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उल्फा (आई) उग्रवादियों ने ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी को रिहा किया

असम पुलिस मुख्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने सैकिया का 21 अप्रैल को अपहरण किया था और उन्हें आज सुबह नगालैंड के मोन जिले में लोंगवा गांव की सीमा के पास छोड़ दिया.

ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी को रिहा किया
ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी को रिहा किया
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Published : May 22, 2021, 11:50 AM IST

गुवाहाटी: उल्फा (आई) के उग्रवादियों ने ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी रितुल सैकिया को नगालैंड से लगती सीमा के पास म्यांमा में शनिवार सुबह रिहा कर दिया. असम पुलिस मुख्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने सैकिया का 21 अप्रैल को अपहरण किया था और उन्हें आज सुबह नगालैंड के मोन जिले में लोंगवा गांव की सीमा के पास छोड़ दिया.

ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी को रिहा किया
ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी को रिहा किया

अधिकारी ने बताया कि सैकिया को म्यांमा की सीमा की तरफ सुबह करीब सात बजे रिहा किया गया और वह भारतीय राज्य में प्रवेश करने के लिए करीब 40 मिनट तक पैदल चले. उन्होंने कहा कि सेना और नगालैंड पुलिस सैकिया को मोन पुलिस थाने लेकर गईं. असम पुलिस की एक टीम भी वहां मौजूद है और उन्हें वापस घर लाने के लिए औपचारिकताएं पूरी कर रही है.

पढ़ें: टीकाकरण में सरकार ने स्टॉक और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस को किया नजरअंदाज: सीरम के डायरेक्टर

उल्फा (आई) के उग्रवादियों ने 21 अप्रैल को असम-नगालैंड सीमा पर शिवसागर जिले में स्थित लाकवा तेल क्षेत्र से तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों का अपहरण किया था. नगालैंड के मोन जिले में भारत-म्यांमा सीमा के पास एक मुठभेड़ के बाद 24 अप्रैल को दो कर्मचारियों-मोहिनी मोहन गोगोई और अलाकेश सैकिया को बचा लिया गया था जबकि रितुल सैकिया की तलाश चल रही थी.

गुवाहाटी: उल्फा (आई) के उग्रवादियों ने ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी रितुल सैकिया को नगालैंड से लगती सीमा के पास म्यांमा में शनिवार सुबह रिहा कर दिया. असम पुलिस मुख्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने सैकिया का 21 अप्रैल को अपहरण किया था और उन्हें आज सुबह नगालैंड के मोन जिले में लोंगवा गांव की सीमा के पास छोड़ दिया.

ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी को रिहा किया
ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी को रिहा किया

अधिकारी ने बताया कि सैकिया को म्यांमा की सीमा की तरफ सुबह करीब सात बजे रिहा किया गया और वह भारतीय राज्य में प्रवेश करने के लिए करीब 40 मिनट तक पैदल चले. उन्होंने कहा कि सेना और नगालैंड पुलिस सैकिया को मोन पुलिस थाने लेकर गईं. असम पुलिस की एक टीम भी वहां मौजूद है और उन्हें वापस घर लाने के लिए औपचारिकताएं पूरी कर रही है.

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उल्फा (आई) के उग्रवादियों ने 21 अप्रैल को असम-नगालैंड सीमा पर शिवसागर जिले में स्थित लाकवा तेल क्षेत्र से तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों का अपहरण किया था. नगालैंड के मोन जिले में भारत-म्यांमा सीमा के पास एक मुठभेड़ के बाद 24 अप्रैल को दो कर्मचारियों-मोहिनी मोहन गोगोई और अलाकेश सैकिया को बचा लिया गया था जबकि रितुल सैकिया की तलाश चल रही थी.

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