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Lab Leak Theory : लैब से वायरस के रिसाव की बहस हुई और भी तेज, अमेरिकी जांच में चौंकाने वाले खुलासे - लैब से वायरस के रिसाव

अमेरिका में कोरोनावायरस लैब लीक थ्योरी पर अनिश्चितता. उपसमिति ने कहा कि नए साक्ष्य से पता चलता है कि डॉ फौसी ने आदेश दिया, संपादित करने में मदद की और नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित द प्रॉक्सिमल ओरिजिन ऑफ सार्स-सीओवी-2 शीर्षक वाले पेपर को अंतिम मंजूरी दी. Coronavirus Lab Leak Theory .

Lab Leak Theory
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Published : Mar 8, 2023, 12:40 PM IST

वाशिंगटन : कोरोनावायरस महामारी पर यूएस हाउस सिलेक्ट सब-कमेटी के अनुसार, व्हाइट हाउस के पूर्व मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथोनी फौसी ने कोविड लैब लीक थ्योरी को खारिज करने वाला फरवरी 2020 का विज्ञान पेपर तैयार किया था. प्रवर उपसमिति ने कहा कि नए ईमेल साक्ष्य से पता चलता है कि डॉ. फौसी ने आदेश दिया, संपादित करने में मदद की और नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित 'द प्रॉक्सिमल ओरिजिन ऑफ सार्स-सीओवी-2' शीर्षक वाले पेपर को अंतिम मंजूरी दी.

पेपर ने इस थ्योरी को अस्वीकृत कर दिया कि कोविड चीन के कुख्यात वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ( WIV ) में उत्पन्न हुआ. इसके बजाय यह दिखाया गया कि कोरोनावायरस में 'म्यूटेशन' होता है और इसकी प्रजाति किसी जानवर के शरीर से छलांग लगाकर किसी मानव के शरीर में प्रवेश कर जाता है. दो महीने बाद अप्रैल, 2020 में फौसी ने इस चिंता को दूर करने के लिए उसी पेपर का हवाला दिया कि यह संभव कि कोविड वायरस चीनी लैब से निकला हो.

लैब लीक थ्योरी को 'अस्वीकार' करने को प्रेरित किया
सिलेक्ट सब-कमेटी द्वारा खोजे गए ईमेल से वैज्ञानिक पेपर के सह-लेखक डॉ. क्रिस्टियन एंडरसन ने यह भी खुलासा किया है कि फौसी ने लैब लीक थ्योरी को 'अस्वीकार' करने के लक्ष्य के साथ पेपर लिखने के लिए उन्हें 'प्रेरित' किया था. ईमेल में कहा गया है, "इस स्थान पर बहुत सारी अटकलें, भय-शोक और साजिशें सामने आई हैं. (यह पेपर) जेरेमी फराह (एसआईसी), टोनी फौसी और फ्रांसिस कॉलिन्स द्वारा प्रेरित था. यह पेपर 12 फरवरी, 2020 को एंडरसन ने पत्रिका नेचर मेडिसिन को भेजा था."

इसके अलावा, ईमेल से पता चलता है कि 17 फरवरी को जिस दिन 'प्रॉक्सिमल ओरिजिन' पेपर प्रकाशित हुआ था, ब्रिटिश गैर-लाभकारी संस्था वेलकम ट्रस्ट के प्रमुख फर्रार ने पत्रिका को पेपर में एक महत्वपूर्ण बदलाव करने के लिए कहा था. उन्होंने लिखा है, "माइक्रोमैनेज/माइक्रो एडिट के लिए क्षमा करें! लेकिन क्या आप एक वाक्य बदलने के इच्छुक हैं?" फर्रार ने लैब से वायरस के रिसाव के बारे में एक बयान में 'अनलाइकली' ( संभावना नहीं ) शब्द को बदलकर 'इम्प्रोबैबल' ( असंभव ) करने के लिए कहा.

ईमेल में लिखा है
"यह असंभव है कि सार्स-कोव-2 एक मौजूदा सार्स-संबंधित कोरोनावायरस के प्रयोगशाला हेरफेर के माध्यम से उभरा." महामारी के दो साल से अधिक समय के बाद कोविड-19 की उत्पत्ति अस्पष्ट बनी हुई है. यह वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिकों और राजनेताओं के साथ एक राजनीतिक और वैज्ञानिक बहस रही है कि कोरोनोवायरस चमगादड़ से लोगों में आया या एक प्रयोगशाला से लीक हुआ. पिछले महीने अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने 'कम आत्मविश्वास' के साथ निष्कर्ष निकाला कि कोविड-19 वायरस चीन की एक प्रयोगशाला से लीक हुआ है. इससे पहले, 2021 में, यूएस फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने भी 'मध्यम विश्वास' के साथ लैब लीक के दावे पर सहमति जताई थी.

इस बीच, चीन ने प्रयोगशाला रिसाव सिद्धांत को खारिज करना जारी रखा और सुझाव दिया कि यह चीन के बाहर उभरा है. इसने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जांच पर भी सीमाएं लगा दी हैं. चीन ने अमेरिकी ऊर्जा विभाग की नवीनतम रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि महामारी की उत्पत्ति का पता लगाना विज्ञान के बारे में है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने इस सिद्धांत पर विचार किया है कि 'पूरी संभावना' है कि महामारी वाला वायरस चीनी प्रयोगशाला से लीक हुआ हो. Coronavirus Lab Leak Theory.

