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राजस्थान में कोयला संकट को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का तर्क, 'एनजीओ करते हैं हल्ला'

देश के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का कहना है कि राजस्थान को छत्तीसगढ़ से कोयला मिलने में आ रही परेशानियों का कारण एनजीओ (Union energy minister on Rajasthan coal crisis) रहे. एनजीओ कोल आवंटन की प्रोसेस को बिगाड़ने और हल्ला करने का काम करते हैं. हालांकि अब राजस्थान को छत्तीसगढ़ से कायेला मिल रहा है.

Union energy minister in Udaipur, Energy ministers conference in Udaipur
कोयला संकट को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का तर्क.
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Published : Oct 14, 2022, 7:51 PM IST

उदयपुर. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का कहना है कि राजस्थान सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार से कोयला लेकर आई, लेकिन इस बीच कई मुद्दों पर टकराव देखने को मिला. मंत्री ने कहा कि वहां पर प्रॉब्लम छत्तीसगढ़ सरकार के कारण नहीं (Union energy minister on Rajasthan coal crisis) है. कुछ एनजीओ प्रोसेस को बिगाड़ने और हल्ला करने का काम करते हैं. लेकिन अब छत्तीसगढ़ से लगातार कोयले का आवंटन किया जा रहा है.

यह बात ऊर्जा मंत्री ने देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन में कही. शुक्रवार से आयोजित इस सम्मेलन में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, उप मुख्यमंत्री महाराष्ट्र देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री नई दिल्ली मनीष सिसोदिया सहित कई राज्यों के ऊर्जा मंत्री मौजूद रहे. इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने केंद्र सरकार की ओर से ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे विकास के कामों को लेकर अपनी बात रखी.

कोयला संकट को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का तर्क.

पढ़ें: Coal Crisis in Rajasthan: छत्तीसगढ़ के सरगुजा कोल माइंस में कोयला खत्म होने की कगार पर, केंद्र से अतिरिक्त कोयले की मांग..

उन्होंने राजस्थान में इस साल हुए कोयला संकट की समस्याओं को लेकर गोलमोल जवाब दिया. मंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में काम किया जा रहा है. सरकार सौर और पवन ऊर्जा को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत में अन्य देशों की तुलना में तेज गति से काम हो रहा है. दुनिया के कई देशों में एनर्जी क्राइसिस देखा जा रहा है, लेकिन भारत में ऐसा कोई संकट नहीं है.

राजस्थान में कोयले के संकट को लेकर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि कोयला की उपलब्धता एक बड़ा चैलेंज है. मंत्री ने कहा कि कोयले का संकट लगातार बढ़ती बिजली की डिमांड के चलते है. उन्होंने कहा कि हमने 3 करोड़ लोगों को नए कनेक्शन दिए हैं. मंत्री ने कहा कि नए कोयले की खदान को शुरू करने में काफी समय लगता है. मंत्री ने कहा कि इस तरह की नेचुरल समस्या है. पिछले दिनों राजस्थान में जिस तरह से कोयले की संकट के कारण समस्या खड़ी हुई.

पढ़ें: Power Cuts in Bharatpur: बिजली खपत 30 फीसदी बढ़ी, मंडरा रहा ब्लैकआउट का खतरा

कोयला संकट एक चुनौती: कोयला खदान शुरू करने में समय लगता है. पर्यावरण क्लियरेंस में ही 1 साल और भूमि अवाप्ति में ही 1.5 साल लगते हैं. 3 साल के पहले खदान शुरू ही नहीं हो सकती. इन क्लीयरेंस पर भी समाधान करना होगा. एनजीओ हल्ला करते हैं.वह भी मैनेज हो गया है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमने 1.82 लाख ट्राजिस्टर लाइन बढ़ाई हैं. डिमांड बढ़ने के चलते बढ़ोतरी की जा रही हैं. सबस्टेशन का अपग्रेडेशन, ग्रामीण क्षैत्र में बिजली उपलब्धता और क्षमता बढ़ रही हैं, लेकिन खपत भी बढ़ रही है.

पढ़ें: राजस्थान सरकार का कोल इंडिया के साथ MoU, केंद्रीय मंत्री बोले- राजस्थान के पास 7 दिन का कोयला शेष

उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को बिजली पहुंचाने का पैसा नहीं लिया जा रहा है. सीधे सब्सिडी देना उचित है. लेकिन संतुलन जरूरी है. इलेक्ट्रिक एनर्जी व्हीकल के लिए क्षमता बढ़ा रहे हैं. इसलिए आने वाले समय में ऊर्जा की कमी नहीं होगी. इसी के साथ ग्रामीण क्षेत्र में सोलर की दर ज्यादा है. साल भर पहले सोलर उपकरण चीन से 80 प्रतिशत आ रहा था. फिर हमने मेक इन इंडिया के तहत उपकरण तैयार करने शुरू किए.

