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तोमर की दो टूक- कृषि कानून नहीं होंगे रद्द

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर से लेकर किसानों की नाराजगी तक के मुद्दे पर हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया. आइए जानते हैं कृषि मंत्री ने क्या कुछ कहा...

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
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Published : Jun 20, 2021, 2:13 AM IST

ग्वालियर : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कृषि कानूनों को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान यूनियन कानूनों में कमियां बताएं तो हम उस पर चर्चा और निराकरण करने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही तोमर ने मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तनों की अटलकों पर विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह स्थिर है और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अच्छी तरीके से काम कर रही है.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से खास बातचीत.

तोमर इस वक्त अपने दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर-चंबल अंचल में हैं. वह लगातार ग्वालियर-चंबल अंचल के जिलों में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ योजना बना रहे हैं, जिससे संक्रमण के दौरान लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित ना होना पड़े. साथ ही जहां मेडिकल उपकरण की कमी है, वहां पर मेडिकल उपकरण उपलब्ध करा रहे है. कृषि कानूनों के अलावा कई मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने बेबाकी से जवाब दिए हैं. आइए जानते हैं...

सवाल- भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है. इसको रोकने के लिए आप किस तरह तैयार हैं ?

जवाब- तोमर ने कहा कि भगवान से प्रार्थना है कि अब तीसरी लहर ना आए, लेकिन फिर भी अगर तीसरी लहर आती है तो राज्य और केंद्र सरकार इसको लेकर चिंतित और गंभीर है. इसके लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. अगर तीसरी लहर आती है तो भारत इसको रोकने में सफल होगा. इसके साथ ही वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से चल रहा है, जल्द ही वैक्सीनेशन का काम पूरा हो जाएगा.

सवाल- किसान आंदोलन को लेकर आपकी क्या राय बनी है. आखिर कब तक ये चलेगा ?

जवाब- लंबे अंतराल के बाद सोच समझकर मोदी सरकार ने कृषि कानूनों को पारित किया है, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ किसान यूनियन हैं, जो कानूनों का विरोध कर रहे हैं, लेकिन देशभर में बड़ी संख्या में किसान यूनियन और किसान कृषि कानूनों के समर्थन में हैं. इसलिए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जा सकता है. सरकार और किसान यूनियन के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है. किसान यूनियन कानूनों में कमियां बताएं तो हम उस पर चर्चा और निराकरण करने के लिए तैयार हैं.

सवाल- पंजाब में किसान ग्रामीण विकास निधि को लेकर परेशान हैं. बोला जा रहा है कि केंद्र ने रकम रोक दी है ?

जवाब- केंद्र सरकार सभी राज्यों में समान व्यवहार पर भरोसा रखती है और किसी भी प्रकार की निधि को रोका नहीं गया है, लेकिन जो केंद्र सरकार की नीति है उसको राज्य सरकार ठीक से इस्तेमाल करें और समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें. हमारे मंत्रालय में किसी भी राज्य को अप्रोच करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है. हमारे यहां निधि सभी राज्यों को समय से पहले स्थानांतरित कर दी जाती है.

सवाल- लगातार सरसों के तेल के साथ खाद्य तेलों के दाम बढ़ रहे हैं इसके पीछे क्या कारण है ?

जवाब- आपने देखा होगा जब दलहन और तिलहन के भाव बढ़ने की स्थिति आई तो केंद्र सरकार ने इसको संज्ञान में लिया और जो आवश्यक उपाय किए जाते हैं वह सभी किए हैं. आपने देखा होगा कि खाद्य पदार्थ और तेल के दाम भी गिर गये हैं. भारत सरकार एक तरफ किसानों को उनका वाजिब दाम मिले इसकी बराबर चिंता करती है तो वही उपभोक्ता को भी सस्ते दामों पर खाद्यान्न सामग्री मिले इसके ऊपर भी जवाबदेही बरती है.

सवाल- एमएसपी पंजाब में सीधे किसानों के खाते में गया है. क्या अन्य राज्यों में भी ऐसा होगा ?

जवाब- जब से केंद्र में मोदी आए हैं तब से जो सरकारी पैसे का बंदरबांट होता था, उसको रोकने की कोशिश की गई है और जिस का हक का पैसा है, वह पूरी ईमानदारी से उसके खाते में जाना चाहिए. आपको ध्यान हो कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे कि हम यहां से 100 रुपये भेजते हैं और किसानों को पहुंचते-पहुंचते सिर्फ 15 रह जाते हैं, लेकिन मोदी इससे उलट हैं. मोदी 100 रुपये भेजते हैं और 100 रुपये ही पहुंचते हैं.

पीएम सम्मान निधि के अंतर्गत 135000 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर किया गया है. खाद्यान्न का उपार्जन भारत सरकार करती है और कई वर्षों से उपार्जन का जो पैसा है भारत सरकार सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर कर रही है, लेकिन पंजाब और हरियाणा अपवाद थे. पंजाब हमेशा जब खरीद का विषय आता था तो वो निवेदन करती थी कि हमारी तैयारी नहीं हो पाई है, इसलिए पंजाब और हरियाणा ही बचे थे.

सवाल- इस वक्त लगातार मध्य प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज है. मुलाकातों का दौर जारी है. बताया यह भी जा रहा है कि सीएम बनने में आप का नाम भी आ रहा है ?

