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केरल के तीन सरकारी अस्पतालों की लापरवाही से अजन्मे बच्चे की मौत

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Published : Sep 17, 2021, 9:28 PM IST

अजन्मे बच्चे की मौत की घटना में परिजनों ने तीन सरकारी अस्पतालों में जांच में लापरवाही बरतने की शिकायत की है.

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कोल्लम : तीन सरकारी अस्पतालों की लापरवाही की वजह से एक अजन्मे बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने मामले की शिकायत की है. आरोप है कि अधिकारियों ने कोल्लम जिले के परिपल्ली से महिला को यह कहते हुए वापस भेज दिया था कि कोई समस्या नहीं है. महिला को पेट में तेज दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

हालांकि अस्पताल बच्चे की मौत की पुष्टि नहीं कर सका है. कोल्लम जिला चिकित्सा अधिकारी ने घटना की जांच शुरू कर दी है. डीएमओ ने कहा कि अस्पतालों की ओर से लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी. परिपल्ली के कुलमाड़ा की रहने वाली मीरा आठ माह की गर्भवती थी. पेट में तेज दर्द के कारण उन्हें 11 अगस्त को नेदुंगोलम रामा राव मेमोरियल तालुक अस्पताल परवूर में भर्ती कराया गया था. हालांकि उसे बाद में विक्टोरिया महिला अस्पताल और फिर सैट अस्पताल, तिरुवनंतपुरम भेजा गया था.

यह भी पढ़ें-पीएम के जन्मदिन पर वैक्सीनेशन का नया रिकॉर्ड, लगे 2.20 करोड़ से अधिक डोज

परिजनों का आरोप है कि विभिन्न कारणों से अस्पतालों में उसकी जांच तक नहीं की गई. अंतत: 15 तारीख को मेडिकल कॉलेज अस्पताल तिरुवनंतपुरम में भर्ती कराया गया. बाद में जब स्कैन किया गया तो पता चला कि बच्चा हिल नहीं रहा है.

कोल्लम : तीन सरकारी अस्पतालों की लापरवाही की वजह से एक अजन्मे बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने मामले की शिकायत की है. आरोप है कि अधिकारियों ने कोल्लम जिले के परिपल्ली से महिला को यह कहते हुए वापस भेज दिया था कि कोई समस्या नहीं है. महिला को पेट में तेज दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

हालांकि अस्पताल बच्चे की मौत की पुष्टि नहीं कर सका है. कोल्लम जिला चिकित्सा अधिकारी ने घटना की जांच शुरू कर दी है. डीएमओ ने कहा कि अस्पतालों की ओर से लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी. परिपल्ली के कुलमाड़ा की रहने वाली मीरा आठ माह की गर्भवती थी. पेट में तेज दर्द के कारण उन्हें 11 अगस्त को नेदुंगोलम रामा राव मेमोरियल तालुक अस्पताल परवूर में भर्ती कराया गया था. हालांकि उसे बाद में विक्टोरिया महिला अस्पताल और फिर सैट अस्पताल, तिरुवनंतपुरम भेजा गया था.

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परिजनों का आरोप है कि विभिन्न कारणों से अस्पतालों में उसकी जांच तक नहीं की गई. अंतत: 15 तारीख को मेडिकल कॉलेज अस्पताल तिरुवनंतपुरम में भर्ती कराया गया. बाद में जब स्कैन किया गया तो पता चला कि बच्चा हिल नहीं रहा है.

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