इस दो दिवसीय सम्मेलन में केंद्र सरकार के साथ राज्यों को ऊर्जा के क्षेत्र में आ रही परेशानियों पर चर्चा की जा रही है. देश में ऊर्जा के क्षेत्र में पावर सप्लाई सिस्टम को बढ़ाने के साथ इसमें किस-किस तरह की समस्याएं आ रही हैं. राज्य और केंद्र सरकार मिलकर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करते हैं. मंत्री ने कहा कि देश में ऊर्जा की कमी देखने को मिलती थी. लेकिन धीरे-धीरे सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में काम करते हुए इस कमी को 0.1 प्रतिशत तक लेकर आया गया है.

उदयपुर. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का कहना है कि राजस्थान सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार से कोयला लेकर आई, लेकिन इस बीच कई मुद्दों पर टकराव देखने को मिला. मंत्री ने कहा कि वहां पर प्रॉब्लम छत्तीसगढ़ सरकार के कारण नहीं (Union energy minister on Rajasthan coal crisis) है. कुछ एनजीओ प्रोसेस को बिगाड़ने और हल्ला करने का काम करते हैं. लेकिन अब छत्तीसगढ़ से लगातार कोयले का आवंटन किया जा रहा है.

यह बात ऊर्जा मंत्री ने देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन में कही. शुक्रवार से आयोजित इस सम्मेलन में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, उप मुख्यमंत्री महाराष्ट्र देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री नई दिल्ली मनीष सिसोदिया सहित कई राज्यों के ऊर्जा मंत्री मौजूद रहे. इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने केंद्र सरकार की ओर से ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे विकास के कामों को लेकर अपनी बात रखी.

कोयला संकट को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का तर्क.

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उन्होंने राजस्थान में इस साल हुए कोयला संकट की समस्याओं को लेकर गोलमोल जवाब दिया. मंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में काम किया जा रहा है. सरकार सौर और पवन ऊर्जा को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत में अन्य देशों की तुलना में तेज गति से काम हो रहा है. दुनिया के कई देशों में एनर्जी क्राइसिस देखा जा रहा है, लेकिन भारत में ऐसा कोई संकट नहीं है.

राजस्थान में कोयले के संकट को लेकर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि कोयला की उपलब्धता एक बड़ा चैलेंज है. मंत्री ने कहा कि कोयले का संकट लगातार बढ़ती बिजली की डिमांड के चलते है. उन्होंने कहा कि हमने 3 करोड़ लोगों को नए कनेक्शन दिए हैं. मंत्री ने कहा कि नए कोयले की खदान को शुरू करने में काफी समय लगता है. मंत्री ने कहा कि इस तरह की नेचुरल समस्या है. पिछले दिनों राजस्थान में जिस तरह से कोयले की संकट के कारण समस्या खड़ी हुई.

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कोयला संकट एक चुनौती: कोयला खदान शुरू करने में समय लगता है. पर्यावरण क्लियरेंस में ही 1 साल और भूमि अवाप्ति में ही 1.5 साल लगते हैं. 3 साल के पहले खदान शुरू ही नहीं हो सकती. इन क्लीयरेंस पर भी समाधान करना होगा. एनजीओ हल्ला करते हैं.वह भी मैनेज हो गया है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमने 1.82 लाख ट्राजिस्टर लाइन बढ़ाई हैं. डिमांड बढ़ने के चलते बढ़ोतरी की जा रही हैं. सबस्टेशन का अपग्रेडेशन, ग्रामीण क्षैत्र में बिजली उपलब्धता और क्षमता बढ़ रही हैं, लेकिन खपत भी बढ़ रही है.

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उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को बिजली पहुंचाने का पैसा नहीं लिया जा रहा है. सीधे सब्सिडी देना उचित है. लेकिन संतुलन जरूरी है. इलेक्ट्रिक एनर्जी व्हीकल के लिए क्षमता बढ़ा रहे हैं. इसलिए आने वाले समय में ऊर्जा की कमी नहीं होगी. इसी के साथ ग्रामीण क्षेत्र में सोलर की दर ज्यादा है. साल भर पहले सोलर उपकरण चीन से 80 प्रतिशत आ रहा था. फिर हमने मेक इन इंडिया के तहत उपकरण तैयार करने शुरू किए.

इस दो दिवसीय सम्मेलन में केंद्र सरकार के साथ राज्यों को ऊर्जा के क्षेत्र में आ रही परेशानियों पर चर्चा की जा रही है. देश में ऊर्जा के क्षेत्र में पावर सप्लाई सिस्टम को बढ़ाने के साथ इसमें किस-किस तरह की समस्याएं आ रही हैं. राज्य और केंद्र सरकार मिलकर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करते हैं. मंत्री ने कहा कि देश में ऊर्जा की कमी देखने को मिलती थी. लेकिन धीरे-धीरे सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में काम करते हुए इस कमी को 0.1 प्रतिशत तक लेकर आया गया है.

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