सल) स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में कदम उठाने के लिए लाये गये एक प्रस्ताव का समर्थन किया. इस दौरान सभी सदस्य देशों से अपने-अपने क्षेत्र में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज शतप्रतिशत आबादी के लिए सुनिश्चत करने की अपील की गई. इसके साथ ही गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ संरचना विकसित करने की अपील की गई, ताकि स्वास्थ सुविधाओं के अभाव में किसी भी व्यक्ति को जान नहीं गंवाना पड़े. इन जरूरतों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने एक संकल्प के द्वारा 12 दिसंबर 2017 को इंटरनेशनल यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज दिवस मनाने का निर्णय लिया.

21 सितंबर 2023 को आयोजित सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च-स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक के दौरान इस बात पर फोकस किया गया कि स्वस्थ लोग स्वस्थ समाज और अर्थव्यवस्था की नींव हैं. वैश्निक स्वास्थ कवरेज सभी सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जरूरी है. इसके बाद स्वास्थ के क्षेत्र में आज भी बड़ी चुनौती है. इसके लिए बड़े पैमाने नीति, नियत और धन की आवश्यकता है.

  1. दुनिया की आधी आबादी को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं है.
  2. अनुमान के मुताबिक 2 अरब लोगों को अपनी जेब से स्वास्थ्य खर्च के कारण वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
  3. इसमें अत्यधिक गरीबी में रहने वाले 344 मिलियन लोग भी शामिल हैं.
  4. 2015 में सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development GOALS) लॉन्च होने के बाद पहली बार कोविड-19 महामारी के कारण स्वास्थ्य सेवा कवरेज का विस्तार रूक गया. इसके पीछे मुख्य कारण ज्यादातर देशों की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना.
  5. कोरोना संकट ने स्वास्थ्य सेवा कवरेज की कमियों को जनता के सामने खोलकर रख दिया. आज भी ज्यादातर देशों में सामान्य दिनों की जरूरत के हिसाब से स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. क्षेत्रीय और राष्ट्रीय आपदा के समय के लिए आधारभूत संरचना तो दूर की बात है.

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस क्यों है खास

12 दिसंबर को स्वास्थ के क्षेत्र में काम करने वाले दुनिया भर के सामाजिक कार्यकर्ता, स्वयंसेवी संस्थाएं नीति निर्मातओं से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज पर कार्रवाई की मांग करने के लिए सबों को एक साथ आने की अपील करता है. इस दिन नेताओं से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश करने का आह्वान किया जाता है, ताकि कोई भी पीछे न छूटे. हमारा जीवन, आजीविका और भविष्य इस पर निर्भर है.

इंटरनेशनल यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज दिवस का उद्देश्य मल्टी स्टेक होल्डर पार्टनर्स के साथ मजबूत व लचीली स्वास्थ्य प्रणालियों और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. हर साल 12 दिसंबर के दिन स्वास्थ्य की प्रतीक्षा कर रहे करोड़ों-करोड़ों लोगों के लिए नीतियों बनाने और उसे जमीन पर उतारने के लिए ठोस कदम उठाने की वकालत करते हैं. इस दौरान इस क्षेत्र की उपलब्धियों का समर्थन किया जाता है. 2030 तक हर किसी के लिए बेहतर स्वास्थ सुविधाएं लाने की चुनौती को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

संकट हो या शांति हर समय स्वास्थ्य प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिए काम करना होगा. स्वास्थ के क्षेत्र में हमें ऐसा सिस्टम विकिसित करना होगा जिसमें अमीर हो या गरीब, दुर्गम इलाका हो शहर का कोई कोना, महिलाएं हों या बच्चे, हो किशोर सबों को सभी जगहों पर सुलभ रूप से इलाज की सुविधा मिले.

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हैदराबाद : आज भी दुनिया की बड़ी आबादी को समय पर समुचित मात्रा में स्वास्थ सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. आर्थिक कारणों व घर के आसपास बेहतर आधारभूत संरचना के अभाव में बड़ी संख्या में लोग इलाज के बिना मर जा रहे हैं. राज्य सरकार, केंद्र सरकार व कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के प्रयास के बाद सबों के लिए स्तरीय आधारभूत स्वास्थ आधारभूत संरचनाएं उपलब्ध नहीं है. स्वास्थ के क्षेत्र में आधारभूत संरचाना और नीतियों की कमी को दूर करने के लिए वैश्विक स्तर पर नीति निर्मातओं का ध्यान आकृष्ट करने के लिए हर साल 12 दिसंबर को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस के रूप में मनाया जाता है.

