मुंबई: भारतीय एजेंसियों को अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन (underworld don Chhota Rajan) के करीबी और फाइनेंस हैंडलर संतोष सावंत उर्फ अबू सावंत (Santosh alias Abu Sawant) को सिंगापुर से भारत लाने में सफलता मिली है.केंद्रीय जांच ब्यूरो और मुंबई क्राइम ब्रांच के संयुक्त अभियान के बाद उसे सिंगापुर से डिपोर्ट कर दिल्ली लाया गया था. वहीं सीबीआई ने अबू सावंत को दिल्ली से हिरासत में लिया. पिछले दो दशकों से फरार चल रहे सावंत के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था. उसके खिलाफ मकोका सहित कई अन्य मामले भी दर्ज हैं. कोर्ट ने अबू सावंत को 2 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
हालांकि संतोष उर्फ अबू सावंत को सिंगापुर से भारत प्रत्यर्पित करने का प्रयास वर्ष 2000 से ही शुरू हो गए थे लेकिन उसमें अब जाकर उसे भारत लाने में सफलता मिली है. इतना ही नहीं अबू सावंत होटल व्यवसाय की आड़ में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के लिए काम संभाल रहा था. सीबीआई ने उसके खिलाफ मुंबई क्राइम ब्रांच के साथ कई मामले भी दर्ज किए हैं. गैंगस्टर डीके राव के बाद अबू सावंत छोटा राजन गैंग में नंबर 2 का अपराधी था. बता दें कि छोटा राजन पर 2000 में हमला होने के बाद रवि पुजारी, हेमंत पुजारी, बंटी पांडे, संतोष और विजय शेट्टी, एजाज लकड़ावाला जैसे उनके करीबी दोस्तों ने उसका साथ छोड़ दिया था. लेकिन अंडरवर्ल्ड में घुसने की कोशिश करने वाला अबू सावंत, छोटा राजन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा और जल्द ही उसका करीबी दोस्त बन गया था.
बताया जाता है कि छोटा राजन ने डीके राव को गिरोह का प्रबंधन करने का काम सौंपा था जबकिअबू सावंत को अपने और गिरोह के काले धन की निगरानी करने का काम सौंपा था. संतोष सावंत के पिता पेशे से रियल एस्टेट से जुड़े हुए थे. ऐसे में उसे प्रॉपर्टी डीलिंग और फाइनेंस की अच्छी समझ थी. इस वजह से सावंत ने छोटा राजन की कंपनी की प्रॉपर्टी डीलिंग और फाइनेंस हैंडलिंग को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया था. उस पर मुख्य रूप से डराने-धमकाने, जबरन वसूली आदि का आरोप है. मुंबई समेत देश भर में स्थान को चिन्हित करना, उनसे संपर्क करना और उन्हें धमकाना, प्रोटेक्शन मनी के नाम पर रंगदारी वसूलना, ये सारा काम सावंत की मदद से ही शुरू होता था.
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