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Umesh Pal Murder Case : जेलों में कुख्यातों पर नजर रखने के लिए लगाए जाएंगे 1200 सीसीटीवी कैमरे - strictness on criminals in UP jails

यूपी की जेलों की सर्विलांस को और मजबूत करने के लिए 1200 सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं. बीते दिनों चित्रकूट जेल में अब्बास अंसारी ने अवैध रूप से पत्नी निखत से मुलाकात की थी. इसके बाद शासन ने और सख्ती कर दी है.

Umesh Pal Murder Case
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Published : Mar 15, 2023, 1:17 PM IST

लखनऊ: चित्रकूट व बरेली जेल में बंद कुख्यात अपराधियों से हुई बेधड़क मुलाकातों के बाद अब जेलों की सर्विलांस को और मजबूत किया जा रहा है. इसके चलते अब जेलों में और 1200 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिससे जेल के हर हिस्से में मौजूद कुख्यात अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.

यूपी के कारागार व होमगार्ड राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने चित्रकूट और बरेली जेल जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी जेलों में टॉप टेन अपराधियों की 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाए. यही नहीं हाई सिक्योरिटी सेल में कड़ी निगरानी रहे और यहां तैनात किए जाने वाले कर्मियों को लगातार बदला जाए. कारागार मंत्री ने कहा है कि जेलों में जल्द 1200 और सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे. मंत्री प्रजापति ने कहा कि कारागारों में वर्तमान में 3600 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. उन्होंने जेल अधिकारियों को एक सप्ताह में 1200 सीसीटीवी कैमरे और लगाए जाने के निर्देश दिए हैं.

मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा है कि राज्य की 25 जेलों में 100 बॉडी वॉर्न कैमरे भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका प्रयोग ड्यूटी के समय अधिकारी व कर्मचारी अनिवार्य रूप से करेंगे और उनकी लाइव फीड भी कारागार मुख्यालय को उपलब्ध कराएंगे. मंत्री के मुताबिक, चरणबद्ध ढंग से राज्य की सभी जेलों में बॉडी वार्न कैमरे उपलब्ध कराए जा रहे हैं. राजधानी में अभी 22 जेलों में हाई सिक्योरिटी सेल हैं, जिनकी अब 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी का कड़ा निर्देश दिया गया है. कारागार मुख्यालय में स्थापित वीडियो वाल के जरिए भी इनके प्रसारण की लगातार निगरानी के कड़े निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि बीते दिनों चित्रकूट जेल में मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी अवैध रूप से अपनी पत्नी निखत से प्राइवेट कमरे में मुलाकात कर रहा था. एसपी और डीएम ने जब औचक निरक्षण किया तो दोनों को रंगे हाथ पकड़ा था. इस मुलाकात के पीछे जेल के सभी अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई थी. यही नहीं प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड की जांच के दौरान सामने आया था कि बरेली जेल में बंद अतीक अहमद का भाई अशरफ लगातार शूटर्स से अवैध रूप से मुलाकातें कर रहा था.

यह भी पढ़ें: Umesh Pal Murder Case : पकड़ा गया युवक नैनी सेंट्रल जेल में किसके लिए ले जा रहा था स्मार्ट फोन ?

लखनऊ: चित्रकूट व बरेली जेल में बंद कुख्यात अपराधियों से हुई बेधड़क मुलाकातों के बाद अब जेलों की सर्विलांस को और मजबूत किया जा रहा है. इसके चलते अब जेलों में और 1200 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिससे जेल के हर हिस्से में मौजूद कुख्यात अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.

यूपी के कारागार व होमगार्ड राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने चित्रकूट और बरेली जेल जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी जेलों में टॉप टेन अपराधियों की 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाए. यही नहीं हाई सिक्योरिटी सेल में कड़ी निगरानी रहे और यहां तैनात किए जाने वाले कर्मियों को लगातार बदला जाए. कारागार मंत्री ने कहा है कि जेलों में जल्द 1200 और सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे. मंत्री प्रजापति ने कहा कि कारागारों में वर्तमान में 3600 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. उन्होंने जेल अधिकारियों को एक सप्ताह में 1200 सीसीटीवी कैमरे और लगाए जाने के निर्देश दिए हैं.

मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा है कि राज्य की 25 जेलों में 100 बॉडी वॉर्न कैमरे भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका प्रयोग ड्यूटी के समय अधिकारी व कर्मचारी अनिवार्य रूप से करेंगे और उनकी लाइव फीड भी कारागार मुख्यालय को उपलब्ध कराएंगे. मंत्री के मुताबिक, चरणबद्ध ढंग से राज्य की सभी जेलों में बॉडी वार्न कैमरे उपलब्ध कराए जा रहे हैं. राजधानी में अभी 22 जेलों में हाई सिक्योरिटी सेल हैं, जिनकी अब 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी का कड़ा निर्देश दिया गया है. कारागार मुख्यालय में स्थापित वीडियो वाल के जरिए भी इनके प्रसारण की लगातार निगरानी के कड़े निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि बीते दिनों चित्रकूट जेल में मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी अवैध रूप से अपनी पत्नी निखत से प्राइवेट कमरे में मुलाकात कर रहा था. एसपी और डीएम ने जब औचक निरक्षण किया तो दोनों को रंगे हाथ पकड़ा था. इस मुलाकात के पीछे जेल के सभी अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई थी. यही नहीं प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड की जांच के दौरान सामने आया था कि बरेली जेल में बंद अतीक अहमद का भाई अशरफ लगातार शूटर्स से अवैध रूप से मुलाकातें कर रहा था.

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