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हरिद्वार : कुंभ मेले से पहले भिक्षुकों का होगा कायाकल्प, पुलिस दिलाएगी सम्मान

कुंभ मेला पुलिस द्वारा हरकी पैड़ी एवं आसपास के क्षेत्र को भिक्षुक मुक्त बनाने का अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान पुलिस भिक्षुकों के हुलिए को बदल रही है. साथ ही उन्हें बेहतर जीलनयापन के लिए प्रेरित कर रही है.

भिक्षुकों का होगा कायाकल्प
भिक्षुकों का होगा कायाकल्प
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Published : Jan 8, 2021, 11:05 PM IST

हरिद्वार: कुंभ मेला पुलिस द्वारा हरकी पैड़ी एवं आसपास के क्षेत्र को भिक्षुक मुक्त बनाने का अभियान चला रही है. कुंभ मेला पुलिस द्वारा चलाया गया यह अभियान अपने आप में अनोखा और मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण है. हरिद्वार में पुलिस द्वारा इस तरह का पहला अभियान चलाया गया है. अभी तक अभियान में भिक्षुकों को पकड़कर भिक्षुक गृह में दाखिल करा दिया जाता था. जिसका परिणाम यह होता था कि पकड़े गए भिखारी भिक्षुक गृह की अभिरक्षा अवधि खत्म होने के बाद जैसे ही छूटते थे, वापस हरकी पैड़ी पर आकर भिक्षावृत्ति में लिप्त हो जाते थे.

कुंभ मेला पुलिस

डीजीपी ने की पहल

डीजीपी अशोक कुमार की पहल पर पुलिस ने अनोखा अभियान चलाया है. इस अभियान का उद्देश्य पकड़े गए भिक्षुक के जीवन में इस प्रकार का परिवर्तन लाना है ताकि वह भिक्षावृत्ति त्याग कर सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित हो सकें. कुंभ मेला पुलिस की एक टीम द्वारा सादे वस्त्रों में हरकी पैड़ी क्षेत्र में जाकर भिक्षुकों के निवास एवं भीख मांगने वाले स्थानों की रेकी की गई. मेला पुलिस की अलग-अलग टीमों के द्वारा हरकी पैड़ी एवं आसपास के क्षेत्रों में भीख मांग रहे 103 भिक्षुकों को भिक्षुक गृह भेजा गया. इस दौरान सभी भिक्षुकों का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है.

पढ़ें: अगर आप व्हाट्सएप चलाते हैं तो हो जाएं सावधान, ये खबर आपके लिए है

पुलिस ने भिक्षुकों का हुलिया बदलने के लिए हेयर कटिंग और शेविंग भी कराई. इस दौरान कई भिक्षुक अपने आप को शीशे में भी नहीं पहचान पाए. संजय गुंज्याल द्वारा मौजूद सभी भिक्षुकों से वार्ता की गई और उन्हें बताया गया कि इस बार कुंभ मेला पुलिस का उद्देश्य उन्हें पकड़कर सिर्फ भिक्षुक गृह में बंद करना नहीं है. बल्कि जो लोग भिक्षावृत्ति छोड़कर सम्मानजनक तरीके से जीवनयापन करना चाहते हैं, उनकी मदद करना है.

हरिद्वार: कुंभ मेला पुलिस द्वारा हरकी पैड़ी एवं आसपास के क्षेत्र को भिक्षुक मुक्त बनाने का अभियान चला रही है. कुंभ मेला पुलिस द्वारा चलाया गया यह अभियान अपने आप में अनोखा और मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण है. हरिद्वार में पुलिस द्वारा इस तरह का पहला अभियान चलाया गया है. अभी तक अभियान में भिक्षुकों को पकड़कर भिक्षुक गृह में दाखिल करा दिया जाता था. जिसका परिणाम यह होता था कि पकड़े गए भिखारी भिक्षुक गृह की अभिरक्षा अवधि खत्म होने के बाद जैसे ही छूटते थे, वापस हरकी पैड़ी पर आकर भिक्षावृत्ति में लिप्त हो जाते थे.

कुंभ मेला पुलिस

डीजीपी ने की पहल

डीजीपी अशोक कुमार की पहल पर पुलिस ने अनोखा अभियान चलाया है. इस अभियान का उद्देश्य पकड़े गए भिक्षुक के जीवन में इस प्रकार का परिवर्तन लाना है ताकि वह भिक्षावृत्ति त्याग कर सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित हो सकें. कुंभ मेला पुलिस की एक टीम द्वारा सादे वस्त्रों में हरकी पैड़ी क्षेत्र में जाकर भिक्षुकों के निवास एवं भीख मांगने वाले स्थानों की रेकी की गई. मेला पुलिस की अलग-अलग टीमों के द्वारा हरकी पैड़ी एवं आसपास के क्षेत्रों में भीख मांग रहे 103 भिक्षुकों को भिक्षुक गृह भेजा गया. इस दौरान सभी भिक्षुकों का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है.

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पुलिस ने भिक्षुकों का हुलिया बदलने के लिए हेयर कटिंग और शेविंग भी कराई. इस दौरान कई भिक्षुक अपने आप को शीशे में भी नहीं पहचान पाए. संजय गुंज्याल द्वारा मौजूद सभी भिक्षुकों से वार्ता की गई और उन्हें बताया गया कि इस बार कुंभ मेला पुलिस का उद्देश्य उन्हें पकड़कर सिर्फ भिक्षुक गृह में बंद करना नहीं है. बल्कि जो लोग भिक्षावृत्ति छोड़कर सम्मानजनक तरीके से जीवनयापन करना चाहते हैं, उनकी मदद करना है.

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