नंदुरबार: नवापुर रेलवे स्टेशन के बारे में तो आप में से कई लोगों ने सुना होगा. लेकिन शायद आपको इस बात का पता नहीं होगा कि यह दो राज्यों में स्थित हैं. इसे सीधे शब्दों में कहें तो यह दो राज्यों की सीमा पर बना है. इस स्टेशन का आधा हिस्सा महाराष्ट्र और आधा भाग गुजरात में हैं. वैसे ये महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में है. वहीं, स्टेशन का दूसरा भाग गुजरात के तापी जिले में स्थित है.
यह स्टेशन कई मायनों में अनोखा है. इस स्टेशन पर रेल से जुड़ी तमाम जानकारी चार भाषाओं में दी जाती है. इनमें मराठी, गुजराती अंग्रेजी और हिंदी शामिल हैं. यही नहीं अनाउंसमेंट भी इन चारों भाषाओं में होता है. ऐसे में यात्रियों को यहां पर एक अलग ही एहसास होता है. इससे अधिक खासियत यह है कि प्लेटफॉर्म पर एक बेंच लगा हुआ है जिसका एक भाग महाराष्ट्र में है तो दूसरा भाग गुजरात में है. लोगों को इस बैंच पर बैठकर बड़ा ही सुखद एहसास होता है. ऐसा अनुभव कहीं और नहीं किया जा सकता है.
नवापुर रेलवे स्टेशन को लेकर लंबी कहानी है. दरअसल इस स्टेशन का निर्माण गुजरात और महाराष्ट्र के बंटवार से पहले हुआ था. एक मई 1961 को जब दोनों प्रांतों के बीच बंटवारा हुआ तो यह स्टेशन बिल्कुल सीमा पर था. तभी इसे दोनों प्रांतों की सीमा पर रखने का फैसला किया गया. वैसे इसे किसी एक राज्य में रखा जा सकता था. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. तब से इस स्टेशन की एक अलग पहचान बन गई. सोशल मीडिया के प्रति लोगों के बढ़ते रूझान को देखते हुए यहां एक सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है. यहां काफी संख्या में यात्री फोटो खिंचवाते हैं. इससे भी मजेदार बात यह है कि नवापुर स्टेशन का स्टेशन मास्टर गुजरात में बैठते हैं, जबकि इसकी खिड़की महाराष्ट्र में पड़ती है. 800 मीटर लंबा नवापुर रेलवे स्टेशन का एक हिस्सा करीब 300 मीटर महाराष्ट्र में पड़ता है जबकि दूसरा करीब 500 मीटर भाग गुजरात में पड़ता है.
(एएनआई)