असम: प्रतिबंधित समूह के उल्फा (आई) के एक कैडर ने असम राइफल्स और तिनसुकिया पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. सरेंडर करने वाले उल्फा (आई) के कैडर का नाम मिंटू मोरन उर्फ मदन असोम (25) है. बताया जा रहा है कि मिंटू मोरन साल 2021 में उल्फा (आई) में शामिल हुआ था. अपर असम के आईजीपी जीतमोल डॉली ने दावा किया कि म्यांमार में उल्फा (आई) के शिविर से भागने के बाद मिंटू मोरन ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.
आत्मसमर्पण करने वाला उल्फा (आई) का सदस्य तिनसुकिया जिले के पेंगेरी पुलस थाना क्षेत्र के तरानी गांव का रहने वाला है. मिंटू मोरान उर्फ मदन असोम से तिनसुकिया पुलिस पूछताछ कर और जानकारी की तलाश हासिल करने का प्रयास कर रही है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सरेंडर करने के समय मिंटू ने पिस्टल और तीन जिंदा कारतूस पुलिस को दे दिए.
वहीं, तिनसुकिया जिले का एक और युवक 16 दिन से लापता है. लापता युवकों में गोमीधर महंत का पुत्र विकास महंत है. आशंका जताई जा रही है कि युवक अब उल्फा (आई) में शामिल हो गया है. विकास महंत की 9 महीने पहले शादी हुई थी. विकास महंत 21 मार्च को काम करने के लिए घर से निकला था और 22 मार्च को नलानी के रिश्तेदार के घर से लापता हो गया था. बाद में परिजनों को सूचना मिली कि लड़का हमारे पास आया है.
आपको बता दें कि सुरक्षा बलों ने ऊपरी असम में सामान्य स्थिति बहाल करने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है, जहां कुछ इलाकों में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) (आई) अभी भी अपनी नापाक गतिविधियों को नाकाम करने का काम कर रही है. एक साल के भीतर सुरक्षा बलों ने उल्फा (आई) के 107 कैडरों/ओवर ग्राउंड वर्कर्स को पकड़ा, 60 हथियार बरामद किए. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 22 कैडरों का आत्मसमर्पण सुनिश्चित किया और अन्य 64 की भर्ती को रोका है.