ETV Bharat / bharat

Amit Shah's Three-day Tour: तीन राज्यों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह का तीन दिवसीय तूफानी दौरा, चुनावी रणनीति होगी तैयार

author img

By

Published : Feb 24, 2023, 10:56 PM IST

हमेशा की तरह इस बार भी 2024 लोकसभा चुनाव और 2023-24 तक के राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री अमित शाह रणनीति तैयार कर रहे हैं. इसी रणनीति को लागू करने के लिए अलग-अलग राज्यों के उनका तीन दिवसीय तूफानी हो रहा है. पढ़ें इस पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

Home Minister Amit Shah
गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दक्षिण भारत के लिए गेटवे माने जाने वाले कर्नाटक से अपने दौरे की शुरुआत की और फिर शाह शुक्रवार को मध्यप्रदेश पहुंचे. यहां उन्होंने कोल जाति महाकुंभ में शामिल होकर जनजातीय समुदाय को संबोधित किया और वोटरों व खासकर जनजातीय समुदाय पर पार्टी के प्रभाव को भांपने की कोशिश की. गुरुवार को ही अमित शाह ने बेल्लारी और संदूर में आयोजित जनसभा को संबोधित कर कर्नाटक चुनाव का आगाज किया था और अब शाह अपने तीन दिवसीय दौरे का समापन बिहार से करेंगे.

बिहार में अमित शाह का दौरा भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जिस तरह से गठबंधन से अलग होने के बाद से नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर लगातार निशाना साधते रहे हैं, उसे देखते हुए पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसे गृह मंत्री ने एक चुनौती के तौर पर लिया है. इसके साथ ही बीजेपी नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव में उन्हीं के गृहराज्य में पटकनी देने की योजना बना रही है. बिहार में अब बीजेपी विपक्ष में आ गई है, लेकिन लंबे समय तक वह जदयू के साथ गठबंधन में सत्ता चला रही थी.

अब 40 सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी विपक्ष में रहते हुए लोकसभा में अच्छी सीटें लाने की तैयारी कर रही है. यहीं नहीं पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले शाह बिहार पर विशेष योजना बना रहे हैं. साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए भी पार्टी कई कार्यक्रम तैयार कर रही है. पार्टी सूत्रों की माने तो विपक्ष में आ जाने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बरकरार रहे इसके लिए भी जल्दी ही कार्यकर्ता सम्मेलन और बजट से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं.

बिहार में महागठबंधन से पहले नीतीश के खास माने जाने वाले आर सीपी सिंह और अब उपेंद्र कुशवाहा के अलग होने का पूरा पूरा फायदा बीजेपी उठाना चाहती है. इस वजह से भी शाह का बिहार दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसी तरह मध्य प्रदेश में भी साल के आखिर में चुनाव होने हैं और लंबे समय से सत्ता में रही बीजेपी हर हाल में यहां समय रहते एंटी इनकम्बेसी को दूर करना चाहती है. इस वजह से भी इन राज्यों पर पार्टी विशेष ध्यान दे रही है.

कर्नाटक को दक्षिण का गेटवे माना जाता रहा है और पार्टी यहां भी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, ताकि कर्नाटक के बाद तेलंगाना फतह की भी योजना पार्टी जोर शोर से बना सके. ये राज्य लोकसभा चुनाव की दृष्टि से भी बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. बेल्लारी की सभा से गृहमंत्री ने पार्टी के वरिष्ठ नेता येदुरप्पा का नाम भी कई बार लिया. वहीं येदुरप्पा ने चुनावी राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है. ऐसे में सूत्रों की माने तो उनके विकल्प के तौर पर पार्टी उनके बेटे को आगे बढ़ा सकती है.

वहीं ध्यान देने वाली बात यह भी है कि बेल्लारी की सभा में शाह ने मुख्यमंत्री बोम्मई को भी बहुत प्रमुखता नहीं दी, बल्कि राज्य से ज्यादा मोदी सरकार की बात की. शाह की टिप्पणी लिंगायत समुदाय का भरोसा जितने की थी, इसलिए साथ में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का भी वादा किया गया. यही नहीं दो दिन बाद प्रधानमंत्री भी शिवमोगा में बने आधुनिक एयरपोर्ट का उद्घाटन करने शिवमोगा जाने वाले हैं.

इस संबंध में पार्टी के एक राष्ट्रीय महासचिव का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की मात्र घोषणाएं नहीं की जाती, बल्कि उन्हें लागू कैसे करना है, समय-समय पर इसका जायजा भी लिया जाता रहा है. इसलिए केंद्र के नेताओं के दौरे या तो किसी विशेष कार्यक्रमों की वजह से तैयार होते हैं या फिर इन योजनाओं के कार्यान्वयन का जायजा लेने के लिए होते हैं.

पढ़ें: Raipur Congress Plenary Session: CWC सदस्यों के लिए नहीं होंगे चुनाव, कांग्रेस अध्यक्ष करेंगे नॉमिनेट, स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में फैसला

कुल मिलाकर पार्टी के चाणक्य अमित शाह का तीन दिवसीय-तीन राज्यों का तूफानी दौरा इन राज्यों में संगठन को मजबूत करने के लिहाज से तो बनाया ही गया है, साथ ही आगे की रणनीति और केंद्र के संदेश के लिए भी लगाया जा रहा है और आने वाले दिनों में भी कई राज्यों के दौरे देखे जा सकते हैं.

नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दक्षिण भारत के लिए गेटवे माने जाने वाले कर्नाटक से अपने दौरे की शुरुआत की और फिर शाह शुक्रवार को मध्यप्रदेश पहुंचे. यहां उन्होंने कोल जाति महाकुंभ में शामिल होकर जनजातीय समुदाय को संबोधित किया और वोटरों व खासकर जनजातीय समुदाय पर पार्टी के प्रभाव को भांपने की कोशिश की. गुरुवार को ही अमित शाह ने बेल्लारी और संदूर में आयोजित जनसभा को संबोधित कर कर्नाटक चुनाव का आगाज किया था और अब शाह अपने तीन दिवसीय दौरे का समापन बिहार से करेंगे.

बिहार में अमित शाह का दौरा भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जिस तरह से गठबंधन से अलग होने के बाद से नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर लगातार निशाना साधते रहे हैं, उसे देखते हुए पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसे गृह मंत्री ने एक चुनौती के तौर पर लिया है. इसके साथ ही बीजेपी नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव में उन्हीं के गृहराज्य में पटकनी देने की योजना बना रही है. बिहार में अब बीजेपी विपक्ष में आ गई है, लेकिन लंबे समय तक वह जदयू के साथ गठबंधन में सत्ता चला रही थी.

अब 40 सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी विपक्ष में रहते हुए लोकसभा में अच्छी सीटें लाने की तैयारी कर रही है. यहीं नहीं पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले शाह बिहार पर विशेष योजना बना रहे हैं. साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए भी पार्टी कई कार्यक्रम तैयार कर रही है. पार्टी सूत्रों की माने तो विपक्ष में आ जाने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बरकरार रहे इसके लिए भी जल्दी ही कार्यकर्ता सम्मेलन और बजट से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं.

बिहार में महागठबंधन से पहले नीतीश के खास माने जाने वाले आर सीपी सिंह और अब उपेंद्र कुशवाहा के अलग होने का पूरा पूरा फायदा बीजेपी उठाना चाहती है. इस वजह से भी शाह का बिहार दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसी तरह मध्य प्रदेश में भी साल के आखिर में चुनाव होने हैं और लंबे समय से सत्ता में रही बीजेपी हर हाल में यहां समय रहते एंटी इनकम्बेसी को दूर करना चाहती है. इस वजह से भी इन राज्यों पर पार्टी विशेष ध्यान दे रही है.

कर्नाटक को दक्षिण का गेटवे माना जाता रहा है और पार्टी यहां भी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, ताकि कर्नाटक के बाद तेलंगाना फतह की भी योजना पार्टी जोर शोर से बना सके. ये राज्य लोकसभा चुनाव की दृष्टि से भी बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. बेल्लारी की सभा से गृहमंत्री ने पार्टी के वरिष्ठ नेता येदुरप्पा का नाम भी कई बार लिया. वहीं येदुरप्पा ने चुनावी राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है. ऐसे में सूत्रों की माने तो उनके विकल्प के तौर पर पार्टी उनके बेटे को आगे बढ़ा सकती है.

वहीं ध्यान देने वाली बात यह भी है कि बेल्लारी की सभा में शाह ने मुख्यमंत्री बोम्मई को भी बहुत प्रमुखता नहीं दी, बल्कि राज्य से ज्यादा मोदी सरकार की बात की. शाह की टिप्पणी लिंगायत समुदाय का भरोसा जितने की थी, इसलिए साथ में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का भी वादा किया गया. यही नहीं दो दिन बाद प्रधानमंत्री भी शिवमोगा में बने आधुनिक एयरपोर्ट का उद्घाटन करने शिवमोगा जाने वाले हैं.

इस संबंध में पार्टी के एक राष्ट्रीय महासचिव का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की मात्र घोषणाएं नहीं की जाती, बल्कि उन्हें लागू कैसे करना है, समय-समय पर इसका जायजा भी लिया जाता रहा है. इसलिए केंद्र के नेताओं के दौरे या तो किसी विशेष कार्यक्रमों की वजह से तैयार होते हैं या फिर इन योजनाओं के कार्यान्वयन का जायजा लेने के लिए होते हैं.

पढ़ें: Raipur Congress Plenary Session: CWC सदस्यों के लिए नहीं होंगे चुनाव, कांग्रेस अध्यक्ष करेंगे नॉमिनेट, स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में फैसला

कुल मिलाकर पार्टी के चाणक्य अमित शाह का तीन दिवसीय-तीन राज्यों का तूफानी दौरा इन राज्यों में संगठन को मजबूत करने के लिहाज से तो बनाया ही गया है, साथ ही आगे की रणनीति और केंद्र के संदेश के लिए भी लगाया जा रहा है और आने वाले दिनों में भी कई राज्यों के दौरे देखे जा सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.