नई दिल्ली : असम में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम यानी ULFA फिर से पैर पसारना शुरू कर दिया है. इसे लेकर गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट सामने आई है. गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन उल्फा असम, दिल्ली एनसीआर और देश के अन्य इलाकों में युवाओं की भर्ती कर उन्हें उग्रवादी ट्रेनिंग दे रहा है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है.
ईटीवी भारत को मिली गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, उल्फा अपहरण के साथ ही सुरक्षाबलों और आम नागरिकों पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है. इस रिपोर्ट के बाद एक्टिव मोड में आए गृह मंत्रालय ने NIA और IB को पूरे मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं. बताया जाता है कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में उल्फा की ओर से युवाओं को उग्रवादी ट्रेनिंग दिए जाने की जानकारी भी दी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, उल्फा असम के डिब्रूगढ़ और दिल्ली एनसीआर में भर्ती अभियान भी चला रहे हैं. डिब्रूगढ़ और दिल्ली एनसीआर से बड़ी तादाद में युवाओं को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन ULFA में भर्ती करने का अभियान चलाया जा रहा है. गृह मंत्रालय की इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि ULFA ने भारत और म्यांमार की सीमा पर नया ट्रेनिंग कैंप खोला है.
गौरतलब है कि ULFA असम के कुछ इलाकों में एक्टिव है. उल्फा की स्थान 7 अगस्त 1979 को हुई थी. असम में कई उग्रवादी गतिविधियों में उल्फा की संलिप्तता की बात सामने आई थी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने उल्फा पर प्रतिबंध लगा दिया था. उल्फा पर गृह मंत्रालय ने पहले से ही बैन लगाया हुआ है. बीच में उल्फा की गतिविधियां सुस्त पड़ गई थीं.