जवाब- मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह स्थिर है और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अच्छी तरीके से काम कर रही है. सामान्य मेल मिलाप को राजनीतिक दृष्टि से देखना यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है. सब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं और जब एक-दूसरे के यहां जाते हैं तो मेल मिलाप होता है.

ग्वालियर : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कृषि कानूनों को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान यूनियन कानूनों में कमियां बताएं तो हम उस पर चर्चा और निराकरण करने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही तोमर ने मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तनों की अटलकों पर विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह स्थिर है और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अच्छी तरीके से काम कर रही है.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से खास बातचीत.

तोमर इस वक्त अपने दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर-चंबल अंचल में हैं. वह लगातार ग्वालियर-चंबल अंचल के जिलों में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ योजना बना रहे हैं, जिससे संक्रमण के दौरान लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित ना होना पड़े. साथ ही जहां मेडिकल उपकरण की कमी है, वहां पर मेडिकल उपकरण उपलब्ध करा रहे है. कृषि कानूनों के अलावा कई मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने बेबाकी से जवाब दिए हैं. आइए जानते हैं...

सवाल- भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है. इसको रोकने के लिए आप किस तरह तैयार हैं ?

जवाब- तोमर ने कहा कि भगवान से प्रार्थना है कि अब तीसरी लहर ना आए, लेकिन फिर भी अगर तीसरी लहर आती है तो राज्य और केंद्र सरकार इसको लेकर चिंतित और गंभीर है. इसके लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. अगर तीसरी लहर आती है तो भारत इसको रोकने में सफल होगा. इसके साथ ही वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से चल रहा है, जल्द ही वैक्सीनेशन का काम पूरा हो जाएगा.

सवाल- किसान आंदोलन को लेकर आपकी क्या राय बनी है. आखिर कब तक ये चलेगा ?

जवाब- लंबे अंतराल के बाद सोच समझकर मोदी सरकार ने कृषि कानूनों को पारित किया है, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ किसान यूनियन हैं, जो कानूनों का विरोध कर रहे हैं, लेकिन देशभर में बड़ी संख्या में किसान यूनियन और किसान कृषि कानूनों के समर्थन में हैं. इसलिए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जा सकता है. सरकार और किसान यूनियन के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है. किसान यूनियन कानूनों में कमियां बताएं तो हम उस पर चर्चा और निराकरण करने के लिए तैयार हैं.

सवाल- पंजाब में किसान ग्रामीण विकास निधि को लेकर परेशान हैं. बोला जा रहा है कि केंद्र ने रकम रोक दी है ?

जवाब- केंद्र सरकार सभी राज्यों में समान व्यवहार पर भरोसा रखती है और किसी भी प्रकार की निधि को रोका नहीं गया है, लेकिन जो केंद्र सरकार की नीति है उसको राज्य सरकार ठीक से इस्तेमाल करें और समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें. हमारे मंत्रालय में किसी भी राज्य को अप्रोच करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है. हमारे यहां निधि सभी राज्यों को समय से पहले स्थानांतरित कर दी जाती है.

सवाल- लगातार सरसों के तेल के साथ खाद्य तेलों के दाम बढ़ रहे हैं इसके पीछे क्या कारण है ?

जवाब- आपने देखा होगा जब दलहन और तिलहन के भाव बढ़ने की स्थिति आई तो केंद्र सरकार ने इसको संज्ञान में लिया और जो आवश्यक उपाय किए जाते हैं वह सभी किए हैं. आपने देखा होगा कि खाद्य पदार्थ और तेल के दाम भी गिर गये हैं. भारत सरकार एक तरफ किसानों को उनका वाजिब दाम मिले इसकी बराबर चिंता करती है तो वही उपभोक्ता को भी सस्ते दामों पर खाद्यान्न सामग्री मिले इसके ऊपर भी जवाबदेही बरती है.

सवाल- एमएसपी पंजाब में सीधे किसानों के खाते में गया है. क्या अन्य राज्यों में भी ऐसा होगा ?

जवाब- जब से केंद्र में मोदी आए हैं तब से जो सरकारी पैसे का बंदरबांट होता था, उसको रोकने की कोशिश की गई है और जिस का हक का पैसा है, वह पूरी ईमानदारी से उसके खाते में जाना चाहिए. आपको ध्यान हो कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे कि हम यहां से 100 रुपये भेजते हैं और किसानों को पहुंचते-पहुंचते सिर्फ 15 रह जाते हैं, लेकिन मोदी इससे उलट हैं. मोदी 100 रुपये भेजते हैं और 100 रुपये ही पहुंचते हैं.

पीएम सम्मान निधि के अंतर्गत 135000 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर किया गया है. खाद्यान्न का उपार्जन भारत सरकार करती है और कई वर्षों से उपार्जन का जो पैसा है भारत सरकार सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर कर रही है, लेकिन पंजाब और हरियाणा अपवाद थे. पंजाब हमेशा जब खरीद का विषय आता था तो वो निवेदन करती थी कि हमारी तैयारी नहीं हो पाई है, इसलिए पंजाब और हरियाणा ही बचे थे.

सवाल- इस वक्त लगातार मध्य प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज है. मुलाकातों का दौर जारी है. बताया यह भी जा रहा है कि सीएम बनने में आप का नाम भी आ रहा है ?

जवाब- मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह स्थिर है और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अच्छी तरीके से काम कर रही है. सामान्य मेल मिलाप को राजनीतिक दृष्टि से देखना यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है. सब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं और जब एक-दूसरे के यहां जाते हैं तो मेल मिलाप होता है.

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