नई दिल्ली : संसद के दोनों सदनों के विपक्षी सांसदों ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को बैठक की थी. इस बैठक के बाद कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया कि पेगासस जासूसी कांड, महंगाई और कृषि कानूनों को उठाने के लिए आने वाले दिनों में विपक्ष की यह एकता जारी रहेगी.
बता दें कि विपक्ष आने वाले दिनों में समानांतर संसद चलाने की रणनीति भी बना रहा है. मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्षी सांसदों के लिए नाश्ते की मेजबानी की, जिसमें 15 पार्टियों के 100 से ज्यादा सांसद शामिल हुए.
आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस बैठक से दूर रहीं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा, 'पिछले दो सप्ताह से सभी विपक्षी दल एकजुट होकर इन मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं. नए कृषि कानून, महंगाई और पेगासस हमारे एजेंडे में हैं और हम सरकार से इन मुद्दों पर उचित चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार इन मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए मुझे लगता है कि यह एकता आने वाले दिनों में भी बनी रहेगी.'
मंगलवार को ब्रेकफास्ट मीटिंग के बाद विपक्षी सांसदों ने ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में साइकिल मार्च निकाला. ये नेता साइकिल से कॉन्स्टिट्यूशन क्लब से संसद तक गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने की मांग की.
नसीर हुसैन ने कहा, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि से आम आदमी परेशान है. इस विरोध के माध्यम से हम दिखाना चाहते थे कि आम आदमी के लिए दैनिक जीवन की गतिविधियों के लिए ईंधन का खर्च वहन करना कितना मुश्किल हो गया है.
विपक्ष का सरकार पर चर्चा से पीछे हटने का आरोप
पेगासस जासूसी कांड पर विपक्ष की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर, कांग्रेस नेता ने कहा, 'सरकार इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहती है क्योंकि अब वे न सिर्फ विपक्षी नेताओं की, बल्कि न्यायाधीशों, पत्रकारों, चुनाव आयुक्त और सेना अधिकारी की जासूसी और निगरानी करते हुए रंगे हाथ पकड़े गए हैं. सरकार जानती है कि उसके पास इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए वह इस पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं.
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कांग्रेस सांसद ने स्पष्ट किया कि विपक्ष आगामी दिनों में भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेगा. यह भी कहा जा रहा है कि विपक्ष 'मॉक पार्लियामेंट' पर विचार कर सकता है क्योंकि केंद्र ने अभी तक पेगासस पर संसद में चर्चा करने की उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया है.
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमले करते हुए संसद के कार्य को बाधित करने का आरोप लगाया है. पीएम ने कहा है कि विपक्ष के विरोध के कारण बार-बार सदन का स्थगन 'संविधान, लोकतंत्र और जनता' का अपमान है.