नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'सभी के लिए स्वास्थ्य' की सोच के अनुरूप जम्मू कश्मीर के 20 जिलों में कई सरकारी अस्पतालों में डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) की स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम की 265 सीटों की अनुमति दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस कदम से न केवल जम्मू कश्मीर के लोगों को बल्कि डॉक्टरों को भी लाभ मिलेगा और उन्हें अपने ही क्षेत्र में प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा.
उसने कहा, "जम्मू कश्मीर के लगभग हर जिले में प्रशिक्षित विशेषज्ञ मुहैया कराने की सोच के साथ भारत सरकार ने इसे मिशन मोड में चुनौती के रूप में लिया है." मंत्रालय ने कहा, "स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुर्विज्ञान में परीक्षाओं के राष्ट्रीय बोर्ड (एनबीईएमएस) के साथ अग्रणी भूमिका को अपनाया है और सुनिश्चित किया है कि जम्मू कश्मीर के अनेक सरकारी अस्पतालों में एनबीईएमएस की कई पीजी सीट दी जाएं."
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50% of DNB PG seats are reserved for local in-service doctors. J&K docs are getting an opportunity of being trained in their own region. This was Phase 1 of the expansion of medical education. In Phase 2, more PG seats will be granted: Union Health Minister Dr Mansukh Mandaviya
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— ANI (@ANI) November 8, 202250% of DNB PG seats are reserved for local in-service doctors. J&K docs are getting an opportunity of being trained in their own region. This was Phase 1 of the expansion of medical education. In Phase 2, more PG seats will be granted: Union Health Minister Dr Mansukh Mandaviya
— ANI (@ANI) November 8, 2022
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया, "पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 20 जिला सरकारी अस्पतालों में 265 डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल सीटें दी." उन्होंने कहा, "डीएनबी पीजी सीटों में से 50 प्रतिशत स्थानीय इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए आरक्षित हैं. जम्मू-कश्मीर के डॉक्टरों को अपने ही क्षेत्र में प्रशिक्षित होने का अवसर मिल रहा है. यह चिकित्सा शिक्षा के विस्तार का पहला चरण है. दूसरे चरण में और अधिक पीजी सीटें दी जाएंगी."
इसके परिणामस्वरूप विस्तार योजना के पहले चरण में फिलहाल 20 जिलों में पीजी की 250 से अधिक सीट की अनुमति दी है. दो और पीजी सीट दूसरे चरण में दी जाएंगी. आधी पीजी सीट स्थानीय सेवारत डॉक्टरों के लिए आरक्षित हैं ताकि उन्हें स्नातकोत्तर प्रशिक्षण का अवसर मिल सके.
(पीटीआई-भाषा)