बेंगलुरु : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) का आधिकारिक निर्देश पत्र जारी किया. इस निर्देश पत्र में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की विकास प्रक्रिया, संरचना और उद्देश्य सूचीबद्ध होंगे.राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 चार क्षेत्र- स्कूल शिक्षा, बचपन में आरंभिक देखभाल और शिक्षा (ECCE), अध्यापक शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) के विकास की सिफारिश करती है. इन पाठ्यक्रम रूपरेखाओं के विकास के लिए जानकारी प्रदान करने के लिहाज से एनईपी, 2020 के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के अंतर्गत इस पर आधारित कुल 25 विषयों की पहचान की गई है.
आधिकारिक निर्देश पत्र राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा की विकास प्रक्रिया, इसकी अपेक्षित संरचना, इसके उद्देश्यों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के कुछ बुनियादी सिद्धांतों का वर्णन करती है. राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा को एक सहयोगी और परामर्शी प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किया जा रहा है, जो जिले से शुरू होकर राज्य स्तर और फिर राष्ट्रीय स्तर तक है. मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा के विकास के लिए स्थिति पत्रों के दिशा-निर्देश इस आधिकारिक निर्देश पत्र का अभिन्न अंग हैं.
इस दौरान बताया गया कि एनसीएफ को एक सहयोगी और परामर्शी प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किया जा रहा है, जो जिले से शुरू होकर राज्य स्तर और फिर राष्ट्रीय स्तर पर है. साथ ही राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे के विकास के लिए स्थिति पत्रों के लिए दिशानिर्देश इस जनादेश दस्तावेज का एक अभिन्न अंग है. साथ ही तकनीकी मंच और मोबाइल एप की मदद से स्कूल, जिला और राज्य स्तर पर बहुत व्यापक परामर्श के साथ पाठ्यक्रम की रूपरेखा की पूरी प्रक्रिया कागज रहित तरीके से की जा रही है.
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हालांकि एनसीएफ में अभी तक 1975,1988,2000 और 2005 में चार बार संशोधित किया जा चुका है. प्रस्तावित संशोधन रूप रेखा का पांचवां हिस्सा होगा. इसके अलावा पाठ्यक्रम ढांचे का संशोधन एनईपी द्वारा प्रस्तावित प्रस्तावित राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र के तहत एक समान मूल्यांकन और मूल्यांकन प्रणाली जैसे परीक्षा सुधारों के कार्यान्वयन के अनुरूप होगा. साथ ही शिक्षा के माध्यम के रूप में घरेलू भाषा को लागू करने के तरीके क्या हैं इस पर भी विचार-विमर्श किया गया. क्योंकि कोविड के दौरान ऑनलाइन शिक्षा के आयोजन में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा.