नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने अफगानिस्तान के हालात पर चिंता जताई है. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनडीपी ने अपने बयान में कहा कि पिछले 20 साल में अफगानिस्तान में काफी कठिन मेहनत से जो भी विकास हासिल हुआ है, इन हालातों में उस पर असर पड़ेगा.
एक बयान में यूएनडीपी ने कहा कि वह लाखों अफगानियों और दुनिया भर में शांति और मानवाधिकारों का सम्मान करने वालों के साथ है, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म के हैं, किसी भी पृष्ठभूमि, पेशे वाले हों, राजनीतिक रूप से किसी के साथ जुड़े हों. साथ ही यूएनडीपी ने अफगानिस्तान में शांति और मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया.
यूएनडीपी प्रशासक अचिम स्टेनर ने कहा, 'हम चिंतित हैं कि ये संघर्ष और अनिश्चितता के हालात उस समय हैं जब COVID-19 महामारी का दौर चल रहा है. ऐसे हालात में अफगान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को खतरा हो सकता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस समय अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए और उनका समर्थन करना जारी रखना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में अफगानिस्तान में जन्म के समय जीवन प्रत्याशा नौ साल तक बढ़ी है. यूएनडीपी की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार, स्कूली शिक्षा के वर्ष छह से बढ़कर 10 हो गए और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय दोगुनी से अधिक हो गई.
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स्टेनर ने अपने बयान में दोहराया कि 'अफगान लोगों को अब पहले से कहीं अधिक विकास और मानवीय समर्थन की आवश्यकता है, और हम जल्द से जल्द वहां के हालात ठीक होने, COVID समस्याओं को दूर करने और बड़े पैमाने पर विस्थापन रोकने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'