नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर कहा है कि सरकार आंदोलनकारी किसान संगठनों से बातचीत के लिए तैयार है. कृषि मंत्री का यह बयान शनिवार को तब आया जब केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने केएमपी हाईवे को अगले 24 घंटे के लिए बंद कर दिया.
किसान आंदोलन से लोगों को हो रही कठिनाई पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री तोमर ने किसान यूनियनों से आंदोलन की राह छोड़ वार्ता के लिए आने की अपील की है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि नए कृषि कानूनों का देशभर में स्वागत हो रहा है और देशभर के किसानों में नए कृषि सुधार को लेकर कोई असंतोष नहीं है.
उन्होंने एक बयान में कहा, 'देश के हजारों किसान संगठन, अर्थशास्त्री और समाज के विभिन्न वर्ग कृषि सुधार बिलों का स्वागत कर रहे हैं.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ ही लोग नए कृषि काूननों का विरोध कर रहे हैं, फिर भी सरकार ने आंदोलनकारी किसान संगठनों के साथ 11 दौर की वार्ता की ताकि किसानों की अगर कोई समस्या है तो उसका समाधान हो.
उन्होंने कहा कि किसान यूनियनों के साथ बातचीत के दौरान जो मसले समाने आए उनके समाधान के लिए सरकार ने उन्हें प्रस्ताव भी दिया, लेकिन उन प्रस्तावों को नकारने के लिए सरकार ने एक समिति बनाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत तमाम मसलों पर विचार करने का प्रस्ताव देते हुए कहा कि इस विचार-विमर्श के दौरान 18 महीने तक नए कानूनों के अमल पर रोक लगी रहेगी.
प्रस्ताव की सराहना पूरे देश में
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव की सराहना पूरे देश में हुई, लेकिन आंदोलनकारी किसान यूनियनों ने इसे अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अस्वीकार करने का यूनियनों ने कोई कारण भी नहीं बताया.
सरकार के साथ बातचीत का दौर जारी रहने के बीच आंदोलन चलाने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आंदोलन तब चलाया जाता है, जब आंदोलनकारी की मांग पर सरकार चर्चा करने को तैयार न हों, लेकिन सरकार ने खुले मन से 11 दौर की वार्ता की और किसान संगठन आदोलन को स्थगित कर जब भी आएं सरकार उनके मसलों पर विचार करने और उनका समाधान करने के लिए तैयार है.
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