प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद के उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित कार्यालय से पुलिस और जांच एजेंसियों ने 74 लाख 62 हजार रुपए और असलहों की बड़ी खेप बरामद की थी. पुलिस ने अतीक के पांच गुर्गों को गिरफ्तार करके उनकी निशानदेही पर ये बड़ी कामयाबी हासिल की थी. इसके बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिर अतीक अहमद के ढहे हुए कार्यालय में उमेश पाल हत्याकांड के 26 दिन बाद पुलिस क्यों और कैसे पहुंची.
इस सवाल के जवाब में पुलिस अफसरों का कहना है कि पहले भी इस कार्यालय की जांच पड़ताल की गई थी. उसकी निगरानी भी की जा रही थी. मंगलवार को माफिया अतीक अहमद के विश्वनीय मुंशी और ड्राइवर समेत पांच गुर्गों को पकड़कर उनकी निशानदेही पर मलबे से रकम और अवैध असलहे बरामद किए गए हैं. आरोपियों ने वहां पर ले जाकर रकम कब छिपायी थी, इस बारे में आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे विस्तृत पूछताछ की जाएगी. पुलिस ने बुधवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करके रिमांड मांगी थी. लेकिन, कोर्ट ने उसे खारिज करते हुए सभी पांचों आरोपियाों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया.
प्रयागराज धूमनगंज के चकिया में बने कार्यालय से माफिया अतीक के गैंग के लिए काम करने वाले 5 लोगों को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरोह के गिरफ्तार सदस्यों की निशानदेही पर पुलिस ने अतीक के कार्यालय से 10 असलहे, 112 कारतूस 74 लाख 62 हजार रुपए बरामद किए थे. गिरफ्तार हुए आरोपियों में नियाज अहमद, मोहम्मद शजर, कैश अहमद, राकेश कुमार और अरशद खान शामिल हैं. पुलिस ने बुधवार को इन सभी को सीजीएम कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने पांचों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
ये भी पढ़ेंः माफिया अतीक अहमद ने उमेश पाल को क्यों मारा, कहीं वो चार केस तो वजह नहीं