(आईएएनएस)

(This is an agency copy and has not been edited by ETV Bharat.)

ये भी पढ़ेंः Rare Disease Day : सैकड़ों दुर्लभ रोगों के इलाज के लिए बनी है राष्ट्रीय नीति, इस योजना के तहत भी मिलती है सुविधा

वाशिंगटन : कोरोनावायरस महामारी पर यूएस हाउस सिलेक्ट सब-कमेटी के अनुसार, व्हाइट हाउस के पूर्व मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथोनी फौसी ने कोविड लैब लीक थ्योरी को खारिज करने वाला फरवरी 2020 का विज्ञान पेपर तैयार किया था. प्रवर उपसमिति ने कहा कि नए ईमेल साक्ष्य से पता चलता है कि डॉ. फौसी ने आदेश दिया, संपादित करने में मदद की और नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित 'द प्रॉक्सिमल ओरिजिन ऑफ सार्स-सीओवी-2' शीर्षक वाले पेपर को अंतिम मंजूरी दी.

पेपर ने इस थ्योरी को अस्वीकृत कर दिया कि कोविड चीन के कुख्यात वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ( WIV ) में उत्पन्न हुआ. इसके बजाय यह दिखाया गया कि कोरोनावायरस में 'म्यूटेशन' होता है और इसकी प्रजाति किसी जानवर के शरीर से छलांग लगाकर किसी मानव के शरीर में प्रवेश कर जाता है. दो महीने बाद अप्रैल, 2020 में फौसी ने इस चिंता को दूर करने के लिए उसी पेपर का हवाला दिया कि यह संभव कि कोविड वायरस चीनी लैब से निकला हो.

लैब लीक थ्योरी को 'अस्वीकार' करने को प्रेरित किया
सिलेक्ट सब-कमेटी द्वारा खोजे गए ईमेल से वैज्ञानिक पेपर के सह-लेखक डॉ. क्रिस्टियन एंडरसन ने यह भी खुलासा किया है कि फौसी ने लैब लीक थ्योरी को 'अस्वीकार' करने के लक्ष्य के साथ पेपर लिखने के लिए उन्हें 'प्रेरित' किया था. ईमेल में कहा गया है, "इस स्थान पर बहुत सारी अटकलें, भय-शोक और साजिशें सामने आई हैं. (यह पेपर) जेरेमी फराह (एसआईसी), टोनी फौसी और फ्रांसिस कॉलिन्स द्वारा प्रेरित था. यह पेपर 12 फरवरी, 2020 को एंडरसन ने पत्रिका नेचर मेडिसिन को भेजा था."

इसके अलावा, ईमेल से पता चलता है कि 17 फरवरी को जिस दिन 'प्रॉक्सिमल ओरिजिन' पेपर प्रकाशित हुआ था, ब्रिटिश गैर-लाभकारी संस्था वेलकम ट्रस्ट के प्रमुख फर्रार ने पत्रिका को पेपर में एक महत्वपूर्ण बदलाव करने के लिए कहा था. उन्होंने लिखा है, "माइक्रोमैनेज/माइक्रो एडिट के लिए क्षमा करें! लेकिन क्या आप एक वाक्य बदलने के इच्छुक हैं?" फर्रार ने लैब से वायरस के रिसाव के बारे में एक बयान में 'अनलाइकली' ( संभावना नहीं ) शब्द को बदलकर 'इम्प्रोबैबल' ( असंभव ) करने के लिए कहा.

ईमेल में लिखा है
"यह असंभव है कि सार्स-कोव-2 एक मौजूदा सार्स-संबंधित कोरोनावायरस के प्रयोगशाला हेरफेर के माध्यम से उभरा." महामारी के दो साल से अधिक समय के बाद कोविड-19 की उत्पत्ति अस्पष्ट बनी हुई है. यह वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिकों और राजनेताओं के साथ एक राजनीतिक और वैज्ञानिक बहस रही है कि कोरोनोवायरस चमगादड़ से लोगों में आया या एक प्रयोगशाला से लीक हुआ. पिछले महीने अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने 'कम आत्मविश्वास' के साथ निष्कर्ष निकाला कि कोविड-19 वायरस चीन की एक प्रयोगशाला से लीक हुआ है. इससे पहले, 2021 में, यूएस फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने भी 'मध्यम विश्वास' के साथ लैब लीक के दावे पर सहमति जताई थी.

इस बीच, चीन ने प्रयोगशाला रिसाव सिद्धांत को खारिज करना जारी रखा और सुझाव दिया कि यह चीन के बाहर उभरा है. इसने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जांच पर भी सीमाएं लगा दी हैं. चीन ने अमेरिकी ऊर्जा विभाग की नवीनतम रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि महामारी की उत्पत्ति का पता लगाना विज्ञान के बारे में है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने इस सिद्धांत पर विचार किया है कि 'पूरी संभावना' है कि महामारी वाला वायरस चीनी प्रयोगशाला से लीक हुआ हो. Coronavirus Lab Leak Theory.

(आईएएनएस)

(This is an agency copy and has not been edited by ETV Bharat.)

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