गुवाहाटीः असम के बोंगईगांव जिला में बृहस्पतिवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान उल्फा (आई) का शीर्ष उग्रवादी मारा गया और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया है. राज्य के डीजीपी भास्कर ज्योति महंता ने इस बारे में बताया.
महंता ने कई ट्वीट कर बताया कि प्रतिबंधित संगठन कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों के अपहरण की साजिश रच रहा था लेकिन उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया गया.
उल्फा (आई) पश्चिमी कमान में हाल में नियुक्त दिपेन साउद को मनकीपुर पुलिस थाना क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी के दौरान मार गिराया गया.
महंता ने ट्वीट किया, कुछ दिन पहले ही बोंगईगांव जिला में बेसीमारी (माणिकपुर पुलिस थाना) में पुलिस और उल्फा के बीच मुठभेड़ हुई थी. उल्फा (आई) पश्चिमी कमान के कमांडर ने हाल में दृष्टि राजखोवा की जगह दिपेन साउद को नियुक्त किया था जिसकी गोली लगने से मौत हो गयी.
डीजीपी ने बताया कि मुठभेड़ के बाद साउद को अस्पताल ले जाया गया.
उन्होंने बताया कि स्वयंभू उल्फा (आई) कमांडर के गनमैन पदुम राय को गिरफ्तार किया गया है और उसके पास से हथियार जब्त किये गये हैं.
डीजीपी के अनुसार बेहद सटीक पुलिस खुफिया जानकारी से ऑपरेशन सफल हुआ.
उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा, हमें खुफिया सूचना मिली थी कि वेस्टर्न कमान अन्य भारत विरोधी ताकतों के साथ मिलकर कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों के अपहरण की साजिश रच रही थी जो अब नाकाम होता प्रतीत हो रहा है.
इस कदम के महज आठ दिन पहले प्रतिबंधित संगठन के कुछ उग्रवादियों ने असम-नगालैंड सीमा पर शिवसागर जिला में ओएनजीसी के लकवा तेल कुआं क्षेत्र से उसके तीन कर्मचारियों को अगवा कर लिया था.
ओएनजीसी के दो कर्मचारियों को भारत-म्यांमा सीमा के पास नगालैंड के मोन जिले में मुठभेड़ के बाद 24 अप्रैल को मुक्त करा लिया गया जबकि तीसरे कर्मचारी की तलाश जारी है.
इस पहले क्विप्पो ऑयल एंड गैस इंफ्रास्ट्रक्चर के दो कर्मचारियों को उल्फा (आई) ने दिसंबर में अगवा किया था जिन्हें मुक्त करा लिया गया. दोनों को अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिला में कुमचाईखा हाईड्रोकार्बन ड्रिलिंग साइट से अगवा किया गया था.
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गौरतलब है कि दिपेन साउद उर्फ रामेन नाथ उल्फा (आई) के पश्चिमी जोन का कमांडर था.
बता दें कि इस कदम के महज आठ दिन पहले प्रतिबंधित संगठन के कुछ उग्रवादियों ने असम-नगालैंड सीमा पर शिवसागर जिला में ओएनजीसी के लकवा तेल कुआं क्षेत्र से उसके तीन कर्मचारियों को अगवा कर लिया था.
ओएनजीसी के दो कर्मचारियों को भारत-म्यांमार सीमा के पास नगालैंड के मोन जिले में मुठभेड़ के बाद 24 अप्रैल को मुक्त करा लिया गया था, जबकि तीसरे कर्मचारी की तलाश जारी है. इस पहले क्विप्पो ऑयल एंड गैस इंफ्रास्ट्रक्चर के दो कर्मचारियों को उल्फा (आई) ने दिसंबर में अगवा किया था, जिन्हें मुक्त करा लिया गया। दोनों को अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिला में कुमचाईखा हाईड्रोकार्बन ड्रिलिंग साइट से अगवा किया गया था.