नई दिल्ली : केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने मानसून सीजन की तैयारियों को लेकर बुधवार को सभी राज्यों के राहत आयुक्तों की वार्षिक समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान भल्ला ने राहत आयुक्तों को तैयारियां पूरी करने और पिछली आपदाओं से सबक लेने को कहा. साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आपदा प्रबंधन योजनाओं (एसडीएमपी) पर भी चर्चा की गई.
गृह सचिव ने राहत आयुक्तों को जलाशयों और बांधों के खतरे और चेतावनी के स्तर पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं और समय पर जांच की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह एक नियमित अभ्यास है और मानसून के आगमन से पहले दिल्ली में प्रतिवर्ष बैठक आयोजित की जाती है. लेकिन यह महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद आमने-सामने आयोजित की जा रही है.
इससे पहले, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने आगामी दक्षिण-पश्चिम मानसून की तैयारियों की समीक्षा के लिए 13 मई को एक समीक्षा बैठक की थी. इसमें 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आपदा प्रबंधन योजनाओं (एसडीएमपी) की योजनाओं की समीक्षा और एक वर्ष में चौबीसों घंटे राज्य आपातकालीन संचालन केंद्रों और जिला आपातकालीन संचालन केंद्रों (डीईओसी) की कार्यक्षमता सुनिश्चित करने पर चर्चा की गई थी.
एनडीएमए की बैठक के दौरान, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सूचित किया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य रहने की संभावना है, जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विचार-विमर्श से बाढ़ के संबंध में सबसे कमजोर क्षेत्रों के लिए प्री-मानसून तैनाती की योजना बनाई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 5 मई को गर्मी और मानसून की तैयारियों पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक समीक्षा बैठक की थी. उन्होंने निर्देश दिया था कि आगामी मानसून को देखते हुए पानी की गुणवत्ता की निगरानी की व्यवस्था अच्छे से की जानी चाहिए, ताकि पानी से फैलने वाली बीमारियों से बचा जा सके.
(IANS)