International Health Coverage Day
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य कवरेज दिवस

12 दिसंबर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सदस्य देशों से सार्वभौमिक (यूनिवर्सल) स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में कदम उठाने के लिए लाये गये एक प्रस्ताव का समर्थन किया. इस दौरान सभी सदस्य देशों से अपने-अपने क्षेत्र में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज शतप्रतिशत आबादी के लिए सुनिश्चत करने की अपील की गई. इसके साथ ही गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ संरचना विकसित करने की अपील की गई, ताकि स्वास्थ सुविधाओं के अभाव में किसी भी व्यक्ति को जान नहीं गंवाना पड़े. इन जरूरतों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने एक संकल्प के द्वारा 12 दिसंबर 2017 को इंटरनेशनल यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज दिवस मनाने का निर्णय लिया.

21 सितंबर 2023 को आयोजित सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च-स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक के दौरान इस बात पर फोकस किया गया कि स्वस्थ लोग स्वस्थ समाज और अर्थव्यवस्था की नींव हैं. वैश्निक स्वास्थ कवरेज सभी सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जरूरी है. इसके बाद स्वास्थ के क्षेत्र में आज भी बड़ी चुनौती है. इसके लिए बड़े पैमाने नीति, नियत और धन की आवश्यकता है.

  1. दुनिया की आधी आबादी को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं है.
  2. अनुमान के मुताबिक 2 अरब लोगों को अपनी जेब से स्वास्थ्य खर्च के कारण वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
  3. इसमें अत्यधिक गरीबी में रहने वाले 344 मिलियन लोग भी शामिल हैं.
  4. 2015 में सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development GOALS) लॉन्च होने के बाद पहली बार कोविड-19 महामारी के कारण स्वास्थ्य सेवा कवरेज का विस्तार रूक गया. इसके पीछे मुख्य कारण ज्यादातर देशों की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना.
  5. कोरोना संकट ने स्वास्थ्य सेवा कवरेज की कमियों को जनता के सामने खोलकर रख दिया. आज भी ज्यादातर देशों में सामान्य दिनों की जरूरत के हिसाब से स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. क्षेत्रीय और राष्ट्रीय आपदा के समय के लिए आधारभूत संरचना तो दूर की बात है.

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस क्यों है खास

12 दिसंबर को स्वास्थ के क्षेत्र में काम करने वाले दुनिया भर के सामाजिक कार्यकर्ता, स्वयंसेवी संस्थाएं नीति निर्मातओं से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज पर कार्रवाई की मांग करने के लिए सबों को एक साथ आने की अपील करता है. इस दिन नेताओं से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश करने का आह्वान किया जाता है, ताकि कोई भी पीछे न छूटे. हमारा जीवन, आजीविका और भविष्य इस पर निर्भर है.

इंटरनेशनल यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज दिवस का उद्देश्य मल्टी स्टेक होल्डर पार्टनर्स के साथ मजबूत व लचीली स्वास्थ्य प्रणालियों और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. हर साल 12 दिसंबर के दिन स्वास्थ्य की प्रतीक्षा कर रहे करोड़ों-करोड़ों लोगों के लिए नीतियों बनाने और उसे जमीन पर उतारने के लिए ठोस कदम उठाने की वकालत करते हैं. इस दौरान इस क्षेत्र की उपलब्धियों का समर्थन किया जाता है. 2030 तक हर किसी के लिए बेहतर स्वास्थ सुविधाएं लाने की चुनौती को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

संकट हो या शांति हर समय स्वास्थ्य प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिए काम करना होगा. स्वास्थ के क्षेत्र में हमें ऐसा सिस्टम विकिसित करना होगा जिसमें अमीर हो या गरीब, दुर्गम इलाका हो शहर का कोई कोना, महिलाएं हों या बच्चे, हो किशोर सबों को सभी जगहों पर सुलभ रूप से इलाज की सुविधा मिले.

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Last Updated : Dec 12, 2023, 6:19 AM IST
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